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कैसे रेगिस्तान से खेल और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए दुनिया की पहली पसंद बना यूएई!
एशिया कप का आयोजन यूएई में हो रहा है। आज खेलों के आयोजन के लिए यह पहली पसंद बनता जा रहा है। लेकिन एक वक्त था जब यहां सिर्फ रेगिस्तान हुआ करता था। और 22 खिलाड़ियों को एक साथ जमा करना भी चुनौती थी। लेकिन अब सब बदल गया है। आखिर यह सब कैसे हुआ।
Written by Indo-Asian News Service
Last Updated on - August 19, 2022 10:37 AM IST

दुबई: संयुक्त अरब अमीरात की कुछ साल पहले तक विश्व मंच पर खेल के मैदान में कोई खास पहचान नहीं थी, पिछले कुछ सालों में एक विश्व स्तरीय खेल स्थल के रूप में उभरा है, जिसने सभी को हैरान कर दिया।
क्रिकेट, फुटबॉल, फॉर्मूला वन, टेनिस, गोल्फ और यूएफसी (अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप) की मेजबानी के मामले में देश ने वैश्विक मंच पर अपनी योग्यता साबित की है।
हालांकि, फुटबॉल संयुक्त अरब अमीरात की स्थानीय लोगों की पहली पसंद है और अनगिनत फुटबॉल स्टेडियम और फुटबॉल क्लब हैं, जिस तरह से सरकार ने अन्य सभी खेलों में संभावनाओं को देखते हुए एक दृष्टि और नीति के साथ यूएई में सभी खेलों के लिए सुविधाएं बनाई हैं। सुरक्षित वातावरण बनाने के साथ ही इस पर्यटन-उन्मुख अर्थव्यवस्था में खेल पर्यटन का एक नया अध्याय शुरू किया है।
इस महीने यूएई एशिया कप 2022 की मेजबानी करने जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में यूएई ने कई क्रिकेट आयोजनों की मेजबानी की। टी20 विश्व कप, आईपीएल और पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) का कई बार आयोजन कर चुका है। देश ने कोविड-19 के दौरान उनकी मेजबानी की और यह संयुक्त अरब अमीरात को खेल आयोजनों को करने में बेहद खास बनाता है।
संयुक्त अरब अमीरात के लिए प्रमुख क्रिकेट टूर्नामेंटों की मेजबानी करना कोई विदेशी अवधारणा नहीं है। क्रिकेट इस देश में 1981 की शुरूआत में आया, जब शारजाह ने अपने पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी करने से पहले ही विशेष अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की मेजबानी शुरू कर दी थी।
तब से, संयुक्त अरब अमीरात ने 2014 आईपीएल के पहले भाग और 2020 आईपीएल के पूर्ण सीजन की मेजबानी करते हुए मजबूती से विकास किया है। 2009 के लाहौर आतंकी हमले के बाद लगभग एक दशक तक इसने पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी भी की।
1980 के दशक में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट लाने वाले इस देश को दुनिया के सबसे बड़े टूर्नामेंटों में से एक आईसीसी टी20 विश्व कप (17 अक्टूबर से 14 नवंबर) की मेजबानी करने का मौका मिला और अब वह एशिया कप की मेजबानी करेगा।
टूर्नामेंट की मेजबानी श्रीलंका द्वारा की जानी थी, लेकिन राजनीतिक संकट ने श्रीलंकाई बोर्ड को टूर्नामेंट को यूएई में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
दुबई में खेलों के आर्थिक प्रभाव पर एक रिपोर्ट के अनुसार, कुल वार्षिक खेल-संबंधी खर्च में 1.7 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च किया जाता है, और दुबई में खेलों का कुल इकोनॉमिक इंपैक्ट 670 मिलियन डॉलर से अधिक है।
मिस्टर क्रिकेट यूएई के नाम से भी पहचाने जाने वाले डेन्यूब ग्रुप के वाइस चेयरमैन अनीस साजन ने कहा कि यूएई अपनी सुविधाजनक यात्रा पहुंच के कारण वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हमने ग्रैंड प्रिक्स और फुटबॉल कप जैसे आयोजनों की मेजबानी की है, यूएई सरकार भी वैश्विक खेल समुदाय के लिए बहुत सहायक रही है। राष्ट्र की संस्कृति और अनुकूलन क्षमता को देखते हुए कई खिलाड़ी अक्सर लाभ उठाने के लिए यहां आते हैं।’
‘क्रिकेट के बारे संयुक्त अरब अमीरात में आईसीसी स्टेडियम, दुबई स्टेडियम, शारजाह स्टेडियम और यहां तक कि अबू धाबी स्टेडियम सहित अपने सभी स्टेडियमों में शीर्ष सुविधाएं हैं। इन मैदानों की सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी करना आसान बनाती हैं। मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय टी20 लीग 2023 के कारण यूएई क्रिकेट की दुनिया में अधिक प्रसिद्ध हो जाएगा।’
दुबई में एक इनडोर स्पोर्ट्स सेंटर यू-प्रो के प्रबंध निदेशक मनीष किशोर और अबू धाबी टी10 लीग में खेले गए दिल्ली बुल्स में एक फ्रेंचाइजी के सीओओ ने दुबई में खेलों के विकास के लिए अपार संभावनाओं के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, ‘हम संयुक्त अरब अमीरात के खेल जगत में जो देख रहे हैं वह एक बड़ी मांग है, इस दृष्टिकोण के पीछे लीडरों द्वारा बनाया गया खेल का अद्भुत बुनियादी ढांचा है।’
मनीष किशोर का कहना है कि एक क्रिकेट प्रशंसक के रूप में दर्शकों ने यूएई में 2018 का एशिया कप देखा और अब दूसरा एशिया कप होने जा रहा है।
दुबई में क्रिकेट के संस्थापकों में से एक अनुभवी श्याम भाटिया पुराने समय को याद करते हुए कहते हैं कि आज यूएई विश्व मंच पर सभी खेल आयोजकों की पहली पसंद है, लेकिन एक दौर था, जब इस रेगिस्तान में क्रिकेट का मैदान नहीं हुआ करता था। 22 खिलाड़ियों का इकट्ठा होना और एक बड़ा मैदान हासिल करना एक बड़ी चुनौती थी।
70 के दशक में रॉयल एयर फोर्स शारजाह में केवल एक सीमेंट पिच हुआ करती थी। 1967 में श्याम भाटिया ने इसके लिए अच्छी पहल की, जिससे क्रिकेट खेलना थोड़ा आसान हो गया। फिर जब अमीरात व्यवसायी अब्दुल रहमान बुखारी पाकिस्तान में पढ़कर शारजाह वापस आए तो उन्होंने शारजाह में पहला क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित किया और संयुक्त अरब अमीरात में क्रिकेट को आकार दिया।
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श्याम भाटिया का कहना है कि यूएई में क्रिकेट के उत्थान में भारतीयों ने जो योगदान दिया है, उसमें आयोजकों और खिलाड़ियों के साथ-साथ पाकिस्तानी खिलाड़ियों के योगदान से कोई इनकार नहीं कर सकता है।