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अपने 22 साल के क्रिकेट करियर में एक पैसा नहीं कमाया: शांता रंगास्वामी

शांता रंगास्वामी महिला क्रिकेट टीम की पहली कप्तान होने के साथ पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने, बतौर कप्तान पहला टेस्ट मैच जिताने और पहला अर्जुन अवार्ड जीतने वाली महिला क्रिकेटर हैं।

भारतीय महिला क्रिकेट को आज के समय में स्मृति मंधाना (Smiriti Mandhana), मिताली राज (Mithali Raj), झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) और हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) के नाम से पहचाना जाता है लेकिन इसकी नींव शांत रंगास्वामी (Shantha Rangaswamy) जैसी दिग्गज खिलाड़ियों ने रखी थी। रंगास्वामी भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पहली कप्तान थी। जिन्होंने महिला क्रिकेट को अपने जिंदगी के 22 साल दिए लेकिन इसके बदले में उन्हें एक पैसा भी नहीं मिला।

पूर्व क्रिकेटर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया कि 22 साल के क्रिकेट करियर के दौरान उन्होंने एक पैसा भी नहीं कमाया। हालांकि रंगास्वामी ने ये भी माना कि पैसा ही सबकुछ नहीं होता। आज महिला क्रिकेट जिस ऊंचाई पर है, उससे पूर्व कप्तान बेहद खुश हैं।

भारतीय महिला क्रिकेट की ‘संस्थापक’ के रूप में देखने जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, “हां, लेकिन मैंने 22 साल के अपने करियर के दौरान, अपने खेल के दिनों में एक पैसा नहीं नहीं कमाया। लेकिन पैसा सबकुछ नहीं होता।”

उन्होंने, “खेल के प्रति हमारा जुनून में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता था। मेरे पास जो पहली दो पहिया गाड़ी थी वो मुझे साल 1976 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे टेस्ट में शतक लगाने के बाद ईनाम के तौर पर मिली थी। उससे पहले मेरे पास एक साइकिल भी नहीं थी।”

करियर के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, “हम ट्रेनों में अनारक्षित यात्रा करते थे। उस समय नेशनल चैंपियनशिप नॉकआउट फॉर्मेट में खेली जाती थी। अगर कोई हारा तो उन्हें वापस लौटना पड़ता था, ऐसे में पहले से टिकट बुक करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। हम (ट्रेन में) टॉयलेट के पास बैठते थे और कुछ अराजक तत्व बदसलूकी करने की कोशिश करते थे। हम चैन खींचकर और उन्हें बाहर निकलवाकर उनसे निपटते थे।”

पूर्व दिग्गज ने आगे कहा, “हम डॉरमेट्री और स्कूल के कमरों में रुकते थे। हमने काफी संघर्ष किया लेकिन ये मजेदार था क्योंकि हमारे लिए खेलना सबसे अहम था। सब कुछ, मेरा पहला शतक, मेरा पहला टेस्ट जीतने वाले कप्तान बनना, उससे जुड़ी हर बात जब मैं इसके बारे में सोचती हूं तो मुझे याद रहता है कि हमने आज के क्रिकेटरों के लिए नींव रखी थी।”

शांता रंगास्वामी महिला क्रिकेट टीम की पहली कप्तान होने के साथ पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने वाली महिला बल्लेबाज, पहला टेस्ट मैच जिताने वाली महिला कप्तान और पहला अर्जुन अवार्ड जीतने वाली महिला क्रिकेटर हैं।

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