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इंग्लैंड ने टॉस जीतकर दो वर्ल्ड कप के फाइनल हारे हैं, तो क्या टीम इंडिया जीत जाएगी वर्ल्ड कप?

इंग्लैंड को वर्ल्ड कप फाइनल में टॉस जीतना कभी नहीं आया रास, ऐसे क्या टीम इंडिया के पास मौका होगा? बहरहाल, ये तो भविष्य ही तय करेगा।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Published on - July 23, 2017 4:14 PM IST

टीम इंडिया © Getty Images
टीम इंडिया © Getty Images

महिला विश्व कप 2017 के फाइनल मुकाबले में भारत के खिलाफ इंग्लैंड टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है। क्रिकेट इतिहास को देखें तो पता चलता है कि विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड के लिए टॉस जीतना हमेशा से दुर्भाग्यशाली रहा है। इंग्लैंड ने जब भी विश्व कप फाइनल में टॉस जीता है उन्हें हार मिली है। साल 1983 विश्व कप में उन्होंने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टॉस जीता था और हार गए थे। वही हाल साल 1988 के विश्व कप में हुआ जहां उन्होंने टॉस जीता और हार का सामना करना पड़ा।

वैसे फाइनल में इंग्लैंड के लिए टॉस हारना अच्छा साबित हुआ है। साल 1993 में वह टॉस हारे, तो वर्ल्ड कप जीता। साल 2009 में वह फिर से फाइनल में टॉस हारे तो उन्होंने फिर से फाइनल जीतते हुए ट्रॉफी जीती। लेकिन भारत के खिलाफ फाइनल मैच में इंग्लैंड ने फिर से टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है। ऐसे में क्या इंग्लैंड फिर अपने इतिहास को दोहराएगी। बहरहाल यह तो वक्त ही तय करेगा।

महिला विश्व कप, 1983: तीसरे महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया पहुंची। गौर करें कि यह विश्व कप भी इंग्लैंड में आयोजित किया गया था। फाइनल मैच में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 60 ओवरों में 5 विकेट पर 151 रन बनाए। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने लक्ष्य को 7 विकेट खोकर हासिल कर लिया और इस तरह लगातार दूसरे विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की।

[ये भी पढ़ें: महिला विश्व कप 2017, फाइनल, भारत बनाम इंग्लैंड (लाइव ब्लॉग): इंग्लैंड का तीसरा विकेट गिरा]

महिला विश्व कप, 1988: यह विश्व कप ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने अपनी घरेलू परिस्थितियों का खूब फायदा उठाया और पूरे टूर्नामेंट में अपना दबदबा बनाकर रखा। विश्व कप फाइनल एक बार फिर से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के मध्य खेला गया। इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करते हुए 60 ओवरों में 7 विकेट पर 127 रन बनाए। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने मैच को 2 विकेट खोकर 44.2 ओवरों में जीत लिया। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने महिला विश्व कप में जीत की हैट-ट्रिक पूरी की। साथ ही विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की यह अब तक की सबसे बड़ी जीत थी। यह दूसरा मौका था जब इंग्लैंड को फाइनल में टॉ जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का घाटा झेलना पड़ा।

महिला विश्व कप, 1993: 1993 में इंग्लैंड में पांचवें महिला विश्व कप का आयोजन किया गया। इस विश्व कप में पहली बार तीसरी टीम ने एक गजब का प्रदर्शन किया और फाइनल में जगह बनाई। यह तीसरी टीम थी न्यूजीलैंड। इस विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया।

फाइनल में इंग्लैंड ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 60 ओवरों में 5 विकेट पर 195 रन बनाए। इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की पूरी टीम 55.1 ओवरों में 128 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। इस तरह इंग्लैंड ने विश्व कप 1993 का फाइनल मैच 67 रनों से जीत लिया। साथ ही इंग्लैंड ने दूसरा विश्व कप खिताब अपने नाम किया।

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महिला विश्व कप, 2009: 2009 में महिला विश्व कप ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया। महिला विश्व कप के इतिहास में यह दूसरा वाकया था जब ऑस्ट्रेलिया फाइनल में नहीं पहुंचा। इस विश्व कप में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीमों ने विश्व कप के फाइनल तक का सफर तय किया। न्यूजीलैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 47.2 ओवरों में 166 बनाए और उनकी टीम ऑलाउट हो गई। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने मैच को 46.1 ओवरों में 7 विकेट खोकर जीत लिया।