Saurav Kumar
पत्रकारिता की शुरुआत साल 2019 से हुई. शुरुआत से ही खेल की खबरें पढ़ना पसंद थी. खासतौर पर क्रिकेट खेलना, देखना और ...Read More
Written by Saurav Kumar
Last Updated on - December 30, 2024 6:22 AM IST
Nitish Reddy on His Batting: नितीश कुमार रेड्डी को जब भारतीय दल में चुना गया था तब वह तुलनात्मक तौर पर एक अनजान खिलाड़ी थे क्योंकि तब तक उन्होंने सिर्फ़ 21 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे और अब तक उनका अधिकतर अच्छा प्रदर्शन टी20 क्रिकेट में था. लेकिन अब मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में उनके नाम शतक है.
21 वर्षीय अलराउंडर ने रविवार को चौथे दिन के खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैंने ऐसा सोचा नहीं है लेकिन मुझे पता है कुछ लोगों को मेरे ऊपर विश्वास नहीं था. एक युवा खिलाड़ी जिसने अभी तक आईपीएल खेला हो और यहां आया हो, और इतनी बड़ी सीरीज़ में अब तक उम्मीदों के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाया हो. मुझे पता है कि काफ़ी लोगों ने इस बारे में बात की है और मैं उन्हें ग़लत साबित करना चाहता हूं और मैं यही कर रहा हूं. मैं लोगों को यह बताना चाहता हूं कि मैं यहां भारतीय टीम के लिए अपना 100 फ़ीसदी देना चाहता हूं.”
रेड्डी ने तीसरे दिन के खेल के अंतिम क्षणों के बारे में भी अपना अनुभव भी साझा किया जब 80 हज़ार दर्शकों की मौजूदगी में डगआउट में उनकी टीम के साथी खिलाड़ी उनके शतक का इंतज़ार कर रहे थे और उन्होंने स्कॉट बोलैंड के ओवर में चौका जड़कर अपना शतक पूरा किया. उन्होंने इसके लिए नंबर 11 पर बल्लेबाज़ी के लिए मोहम्मद सिराज का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने पैट कमिंस की तीन गेंदें खेलकर अपना विकेट बचाया था.
“यह मेरे लिए काफ़ी बड़ा क्षण था. मैं बचपन से ही विराट कोहली को अपना आदर्श मानते आया हूं और अब मैं उनके साथ खेल रहा हूं. जब उन्होंने पर्थ में शतक लगाया था तब मैं दूसरे छोर पर मौजूद था और अब जब मैंने शतक लगाया तो उन्होंने ख़ुद मेरे पास आकर मेरी तारीफ़ की कि मैं टीम को मुक़ाबले में वापस ले आया. मैं तब बेहद ख़ुश हुआ था क्योंकि मैं इस पल के बारे में हमेशा सोचा करता था और जब उन्होंने मेरे से बात की, तो ज़ाहिर तौर पर यह मेरे लिए सबसे अच्छा पल था.”
“और हां, मुझे नहीं पता कि मैदान पर शोर तब ज़्यादा था जब मैंने शतक लगाया या तब जब सिराज ने अंतिम गेंद को डिफ़ेंड कर लिया था, लेकिन उन तीन गेंदों को खेलने के लिए सिराज ने जो रवैया अपनाया उसे देखकर मैं बेहद ख़ुश था, मुझे अपने शतक के लिए उनका शुक्रगुज़ार होना चाहिए.”
रेड्डी के स्ट्रोक प्ले ने काफ़ी सुर्ख़ियां बटोरी हैं ख़ास तौर पर जिस तरह से उन्होंने डाउन द ग्राउंड शॉट खेले. लेकिन एक और चीज़ ध्यान केंद्रित लायक है और वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे अनुशासित गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ उनका स्टेप आउट करना.
“मेरे अनुसार बोलैंड सबसे ज़्यादा निरंतरता के साथ गेंदबाज़ी करते हैं इसलिए मैं उनकी लाइन और लेंथ बदलना चाहता था ताकि मुझे उनको खेलने में आसानी हो. इसके लिए मुझे गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ आगे बढ़कर खेलने का प्रयास करना था और मैंने यह किया जिसके परिणाम मुझे मिले भी हैं.”
नवंबर की शुरुआत में इंडिया ए दल के हिस्से के रूप में ऑस्ट्रेलिया आए रेड्डी ने पर्थ में डेब्यू किया और चार पारियों में वह भारत की ओर से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी रहे. लेकिन वह मानते हैं कि उन्होंने गेंदबाज़ी में अभी तक संतोषजनक प्रदर्शन नहीं किया है. रेड्डी ने 49 की औसत और 4.22 की इकॉनमी से तीन विकेट चटकाए हैं.
“इस दौरे की शुरुआत पर मैंने ख़ुद को एक पूर्ण ऑलराउंडर की भूमिका में ढालने की उम्मीद की थी. और मुझे पता है कि मुझे अभी अपनी गेंदबाज़ी पर काम करने की ज़रूरत है. मैं अभी भी अपनी गेंदबाज़ी से ख़ुश नहीं हूं लेकीन मुझे उम्मीद है कि मैं जल्द ही इस मोर्चे पर भी सफलता हासिल करूंगा और आने वाले दिनों में मैं ऑलराउंडर के स्लॉट के साथ पूरी तरह से न्याय करना चाहता हूं.”
“मैं पिछले दो तीन वर्षों से अपनी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों पर काम कर रहा हूं. ज़ाहिर तौर पर एक ऑलराउंडर के रूप में मेरे लिए फ़िटनेस सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और पहले आईपीएल सीज़न के बाद मुझे इस बात का एहसास हुआ कि मुझे बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में कहां सुधार लाने की ज़रूरत है. और जब भी मुझे खाली समय मिला मैंने अपनी बल्लेबाज़ी पर कड़ी मेहनत की और यह मेरे काम भी आ रहा है. लेकिन जैसा कि मैंने कहा यहां तक आने के लिए मैंने पिछले दो तीन वर्षों में कड़ी मेहनत की है.”
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