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'धोनी का 7वें नंबर पर उतरना समझ से परे, बाद में 3 छक्के जड़ने का क्या फायदा, ये तो उनके निजी रन थे'

कोलकाता नाइटराइडर्स के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर ने कहा ,‘जल्दी आउट होने में कोई बुराई नहीं है लेकिन कम से कम धोनी को टीम को प्रेरित तो करना चाहिए था

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - September 23, 2020 3:01 PM IST

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2020) का 5वां मैच राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) और चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) के बीच मंगलवार को खेला गया.  इस मैच में चेन्नई को 16 रन से हार मिली.  कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के क्रीज पर रहने के बावजूद चेन्नई को हारता हुआ देख फैंस बेहद नाराज हैं.

भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने इस मैच में 7वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरने वाले धोनी के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि धोनी ने विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए बल्लेबाजी क्रम में नीचे उतरकर मोर्चे से अगुवाई नहीं की.

धोनी ने अपने से पहले सैम कर्रन, रुतुराज गायकवाड़ और केदार जाधव को भेजा

गंभीर ने कहा कि किसी और कप्तान ने ऐसा किया होता तो उसकी काफी आलोचना होती लेकिन चूंकि वह धोनी हैं तो लोग इस बारे में बात भी नहीं कर रहे.  धोनी ने अपने से पहले सैम कर्रन, रुतुराज गायकवाड़ और केदार जाधव को भेजा.

गंभीर ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो टी20 टाइम आउट में कहा ,‘ईमानदारी से कहूं तो मैं हैरान था. एमएस धोनी सातवें नंबर पर. रितुराज गायकवाड़ और सैम कर्रन उनसे पहले.  इसका क्या मतलब था. आपको तो मोर्चे से अगुवाई करनी चाहिए. ’

‘आगे बढ़कर टीम की अगुआई नहीं की’

उन्होंने कहा , ‘इससे मोर्चे से अगुवाई करना नहीं कहते.  217 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सातवें नंबर पर बल्लेबाजी.  फाफ अकेले किला लड़ाता रहा. किसी और ने यह किया होता तो काफी आलोचना होती. लेकिन चूंकि वह धोनी हैं तो लोग इस बारे में बात भी नहीं कर रहे. ’

58 टेस्ट और 147 वनडे खेल चुके गंभीर ने कहा ,‘जल्दी आउट होने में कोई बुराई नहीं है लेकिन कम से कम टीम को प्रेरित तो करना चाहिए.  आखिरी ओवर में आपने क्या किया (तीन गेंद में तीन छक्के). यही पहले किया होता तो नतीजा कुछ और होता.’

शायद जीत की ललक नहीं थी: गौतम गंभीर 

उन्होंने कहा ,‘शायद जीत की ललक ही नहीं थी. पहले छह ओवर के बाद लग रहा था कि उन्होंने उम्मीद छोड़ दी है. एमएस अंत तक टिककर टीम को मैच में लौटाने की कोशिश कर रहे थे ताकि आने वाले मैचों में ऐसी पारियां खेल सकें.आप एमएस धोनी के तीन छक्कों की बात कर सकते हैं लेकिन उनका क्या फायदा. वह तो उनके निजी रन थे.’

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चेन्नई ने पहले मुकाबले में 4 बार की चैंपियन मुंबई को हराकर मौजूदा लीग में जीत से शुरुआत की थी.