भारत बनाम इंग्लैंड राजकोट टेस्ट के फंड के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची बीसीसीआई
इससे पहले बीसीसीआई ईसीबी को चिट्ठी भेजकर इंग्लैंड टीम का खर्च उठाने के लिए कह चुकी है।

कल से शुरू होने वाले भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट को लेकर अब तक असमंजस की स्थिती बनी हुई है। राजकोट में होने वाले टेस्ट का फंड पाने के लिए बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटकटाया है। बताते चलें कि इससे पहले बीसीसीआई के मैनेजर अजय शिरके ने इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ईसीबी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि अपने दौरे का पूरा खर्च वह स्वंय उठाएं, बीसीसीआई उनकी कोई मदद नहीं कर पाएगी। बीसीसीआई ने ऐसा सुप्रीम कोर्ट के 21 अक्टूबर को दिए उस फैसले को लेकर किया जिसमें कोर्ट ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू न करने तक बीसीसीआई को स्टेट बोर्ड से मिलने वाले और उन्हें भेजे जाने वाले धन पर रोक लगा दी थी।
बीसीसीआई ने उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई है कि राजकोट टेस्ट आयोजित करने के लिए बोर्ड के पास कोई पैसा नहीं है। कल होने वाले मैच के लिए फंड रिलीज करवाने का निवेदन किया है। वहीं लोढ़ा समिती के सचिव गोपाल संकरनारायण का कहना है कि अब तक बीसीसीआई और अन्य किसी स्टेट बोर्ड की तरफ से ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं आई है कि वह समिती की सिफारिशों को लागू करेंगे। बीसीसीआई ने जस्टिस डेव की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने अपनी परेशानी जाहिर की है। बता दें कि बोर्ड के खिलाफ फैसला देने वाली बेंच के अध्यक्ष मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर थे, फिलहाल वह संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं। जस्टिस डेव ने बोर्ड को आश्वासन दिया है कि वह मुख्य न्यायाधीश से चर्चा करने के बाद इस बात पर आज दोपहर दो बजे तक फैसला सुनाएंगे। इंग्लैंड टीम के खिलाफ क्या है विराट कोहली का प्लान, जानने के लिए क्लिक करें
कल इंग्लैंड के भारत दौरे का पहला मैच है इसे लेकर खिलाड़ियों के साथ दर्शकों में भी उत्साह है लेकिन बोर्ड के इस बयान के बाद मैच पर संकट के बादल नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ईसीबी ने बीसीसीआई की चिट्ठी का अब तक कोई जवाब नहीं दिया है, यह सीरीज के लिए खतरे की बात हो सकती है। भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज का इंतजार काफी समय से किया जा रहा था। इस सीरीज में विराट कोहली, जो रूट, एलेस्टर कुक, रविचंद्रन अश्विन और जेम्स एंडरसन जैसे खिलाड़ी एक साथ खेलते नजर आएंगे जो दर्शकों के लिए मनोरंजक होगा लेकिन अब इस स्थिती में यह श्रृंखला लगातार बयानों और फैसलों के बीच कहीं फंसती जा रही है।