This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
भारत के खिलाफ वेस्टइंडीज के एक्स फैक्टर होंगे कीमार रोच: डैरेन सैमी
भारत और वेस्टइंडीज के बीच 6 फरवरी से तीन वनडे और तीन टी20 मैचों की सीरीज खेली जाएगी।
Written by India.com Staff
Last Published on - January 28, 2022 6:28 PM IST

भारत और वेस्टइंडीज के बीच होने वाली सीमित ओवर फॉर्मेट सीरीज से पहले पूर्व क्रिकेटर डैरन सैमी (Darren Sammy) ने कहा कि घरेलू हालातों के बावजूद मेजबान टीम के लिए ये मुश्किल चुनौती होगी चूंकि कीरोन पोलार्ड (Kieron Pollard) की अगुवाई वाली विंडीज टीम अपने मौके तलाशेगी।
वेस्टइंडीज को हाल ही में ऑयरलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था लेकिन कैरेबियाई टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से बढ़त हासिल कर शानदार वापसी की है।
पीटीआई से बातचीत में सैमी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि पोलार्ड अपने मौके तलाशेगा। वो काफी समय से भारत में खेल रहा है, वो हालात को बहुत अच्छी तरह से जानता है। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में हमने कई नई प्रतिभाएं देखी हैं। मुझे लगता है वेस्टइंडीज (भारत में) जाकर अच्छा करेगी।”
टीम इंडिया को हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि सैमी का मानना है कि इस हार का आगामी सीरीज पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा चूंकि भारत घरेलू हालात में खेल रही होगी। उन्होंने कहा, “भारत हमेशा से ही घर पर मजबूत रहा है, कई अच्छे वनडे खिलाड़ियों के साथ वो एक बेहद ताकतवर प्रतिद्वंद्वी हैं।”
सैमी का कहना है कि भारत के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए विंडीज स्क्वाड में वापसी कर रहे कीमार रोच एक्स फैक्टर साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “हमें ऐसे गेंदबाजों की जरूरत है वो वनडे और टी20 सीरीज में विकेट ले सकें। कीमार एक क्वालिटी गेंदबाज हैं। हम सभी उनके टेस्ट रिकॉर्ड के बारे में जानते हैं। वो नई गेंद से विकेट लेता है।”
TRENDING NOW
उन्होंने कहा, “जब आप क्वालिटी खिलाड़ियों के खिलाफ खेले हैं, खासकर कि भारत में, आपको गेंद के साथ विकेट दिलाने वाले खिलाड़ी चाहिए होते हैं। अगर नहीं तो फिर आपको भारतीय पिचों पर 300 से ज्यादा रन का सामना कर पड़ सकता है। इसलिए मैं समझता हूं कि उनके चयन के पीछे यही प्रक्रिया थी।”