This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
श्रीलंका में IPL 2020 आयोजन के प्रस्ताव पर बीसीसीआई का जवाब- 'अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है बोर्ड'
बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन तो अनिश्चितकाल तक के लिए रद्द कर दिया है।
Written by India.com Staff
Last Published on - April 17, 2020 2:56 PM IST

कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारत में चल रहे 21 दिनों के लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाए जाने के बाद जब बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन को रद्द करने का ऐलान किया तो श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड ने उनके सामने एक प्रस्ताव रखा। श्रीलंका में अभी कोविड-19 के 200 मामले हैं जबकि भारत में इनकी संख्या 13,000 को पार कर चुकी है। भारत में 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
एसएलसी ने आईपीएल 2020 का आयोजन श्रीलंका में कराए जाने का प्रस्ताव बीसीसीआई के सामने रखा था। जिसके जवाब में भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने ये कहा है कि फिलहाल इस तरह के प्रस्ताव पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है।
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘जब दुनिया में सब कुछ ठप्प पड़ा है तब बीसीसीआई कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है।’’
अधिकारी से पूछा गया कि श्रीलंका से पेशकश मिलने पर उसका रवैया क्या हो, उन्होंने कहा, ‘‘एसएलसी से अभी तक इस बारे में कोई प्रस्ताव नहीं मिला तो फिर इस पर चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। ’’
एसएलसी तीन मैदानों गॉल, कैंडी और प्रेमदासा स्टेडियम में मैचों का आयोजन कर सकता है। उसे जुलाई में भारत की तीन वनडे और तीन टी20 की मेजबानी करने की तुलना में आईपीएल के आयोजन से अधिक वित्तीय लाभ होगा।
बीसीसीआई अभी सितंबर-अक्टूबर या अक्टूबर-नवंबर में आईपीएल आयोजित करने का इच्छुक है। ईपीएल को 2009 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित करने के फैसले में शामिल रहे बीसीसीआई के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि मई में शशांक मनोहर के आईसीसी चेयरमैन पद से हटने के बाद तस्वीर बदल सकती हैं।
TRENDING NOW
उन्होंने कहा, ‘‘श्रीलंका आईसीसी में बीसीसीआई का सहयोगी रहा है और उसका प्रस्ताव समझा जा सकता है। लेकिन उसके (मनोहर) अगले महीने हटने के बाद क्या स्थिति होगी। नये समीकरण बन सकते हैं और श्रीलंका ही नहीं कई अन्य विकल्प भी हो सकते हैं।’’