Cricket Country Staff
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Written by Cricket Country Staff
Last Updated on - September 20, 2022 11:59 PM IST
एशिया कप 2022 में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद जब टीम इंडिया टूर्नामेंट से बाहर हुई तो सब उम्मीद लगा रहे थे कि रोहित की अगुवाई वाली टीम जल्द वापसी करेगी। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ T20I सीरीज के पहले मुकाबले में भारत की हार ने बता दिया कि टीम फिलहाल किसी भी तरह के सुधार करने के मूड में नहीं है। मोहाली में खेले गए पहले मुकाबले में भारत को उसी तरह से हार मिली जिसकी बानगी हमें एशिया कप में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ एशिया कप में देखने को मिली थी।
3 मैचों की T20I सीरीज के पहले मुकाबलें में भारत को पहले बल्लेबाजी करने का मौका मिला और उसने केएल राहुल और हार्दिक पांड्या के शानदार अर्धशतक के दम पर 208 रनों का स्कोर 6 विकेट खोकर खड़ा कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के लिए ये बड़ा लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं था लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने खराब गेंदबाजी से मेहमान टीम के लिए सबकुछ आसान कर दिया। आइए एक नजर डालते हैं पहले मुकाबलें में भारत की हार के 4 बड़े कारणों पर….
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जब 20 ओवर में स्कोरबोर्ड पर 208 रनों का स्कोर टांगा दिया तो सभी को लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं होगा। लेकिन भारतीय टीम की फील्डिंग काफी निराशाजनक रही। भारतीय फील्डरों ने एक या 2 नहीं बल्कि 3 कैच टपकाए जिसका खामियाजा टीम को हार के रुप में उठाना पड़ा।
खराब फील्डिंग
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज कैमरून ग्रीन का कैच 8वें ओवर में हर्षल पटेल ने छोड़ दिया। जीवनदान मिलने के बाद कैमरून ने तेजी से रन बटोरे और अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। ग्रीन इस मुकाबले में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज रहे। अगले ही ओवर में केएल राहुल ने भी स्टीव स्मिथ का आसान सा कैच टपका दिया। स्मिथ ने बहुमूल्य 35 रनों की पारी खेली। वहीं, 18वें ओवर में मैथ्यू वेड का कैच हर्षल पटेल पकड़ने में नाकाम रहे।
मैथ्यू वेड की पारी
मैथ्यू वेड के कैच छोड़ने की कीमत टीम इंडिया को हार के रुप में चुकानी पड़ी। वेड उस समय बल्लेबाजी करने आए जब ऑस्ट्रेलिया ने 145 रनों पर 5 विकेट गवां दिए थे और टीम को 6 ओवरों में जीत के लिए 64 रनों की दरकार थी। इसके बाद वेड ने टिम डेविड के साथ मिलकर पारी को संभाला और टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। वेड 21 गेंदों पर 45 रन बनाकर अंत तक नाबाद रहे। उन्होंने अपनी इस पारी में 200 से ज्यादा के स्ट्राईक रेट से रन बनाए और 4 चौके व 2 छक्के जड़े।
डेथ ओवर्स
पिछले कुछ मैचों में भारतीय गेंदबाजों ने डेथ ओवर्स में जिस तरह की गेंदबाजी की है वो किसी भी तरह से वर्ल्ड क्लास गेंदबाजी से मेल नहीं खाती है। हर्षल पटेल के आने से भी इसमें कुछ खास सुधार नहीं हुआ। वहीं, भुवनेश्वर कुमार एक बार फिर आखिरी के ओवरों में विकेट तो दूर की बात रन बचाने में भी नाकाम रहे। भुवी ने 17वें ओवर में जहां 15 रन खर्च किए तो हर्षल ने अगले ही ओवर में 22 रन लुटा दिए। भुवी ने अपने आखिरी ओवर में 16 रन खर्च किए जिसमें आखिरी 3 गेंदों पर वेड ने चौकों की हैट्रिक जमाई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर्षल और भुवी डेथ ओवर्स में बेसअर साबित हुए और उनके जमकर रन लुटाने से टीम इंडिया 208 रन बनाने के बावजूद हार गई।
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