'शेन वार्न जैसी ड्रिफ्ट की वजह से चहल के मुकाबले कुलदीप को खेलना ज्यादा मुश्किल'

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मैथ्यू हेडन ने कुलदीप यादव को शेन वार्न जैसा गेंदबाज कहा।

By Press Trust of India Last Published on - March 11, 2019 2:22 PM IST

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन का मानना है कि ‘शेन वार्न के जैसे ड्रिफ्ट’ की वजह से कुलदीप यादव का सामना करना युजवेंद्र चहल की तुलना में बल्लेबाजों के लिए ज्यादा मुश्किल होता है। हेडन ने साथ ही कहा कि इन दोनों भारतीयों की तरह रिस्ट स्पिनर अधिक प्रासंगिक बन रहे हैं क्योंकि फिंगर स्पिनर्स में ‘साहस’ की कमी है। कुलदीप और चहल ने सीमित ओवर फॉर्मेट में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को परेशान किया है।

पीटीआई को दिए साक्षात्कार में हेडन ने कहा, ‘‘लेग स्पिनर आपको विकल्प और विविधता देते हैं। विशेष तौर पर अगर आप कुलदीप को देखो तो उसका मजबूत पक्ष ये नहीं है कि वो गेंद को कितना अधिक स्पिन करा सकता है बल्कि ये है कि उसकी गेंद शेन वार्न की गेंदों की तरह बल्लेबाज तक पहुंचती हैं।’’

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अपने शीर्ष समय के दौरान हरभजन सिंह और अनिल कुंबले के खिलाफ सफल बल्लेबाज रहे हेडन का मानना है कि चहल का सामना किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘चहल अलग तरह का गेंदबाज है। वो स्टंप पर गेंदबाजी करता है। वो सपाट और सीधी गेंद फेंकता है। उसे ड्रिफ्ट नहीं मिलता। अगर मैं खिलाड़ी होता तो मैं चहल का सामना करने को प्राथमिकता देता क्योंकि उसे ड्रिफ्ट नहीं मिलता।’’

ऑस्ट्रेलिया के लिए 8,000 से अधिक टेस्ट और 6,000 से अधिक वनडे रन बनाने वाले हेडन ने उंगली के स्पिनरों के सीमित ओवरों के फॉर्मेट में ज्यादा सफल ना होने के विषय में कहा, ‘‘ऑफ स्पिनरों ने बल्लेबाजों को रोकने की कला सीख ली थी जिसके कारण वो निश्चित समय तक हावी रहे। लेकिन अब खिलाड़ी ऑफ स्पिनरों की सपाट गेंदों के आदी हो गए हैं। ऑफ स्पिनर गति में विविधता लाने की कला भूल गए हैं।’’

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हेडन ने इसके लिए नागपुर में खेले गए दूसरे वनडे मैच में नाथन लियोन का उदाहरण दिया और इस ऑफ स्पिनर के दोनों स्पेल की तुलना की। उन्होंने कहा, ‘‘उसके दूसरे स्पेल के दौरान गति 80 से 82 किमी प्रति घंटा के आसपास थी जो पहले स्पेल में 90 से 92 किमी प्रति घंटा थी। इसमें स्पष्ट तौर पर 10 किमी प्रतिघंटा की कमी थी। अचानक उसे खेलना मुश्किल हो गया।’’

हेडन को इसमें कोई संदेह नहीं कि गेंदबाजों को अगर सफल होना है तो उन्हें सीमित ओवरों के क्रिकेट में इस तरह का साहस दिखाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘उनके साथ साहस का मुद्दा होता है जब वे रन नहीं देना चाहते। टेस्ट मैचों में वो रन रोकने की जगह विकेट लेने वाले बन जाते हैं। यही अंतर है।’’

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हेडन को खुशी है कि ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज केदार जाधव को अलग लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी करने के लिए मजबूर करने में सफल रहे। इस पार्ट टाइम स्पिनर के खिलाफ रांची में एरोन फिंच जबकि मोहाली में उस्मान ख्वाजा और पीटर हैंड्सकोंब ने बड़े शॉट खेले। हेडन ने कहा,‘‘उसने (फिंच) जाधव को अलग इन पर गेंदबाजी करने के लिए मजबूर किया। जाधव जैसा गेंदबाज तभी सफल है जब वो स्टंप पर गेंदबाजी करे।’’