Cricket Country Staff
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Written by Cricket Country Staff
Last Updated on - September 24, 2022 11:40 PM IST
लंदन: ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा और सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना की हाफ सेंचुरी के बाद रेणुका सिंह की अगुआई में गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन से भारत ने शनिवार को यहां कम स्कोर वाले रोमांचक तीसरे और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में इंग्लैंड को 16 रन से हराकर पहली बार मेजबान टीम का उसकी सरजमीं पर सूपड़ा साफ किया. हालांकि इस आखिरी मैच में जीत के साथ एक विवाद भी जुड़ गया. दीप्ति शर्मा ने चार्ली डीन को गेंदबाजी के दौरान नॉन-स्ट्राइकर छोर पर रन-आउट किया. माकंडिंग के इस तरीके को लेकर काफी चर्चा भी हुई. लेकिन भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने नियमों का पाठ समझाकर सबकी बोलती बंद कर दी.
चार्ली डीन और फ्रेया डेविस (नाबाद 10) ने 10वें विकेट के लिए 35 रन जोड़कर इंग्लैंड की जीत की उम्मीदें जगा दी थी. दीप्ति (24 रन पर एक विकेट) ने हालांकि समझदारी दिखाते हुए अपनी ही गेंद पर चार्ली डीन को रन आउट कर दिया.
मैच के बाद भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर से इस बारे में सवाल पूछा गया तो पहले तो उन्होंने इसे टालने की कोशिश की. लेकिन दोबारा पूछने पर उन्होंने इंग्लिश कॉमेंटेटर को करारा जवाब दिया. हरमनप्रीत ने कहा, ‘मुझे हैरान है कि आपने बाकी 9 विकेटों के बारे में नहीं पूछा, जो हमने लिए। इससे पता चलता है कि बतौर क्रिकेटर हम कितने सजग हैं। हमने कोई गलती नहीं की.’
Stay in the crease Rules are Rules.
Deepti Sharma 🔥Gore Bahut Rone Wale Hai 🤣🤣 #ENGvIND pic.twitter.com/EimxtBMG5Q
— AKASH (@im_akash196) September 24, 2022
उन्होंने पहले जवाब दिया- ‘इस विकेट पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं था. हमारे बल्लेबाजों ने ठीक प्रदर्शन किया. चार विकेट गिरने के बाद हम 170 के स्कोर के बारे में विचार कर रहे थे. इसके बाद हमें पता था कि हमारे पास इस स्कोर को डिफेंड करने के लिए पेसर्स और स्पिनर्स हैं.’ लेकिन जब चार्ली डीन के रन-आउट के सवाल के सवाल को दोबारा पूछा गया तो हरमनप्रीत ने नियमों का पाठ पढ़ाकर करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘यह खेल का हिस्सा है. मुझे नहीं लगता कि हमने कुछ नया किया है.’
उन्होंने दीप्ति शर्मा का पूरा साथ देते हुए कहा, ‘आपको अपने खिलाड़ी का साथ देना चाहिए. मेरी नजर में तो यह दीप्ति का मानसिक सजगता को दिखाता है. उन्हें पता है कि बल्लेबाज क्या कर रही है. मैं अपने खिलाड़ी का साथ दूंगी. उसने नियमों के बाहर जाकर कुछ नहीं कहा. जीत आखिर जीत होती है.’
मैच की बात करें तो इंग्लैंड की टीम लॉर्ड्स पर 170 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए रेणुका (29 रन पर चार विकेट), झूलन गोस्वामी (30 रन पर दो विकेट), और राजेश्वरी गायकवाड़ (38 रन पर दो विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने 43.3 ओवर में 153 रन पर ढेर हो गई जिससे भारत ने सीरीज 3-0 से अपने नाम की.
अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन का यह अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच था. इंग्लैंड के खिलाफ ही चेन्नई में छह जनवरी 2002 को जीत के साथ अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाली झूलन के लिए यह श्रृंखला यादगार रही.
इंग्लैंड की ओर से चार्ली डीन ने सर्वाधिक 47 रन बनाए. भारत इससे पहले दीप्ति (106 गेंद में नाबाद 68, सात चौके) और स्मृति (79 गेंद में 50 रन, पांच चौके) के अर्धशतक के बावजूद 45.4 ओवर में 169 रन पर सिमट गया. इन दोनों के अलावा पूजा वस्त्रकार (22) ही दोहरे अंक में पहुंचने में सफल रही.
फ्रेया डेविस ने दीप्ति की गेंद पर सीधा शॉट खेला. गेंद दीप्ति के पास पहुंची लेकिन चार्ली डीन गेंदबाजी छोर पर काफी आगे निकल चुकी थी और भारतीय गेंदबाज ने गलती नहीं करते हुए उन्हें रन आउट करके भारत को जीत दिला दी.
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