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टी20 लीग हैं फिक्सिंग का अड्डा? वकार यूनिस ने दिया बड़ा बयान

भ्रष्टाचार पर रोक के लिये टी20 लीगों पर नजर रखें बोर्ड : वकार यूनिस

user-circle cricketcountry.com Written by Anoop Dev Singh
Last Updated on - November 17, 2017 3:31 PM IST

 वकार यूनिस © Getty Image
वकार यूनिस © Getty Image

पाकिस्तान के पूर्व मुख्य कोच वकार यूनिस का मानना है कि क्रिकेट को भ्रष्टाचार मुक्त रखने के लिये सभी क्रिकेट बोर्ड को फ्रेंचाइजी आधारित टी20 लीगों पर नजर रखनी होगी और खिलाड़ियों को जागरूक करना होगा । इस्लामाबाद यूनाइटेड और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को फरवरी में शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी जब पाकिस्तानी टीम के दो बल्लेबाजों शरजील खान और खालिद लतीफ को पाकिस्तान सुपर लीग के दूसरे सत्र में सटोरिये से मिलने और स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाया गया था ।

इस्लामाबाद यूनाइटेड के दोनों खिलाड़ियों को निलंबित करके वापिस भेज दिया गया था । उसके बाद से उन पर पांच साल का बैन लगाया गया । पीएसएल के तीसरे सीजन में इस्लामाबाद यूनाइटेड के गेंदबाजी कोच और क्रिकेट निदेशक वकार ने कहा ,’स्पॉट फिक्सिंग का खतरा सभी खेलों के लिये कैंसर की तरह है । क्रिकेट बोर्ड को चाहिये कि इसके जड़ से सफाये के उपाय किये जाये।’ उन्होंने कहा , ‘हम अपनी टीम में कड़ी निगरानी व्यवस्था लागू कर रहे हैं । हमें यकीन है कि इस बार पीएसएल में ऐसा कुछ नहीं होगा।

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वकार यूनिस ने हाल ही में कहा था कि क्रिकेट में फिक्सिंग की बुराई अभी भी मौजूद है और इसे दूर करने के लिए मिलकर कोशिश करने की जरूरत है। पाकिस्तानी क्रिकेट तो हमेशा से फिक्सिंग से प्रभावित रहा है। 2000 में पूर्व पाकिस्तानी टेस्ट कप्तान सलीम मलिक फिक्सिंग के दोषी पाए गए थे जिसके बाद उन पर लाइफ बैन लगा। साल 2010 में पाकिस्तानी कप्तान सलमान बट्ट, तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ और मुहम्मद आमिर स्पॉट फिक्सिंग में दोषी पाए गए। तीनों ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में स्पॉट फिक्सिंग की। साल 2012 में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान के लेग स्पिनर दानिश कनेरिया को फिक्सिंग का दोषी पाया और उन्हें बैन किया। (पीटीआई के इनपुट के साथ)