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भारत-इंग्लैंड सीरीज के लिए मुंबई-बंगाल को एक भी मैच ना मिलने पर भड़के स्टेट बोर्ड

बीसीसीआई ने अगले साल होने वाले इंग्लैंड के भारत दौरे के मैचों का आयोजन गुजरात, पुणे और चेन्नई में करने का फैसला किया है।

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - December 13, 2020 9:19 AM IST

बीसीसीआई ने हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली वनडे, टी20 और टेस्ट सीरीज के शेड्यूल का ऐलान किया है। साथ ही इग्लैंड के भारत दौरे पर होने वाली इस सीरीज के लिए वेन्यू भी निश्चित कर दिए हैं। हालांकि कई स्टेट बोर्ड के इस फैसले से खुश नहीं हैं।

कई राज्य संघों ने आयोजन स्थलों के इस चयन को इस महीने होने वाले बीसीसीआई चुनावों से जोड़कर देखना शुरू कर दिया है। बंगाल और मुंबई स्टेट बोर्ड ने एक भी मैच ना मिलने पर आपत्ति जताई है। जबकि गुजरात क्रिकेट संघ को 12 में से सात मैचों की मेजबानी मिली है। पुणे और चेन्नई को मेजबानी मिली है। चेन्नई में दो टेस्ट मैच खेले जाएंगे जबकि पुणे को तीन मैचों की वनडे सीरीज की मेजबानी करनी है।

मुम्बई क्रिकेट संघ का कहना है कि उसे चार साल में एक भी टेस्ट की मेजबानी नहीं मिली है और ये काफी हैरान करने वाला फैसला है चूंकि मुंबई का वानखेड़े और कोलकाता का ईडन गार्डन्स भारत के सबसे मशहूर स्टेडियम में से हैं।

मजेदार बात ये है कि गांगुली ने सितम्बर में कहा था कि मुम्बई और कोलकाता को इंग्लैंड के साथ होने वाली सीरीज के मैचों की मेजबानी मिलेगी। इसे लेकर दोनों स्टेट बोर्ड के अधिकारियों ने सीधे बीसीसीआई से सवाल किए हैं।

सीएबी के अध्यक्ष अभिषेक डालमिया ने कहा है कि उन्हें यह बताया जाए कि आखिरकार उनके संघों को इस सीरीज के मैचों की मेजबानी क्यों नहीं मिली। वहीं एमसीए की कार्यकारी समिति के सदस्य नदीम मेनन ने पैनल के सदस्यों की ओर से बोलते हुए एमसीए अध्यक्ष विजय पाटिल से सीधा सवाल किया है कि वो पैनल को बताएं कि आखिरकार एमसीए को बीते चार साल से टेस्ट की मेजबानी क्यों नहीं मिली है।

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स्टेट बोर्ड्स की चिंता ये भी है कि अगर उन्हें लंबे समय तक मैचों की मेजबानी नहीं मिलेगी तो उनकी वित्तीय स्थिति खराब हो जाएगी क्योंकि बोर्ड एक टेस्ट के लिए संघों को 2.5 करोड़ रुपये, एक वनडे के लिए 1.5 करोड़ रुपये और एक टी20 के लिए भी इतने ही रुपये देता है।