Devbrat Bajpai
देवब्रत वाजपेयी क्रिकेटकंट्री हिंदी के साथ senior correspondent के पद पर कार्यरत हैं
Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - April 30, 2017 9:48 AM IST
आईपीएल 2017 के मैच नंबर 35 में खूब गहमा- गहमी देखने को मिली। पहले बल्लेबाजी करने उतरी गुजरात लायंस ने जहां 153/9 का स्कोर बनाया तो जवाब में मुंबई इंडियंस भी 153 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस तरह मैच टाई पर समाप्त हुआ। टी20 के नियम के मुताबिक सुपर ओवर के लिए दोनों टीमें तैयार हुईं। मुंबई इंडियंस ने सुपर ओवर में कायरॉन पोलार्ड के एक छक्के और एक चौके की मदद से 11 रन बनाए और गुजरात लायंस को 12 रन बनाने का लक्ष्य दिया। लेकिन गुजरात लायंस के दोनों बल्लेबाज एरन फिंच और ब्रैंडन मैक्कलम जसप्रीत बुमराह की स्लोअर, और यॉर्कर गेंदों पर स्ट्रोक नहीं लगा पाए और ओवर से सिर्फ 6 रन ही बना सके और इस तरह उनकी टीम मैच हार गई।
बुमराह ने अपने करियर में पहली बार सुपर ओवर फेंका है। जिसमें उन्हें खूब सफलता मिली। आईपीएलटी20 डॉट कॉम को दिए एक इंटरव्यू में बुमराह ने कहा कि ड्रेसिंग रूम से मिले सुझाव ने उन्हें सुपर ओवर फेंकने की हिम्मत दी, उन्होंने आगे कहा, “न, बहुत नहीं। उन्होंने मुझसे कहा था कि अपने कौशल पर ध्यान दो, विश्वास में रहो ये एक ओवर ही है। इसका अपने ऊपर अतिरिक्त दबाव मत लेना कि ये सुपर ओवर है। अपने ऊपर विश्वास बनाए रखना, शांत रहना और अपनी योजना को लागू करने की कोशिश करना। यह पहला मौका था जब मैं सुपर ओवर फेंक रहा था, 11 रन होने के कारण हमेशा दबाव रहता है। उस समय आप अपने सिर को शांत करते हो और नकारात्मक चीजों में ध्यान नहीं देते जो आपको करनी होती हैं। इसलिए सिर्फ सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा था और जो प्लान मैंने बनाए थे उसपर ध्यान दे रहा था।”
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उन्होंने आगे कहा, “इसमें कोई डरने की बात नहीं है लेकिन जब हमारे लगातार विकेट गिर रहे थे तो हमेशा दबाव रहता है। और यह काफी करीबी मैच था। और ऐसी चीजें क्रिकेट में अक्सर होती हैं। इसलिए मैं खुश था कि हम जीत वाले छोर पर थे।” बुमराह ने इन सालों में अपने ज्यादा कुशल गेंदबाजी पार्टनर लसिथ मलिंगा से बहुत कुछ सीखा है। मलिंगा के साथ इस बात को लेकर बुमराह ने कहा, “मैं ऐसे प्रेक्टिश नहीं करता जैसे मलिंगा जूतों को रखकर करते हैं। मैं उनके साथ यॉर्कर लगातार डालने की प्रेक्टिस करता हूं लेकिन मैं हमेशा जब भी प्रेक्टिस सेशन में भाग लेता हूं तो मेरे लिए डेथ बॉलिंग सेशन जरूर होता है। क्योंकि ये महत्वपूर्ण है। इस बार मैंने गुजरात के लिए घरेलू मैचों में गेंदबाजी की और अब मुंबई के लिए कर रहा हूं तो मुझे प्रेक्टिश करनी होती है।”
बुमराह ने अंत में बताया कि वह मैच की हर अच्छी बात को अपने दिमाग में रखेंगे और अच्छे खिलाड़ी बनेंगे। उन्होंने कहा, “जो अच्छी मैचों में अच्छा होता है उससे मैं हमेशा अच्छी चीजें ग्रहण करता हूं और आगे बढ़ता हूं।
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