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पूर्व भारतीय क्रिकेट का बड़ा खुलासा, जिंदगी भर 'रंगभेद' का सामना किया
इससे पहले भारतीय क्रिकेटर अभिनव मुकुंद ने सोशल मीडिया पर यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने इसे लेकर एक इमोशनल पोस्ट भी लिखा था.
Written by India.com Staff
Last Published on - November 28, 2021 6:03 PM IST

पूर्व भारतीय लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन (Laxman Sivaramakrishnan) ने बड़ा खुलासा किया है. शिवरामकृष्णन ने बताया कि उन्होंने भी अपने जीवन में रंगभेद का सामना किया है. भारतीय क्रिकेटर अभिनव मुकुंद (Abhinav Mukund) ने साल 2017 में सोशल मीडिया पर यह मुद्दा उठाया था. उस वक्त मुकुंद ने पोस्ट में बताया था कि कैसे उन्होंने देश में रंगभेद का सामना किया था.
भारत के लिए नौ टेस्ट और 16 वनडे मैच खेल चुके शिवरामकृष्णन ने बताया कि उन्होंने जीवनभर इसका सामना किया है. उन्होंने कहा, “देश में मैंने भी अपने जीवन भर इसका सामना किया.” लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने शनिवार को ट्विटर पर एक पोस्ट में प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कमेंटेटरों द्वारा ऑनलाइन ट्रोलिंग करने के बारे में बताया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मैंने पूरी जिंदगी रंग को लेकर आलोचना का सामना किया, इसलिए यह अब मुझे परेशान नहीं करता है. दुर्भाग्य से यह हमारे अपने देश में होता है.”
एक ट्विटर यूजर ने पोस्ट में शिवरामकृष्णन को टैग करते हुए लिखा, “ये आलोचनाएं उनको लेकर ठीक नहीं है, क्योंकि उनके जैसे लोग स्पिनरों को बढ़ावा देने की बात करते हैं. जब वह स्पिन की बारीक पहलू और तकनीक को बताते है तो युवा स्पिनर या कोचों के लिए फायदेमंद होता है.”
इससे पहले, भारतीय क्रिकेटर अभिनव मुकुंद ने सोशल मीडिया पर यह मुद्दा उठाया है. 2017 में मुकुंद ने एक पोस्ट किया, जिसमें बताया कि कैसे उन्होंने देश में रंगभेद का सामना किया था.
बता दें कि करीब चार साल पहले अभिनव मुकुंद ने ट्विटर पर अपना बयान पोस्ट करते हुए लिखा था, “मैं 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा हूं और मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा हूं जहां भी मैं हूं. उच्चतम स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलना सम्मान की बात है.”
मुकुंद ने आगे बताया, “मैं आज सहानुभूति या ध्यान आकर्षित करने के लिए यह नहीं लिख रहा हूं, लेकिन इस मुद्दे पर लोगों की मानसिकता को बदलने का प्रयास कर रहा हूं. मैं 15 साल की उम्र से देश-दुनिया में यात्रा कर रहा हूं. मेरी छोटी उम्र से ही लोगों के लिए मेरा रंग रहस्य बना रहा.”
— Abhinav mukund (@mukundabhinav) August 9, 2017
मुकुंद के अनुसार, “जो भी क्रिकेट का अनुसरण करता है वह इसे जरूर समझेगा. मैं धूप में कड़ी मेहनत करता था. मुझे एक बार भी इस बात पर कोई भी पछतावा नहीं हुआ है कि इस दौरान, मेरा रंग अलग हो गया और जैसा भी है मुझे पसंद है. मैं चेन्नई से आता हूं जो शायद देश के सबसे गर्म स्थानों में से एक है और मैंने खुशी-खुशी अपना अधिकांश जीवन क्रिकेट के मैदान में बिताया है.”
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पूर्व तेज गेंदबाज डोड्डा गणेश ने भी मुकुंद को सपोर्ट किया. इशके साथ ही उन्होंने बताया कि अपने करियर में उन्हें नस्लीय टिप्पणियों को झेलना पड़ा था. गणेश ने बताया कि वह 90 के दशक में नस्लवाद या रंगभेद को नहीं समझते थे. वह कामना करते हैं कि भविष्य में कोईभी इन परिस्थितियों से ना गुजरे.