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MS Dhoni: एक शांत भिक्षु, मैदान पर बिजली की रफ्तार से चलते हैं, जिसके हाथ

ऐसा नहीं था कि MS धोनी जानते थे कि अब जयदेव उनादकट कहां बॉलिंग करेंगे- लेकिन उन्हें देख ऐसा लगा मानो उनादकट को वह ही बता रहे हों कि मुझे अगली गेंद यहां खेलनी है.

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - April 22, 2022 2:04 PM IST

आईपीएल 2022 (IPL 2022) जैसे एमएस धोनी (MS Dhoni) का ही इंतजार कर रहा था. उनकी क्षमता वाला मैच फिनिशर कभी कोई दूसरा नहीं देखा. मुंबई के खिलाफ (MI vs CSK) गुरुवार को जब डीवाई पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई में 4 गेंदों में 16 रन का टारगेट बचा था, तब यही बातें हो रही थीं कि जब वह अतीत में अपने चरम पर थे, तो ऐसे मैच बस उन्हीं के खत्म करने के लिए बने थे. किसी भिक्षु की तरह शांत धोनी मुश्किल स्थिति में खड़े थे लेकिन मुंबई इंडियन्स (MI) के लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट (jaidev Unadkat) को मालूम था कि आज उनका टेस्ट है.

हालांकि यह भी लग रहा था कि सीएसके टीम के लिए अब देर हो चुकी है. लेकिन एमएस धोनी (MS Dhoni) को यह अच्छे से मालूम था कि उनके पास अभी पर्याप्त समय है. और तो और उनकी बैटिंग देखकर यह लग रहा था, जैसे उन्हें सब मालूम था कि आगे क्या-क्या होने वाला है. उनादकट ने पहली गेंद पर ड्वेन प्रिस्टोरियस को अपने जाल में फांस लिया. इसके बाद सीएसके के वरिष्ठ ड्वेन ब्रावो (Dwayne Bravo) क्रीज पर थे, जिन्हें पूर्व कप्तान ने अपनी साधारण सलाह दी, ‘मुझे स्ट्राइक दो’.

ब्रावो ने आराम से सिंगल ले लिया और इसके बाद, यह कोई चमत्कारिक कहानी जैसा था. ऐसा नहीं था कि धोनी जानते थे कि अब उनादकट कहां बॉलिंग करेंगे- यह कुछ ऐसा था कि जैसे वह ही एमआई के इस तेज गेंदबाज को बता रहे हों कि अब मुझे यहां गेंद फेंको. इसके बाद उन्होंने 6, 4, 2, 4 रन मारकर इसके अपनी टीम के पक्ष में खत्म कर दिया.

इसके बाद डीवाई पाटिल स्टेडियम में पीला रंग हर तरफ फैल गया. इस क्षण को जीतने वाले धोनी अभी भी शांत और नियंत्रित थे. वह हर बार की तरह शांत थे और उनके चेहरे पर कोई जश्न या उत्साह नहीं था. उन्होंने आराम से अपनी टीम और विरोधी टीम के खिलाड़ियों से हाथ मिलाया.य¸दूसरे युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने वाले कुछ शब्द कहे और फिर ड्रेसिंग रूम की ओर जाते हुए गायब हो गए.

अब हर जगह उनकी प्रशंसा हो रही थी. इस दौरान स्क्रीन पर यह दिखाया जा रहा था कि जब आखिरी ओवर में जीत के लिए 10 रन या इससे ज्यादा की दरकार हो तो धोनी ने कितनी बार ऐसा किया है. इसका जवाब था कि वह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 150 फीसदी ज्यादा प्रभावी हैं. उनकी यह क्षमता सिर्फ आईपीएल क्रिकेट तक ही सीमित नहीं है. उन्होंने यह काम भारतीय टीम के लिए भी खूब किया है.

इस सबके बीच, जब धोनी बैटिंग पर उतरे थे तो इसमें कुछ कठोर बातें भी थीं. धोनी की इसलिए भी आलोचनाएं हो रही थी कि वह मैदान पर जडेजा का काम कर रहे थे, यहां तक की गुरुवार को उन्होंने एक आसान से स्टंप का अवसर भी छोड़ दिया. लेकिन अंत में उन्होंने वह किया, जो वह सबसे बेहतर करते हैं.

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उन्होंने अपनी चतुराई भरी फील्डिंग से कीरोन पोलार्ड को अपने जाल में फंसाया, फिर तब बैटिंग का जिम्मा संभाला जब सीएसके मुश्किल में दिख रही थी. बाकी सब हम सभी ने देखा. और अब इसे लंबे समय तक अपने दिमाग में देखते ही रहेंगे.