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Covid-19 : ...तो क्या कोरोनावायरस बदल देगा क्रिकेट, टेनिस और फुटबॉल खिलाड़ियों की ये आदतें

क्रिकेट इतिहास में शुरू से ही तेज गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए उस पर लार लगाते रहे हैं

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - April 6, 2020 12:51 PM IST

कोविड-19 (Covid19) वैश्विक महामारी ने इस समय पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है. कोरोनवायरस संक्रमण से दुनिया भर में अब तक 50 हजार से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी है जबकि 10 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं. भारत में इससे संक्रमित मरीजों की संख्या भी 4 हजार को पार कर गई है जबकि इसकी चपेट में आकर लगभग 100 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. कोरोना के कोहराम के कारण इस समय दुनिया में ओलंपिक सहित लगभग सभी खेल प्रतियोगिताएं स्थगित कर दी गई हैं.खिलाड़ी अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं

इस वायरस से बचने के लिए डॉक्टर अन्य व्यक्तियों से संपर्क में दूरी बरतने की सलाह दे रहे हैं. साथ ही खांसी, छींक के दौरान भी रूमाल रखकर छींकने और बार-बार हाथ धोनी की सलाह दे रहे हैं. ऐसे में क्रिकेट के अलावा कई अन्य खेल भी इससे प्रभावित होता दिख रहा है.

क्रिकेट में तेज गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करते हैं 

क्रिकेट में तेज गेंदबाजों का गेंद को चमकाने के लिए उस पर लार लगाना, टेनिस में खिलाड़ियों का अपना तौलिया ‘बॉल ब्वॉयज’ को देना और फुटबॉलरों का मैच से पहले हाथ मिलाना जैसी खिलाड़ियों की कुछ ऐसी आदतें हैं जो हो सकती हैं कि कोरोना वायरस संकट से उबरने के बाद खेलों में ना दिखाई दें.

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क्रिकेट इतिहास में शुरू से ही तेज गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए उस पर लार लगाते रहे हैं. इससे गेंदबाजों को स्विंग हासिल करने में मदद मिलती रही है लेकिन कोविड-19 के बाद क्रिकेट का जो नया संसार होगा उसमें हो सकता है कि गेंदबाज ऐसा नहीं करें.

‘अगर हम गेंद को नहीं चमका पाएंगे तो इससे काफी मुश्किल होगी’

ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने कहा, ‘एक गेंदबाज होने के नाते मुझे लगता है कि टेस्ट मैचों में अगर हम गेंद को नहीं चमका पाएंगे तो इससे काफी मुश्किल होगी.’

टेनिस में अक्सर देखने को मिलता है कि खिलाड़ी अपना पसीना और यहां तक कि खून और आंसू पोंछकर तौलिया गेंद पकड़ने वाले लड़कों या लड़कियों (बॉल ब्वायज और बॉल गर्ल्स) के पास फेंक देते हैं. ऐसे में सभी के मन में इन युवाओं के प्रति सहानुभूति जाग उठती है.

मार्च में कोरोना वायरस के वैश्विक स्तर पर फैलने के बाद अधिकारियों ने इस समस्या को लेकर कदम उठाए. मिकी में जापान और इक्वेडर के बीच खेले गए डेविस कप मैच के दौरान ‘बॉल ब्वॉयज’ और ‘बॉल गर्ल्स’ ने दस्ताने पहन रखे थे.

यही नहीं टोकरियों की भी व्यवस्था की गई थी जिसमें खिलाड़ी अपने तौलिया रख सकें. इससे पहले 2018 में एटीपी ने कुछ प्रतियोगिताओं में तौलिया रखने के लिए विशेष प्रबंध किये थे लेकिन इससे खिलाड़ी खुश नहीं थे.

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यूनान के स्टिफेनोस सिटिसिपास ने मिलान में नेक्स्टजेन फाइनल्स के दौरान कहा था, ‘आपको खेलते हुए जब भी तौलिया की जरूरत पड़ती है तब आपको वह मिल जाए तो इससे काफी मदद मिलती है. मेरा मानना है कि खिलाड़ियों को गेंद और तौलिया उपलब्ध कराना कोर्ट पर मौजूद लड़कों और लड़कियों का काम हैं.’

तब फुटबाल लीग में मैच से पहले हाथ मिलाने का चलन बंद कर दिया गया था

दुनिया भर में खेल गतिविधियां ठप्प पड़ने से पहले शीर्ष फुटबाल लीग में मैच से पहले हाथ मिलाने का चलन बंद कर दिया गया था.

प्रीमियर लीग की टीम लिवरपूल ने मैच से पहले खिलाड़ियों के साथ बच्चों के मैदान पर जाने पर भी रोक लगा दी थी जबकि साउथम्पटन ने खिलाड़ियों को ऑटोग्राफ देने या सेल्फी लेने से बचने के लिए कहा था. फुटबॉलर से इतर एनबीए ने खिलाड़ियों से एक दूसरे के हाथों से ताली बजाने के बजाय हवा में मुक्का लहराने का आग्रह किया.

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