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Mohammad Azharuddin पर कड़ी कार्रवाई, HCA के अध्यक्ष पद से निलंबित

हैदराबाद क्रिकेट संघ की शीर्ष परिषद की पूर्व भारतीय कप्तान के साथ टकराव की स्थिति चल रही है.

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - June 17, 2021 6:31 PM IST

हैदराबाद क्रिकेट संघ (Hyderabad Cricket Association) की शीर्ष परिषद ने अपने संविधान के कथित उल्लंघन के लिए अपने ही अध्यक्ष और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन (Mohammad Azharuddin) को ‘निलंबित’ कर दिया. अजहरूद्दीन के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप लगाए गए हैं. हालांकि निलंबन की वैधता पर सवाल उठाया जा सकता है क्योंकि राज्य इकाई की आम सभा को ही पद पर काबिज अध्यक्ष को निलंबित करने का अधिकार है, शीर्ष परिषद को नहीं. एचसीए का लोकपाल पहले ही शीर्ष परिषद के पांच सदस्यों के खिलाफ जांच कर रहा है.

एचसीए की शीर्ष परिषद की पूर्व भारतीय कप्तान के साथ टकराव की स्थिति चल रही है और हाल में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की आम सभा की विशेष बैठक के दौरान वे शिवलाल यादव को अपना प्रतिनिधि बनाना चाहते थे लेकिन बीसीसीआई ने हस्तक्षेप करते हुए अजहरूद्दीन को बैठक में हिस्सा लेने की स्वीकृति दी. अजहरूद्दीन ने इसे उनके विरोधी गुट की बदले की कार्रवाई करार दिया है और कहा कि वह वापसी करेंगे.

एचसीए के निलंबन नोटिस की प्रति पीटीआई के पास भी है जिसमें कहा गया है, ‘‘सदस्यों द्वारा आपके (अजहरूद्दीन के) खिलाफ की गई शिकायतों को देखते हुए इस महीने की 10 तारीख को शीर्ष परिषद की बैठक में यह फैसला किया गया है इस आधार पर आपको कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए कि आपने नियमों का उल्लंघन किया है. शीर्ष परिषद आपको निलंबित कर रही है और एचसीए की आपकी सदस्यता इन शिकायतों की जांच होने तक रद्द की जाती है.’’ शीर्ष परिषद ने अजहरूदीन के खिलाफ दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए हैं.

हितों के टकराव के आरोपों पर नोटिस में कहा गया है कि अजहरुद्दीन ने कभी खुलासा नहीं किया कि दुबई में वे टी10 टीम के मालिक हैं और यह बीसीसीआई के संविधान का उल्लंघन है कि किसी पदाधिकारी को किसी क्रिकेट इकाई के स्वामित्व की स्वीकृति नहीं है.

नोटिस में कहा गया, ‘‘शिकायत में खुलासा किया गया है कि आप दुबई में नॉर्दर्न वारियर्स नाम के निजी क्रिकेट क्लब के मार्गदर्शक हैं जो टी10 क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेता है जिसे बीसीसीआई से मान्यता हासिल नहीं है. आपने कभी एचसीए को नहीं बताया कि आप क्लब के मार्गदर्शक हैं.’’

अजहरूद्दीन ने इस बीच प्रेस विज्ञप्ति जारी करके उनके खिलाफ कार्रवाई को नियमों के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा, ‘‘आज क्रिकेट प्रशासन खतरे में आ गया है क्योंकि मीडिया में गलत बयानी प्रकाशित की गई है. कृपा करके सूचना का सत्यापन करें, दूसरा पक्ष सुनें और फिर एचसीए के संविधान के अनुसार तर्कसंगत रुख अपनाते हुए कुछ प्रकाशित करें क्योंकि आप जो लिखते हैं समाज उस पर भरोसा करता है.’’

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अजहर ने शीर्ष परिषद के सदस्यों के जॉन मनोज (प्रतिष्ठित कोच) और परिषद में उनके गुट पर निशाना साधा. अन्य चार सदस्य आर विजयानंद, नरेश शर्मा, सुरेंद्र अग्रवाल और अनुराधा हैं. बयान में कहा गया, ‘‘उनके सभी प्रयासों पर पानी फिर गया. उनका इरादा शायद लोकपाल की नियुक्ति में बाधा पहुंचाना था क्योंकि उन्हें डर था कि धोखाधड़ी और हेराफेरी से अर्जित उनके कई क्लबों का खुलासा हो जाएगा और वे अपनी बहुमूल्य संपत्ति से हाथ धो बैठेंगे.’’