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कोविड-19 महामारी के बाद अब थूक की जगह ये पदार्थ लगा सकते हैं तेज गेंदबाज
आईसीसी मुख्य कार्यकारियों की गुरुवार को हुई ऑनलाइन बैठक के बाद इसकी चिकित्सा समिति के प्रमुख पीटर हारकोर्ड ने अपडेट जारी किया
Written by India.com Staff
Last Published on - April 24, 2020 5:58 PM IST

क्रिकेट के मैदान पर अक्सर हम ये देखते हैं कि गेंदबाज गेंद की चमक को बरकरार रखने के लिए लार का इस्तेमाल करते हैं. टेस्ट क्रिकेट में गेंद की चमक काफी अहम होती है क्योंकि इससे गेंदबाजों को गेंद स्विंग और रिवर्स स्विंग कराने में मदद मिलती है. लेकिन क्या कोविड-19 महामारी के बाद भी वे इस तरह के तरीके को अपनाएंगे. ये सबसे बड़ा सवाल है. हालांकि एक रिपोर्ट की मानें तो इसकी जगह कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल की अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है. इसे दूसरे शब्दों में ‘बॉल टेंपरिंग’ भी कह सकते हैं.
‘ईएसपीएन क्रिकइन्फो’ की रिपोर्ट के अनुसार प्रशासक अंपायरों की निगरानी में गेंद को चमकाने के लिए कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल की अनुमति देने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं. खेल के नियमों के तहत हालांकि ये गेंद से छेड़खानी के दायरे में आता है.
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अगर इस विकल्प को मंजूरी मिल जाती है तो यह बड़ी विडंबना होगी क्योंकि गेंद पर रेगमाल रगड़ने की कोशिश में ही स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर को 2018 में एक साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा था.
आईसीसी मुख्य कार्यकारियों की गुरुवार को हुई ऑनलाइन बैठक के बाद इसकी चिकित्सा समिति के प्रमुख पीटर हारकोर्ड ने अपडेट जारी किया. इसमें कहा गया, ‘हमारा अगला कदम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली का रोडमैप तैयार करना है. इसमें ये देखना होगा कि क्या क्या कदम उठाने होंगे. इसमें खिलाड़ियों की तैयारी से लेकर सरकार की पाबंदिया और दिशा निर्देश शामिल होंगे.’
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने गेंद पर थूक का इस्तेमाल नहीं करने के प्रस्ताव का समर्थन किया था. इससे पहले टीम इंडिया के पूर्व पेसर वेंकटेश प्रसाद, प्रवीण कुमार और जेसन गिलेस्पी जैसे पूर्व खिलाड़ियों नेे कहा था कि जब दोबारा खेल शुरू होगा तो खेल के नियम बनाने वाली संस्था को लार के इस्तेमाल को रोकना पड़ सकता है.
गौरतलब है कि कोरोनावायरस के कारण अब तक दुनियाभर में लगभग एक लाख 70 हजार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 28 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं.
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