Cricket Country Staff
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Written by Cricket Country Staff
Last Published on - February 9, 2023 8:42 PM IST
मयंक अग्रवाल की डबल सेंचुरी की मदद से कर्नाटक ने सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रोफी के सेमीफाइनल मुकाबले में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. गुरुवार को मैच के दूसरे दिन बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में उन्होंने कमाल का दोहरा शतक पूरा किया. अग्रवाल की पारी में सब कुछ था. सजगता. आक्रमकता. निचले क्रम के खिलाड़ियों के साथ खेलने की समझदारी. और अपनी टीम को बड़े स्कोर पर ले जाने की काबिलियत.
बुधवार को अग्रवाल 110 के स्कोर पर नाबाद लौटे थे. वह 240 बनाकर आउट हुए. अपनी पारी में उन्होंने 429 गेंदों का सामना किया और 28 चौके व 5 छक्के लगाए. उनकी पारी की मदद से मेजबान टीम ने 407 रन का स्कोर बनाया. वह आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज रहे. अगर वह आउट नहीं होते तो वह केएल राहुल के बाद कर्नाटक के दूसरे सलामी बल्लेबाज होते जो पूरी पारी में आउट नहीं होते. राहुल 2013-14 में उत्तर प्रदेश के खिलाफ ओपनिंग करने के बाद अंत तक आउट नहीं हुए थे.
पहले दिन अग्रवाल ने संयम से बल्लेबाजी की थी. उन्होंने रक्षात्मक खेल दिखाते हुए पारी को जमाया था. इस बीच उन्होंने कुछ अच्छे शॉट्स लगाए थे. मयंक की लड़ाई अपने खुद के खेल से भी थी. वह आक्रामक बल्लेबाज हैं, खुलकर खेलने वाले. लेकिन यहां पिच और परिस्थितियां ऐसा करने की इजाजत नहीं दे रही थीं. यह ऐसी पिच नहीं थी जिस पर आप आएं और आते ही गेंदबाज पर हावी हो जाएं. यहां टिकना जरूरी था. बिना टिके रन नहीं बनने वाले थे. और अग्रवाल इसे समझे. इसका फायदा उन्हें हुआ. पहले दिन का असर दूसरे दिन नजर आया.
अग्रवाल जब 13 रन के निजी स्कोर पर थे जब स्नेल पटेल की पारेख मांकड की गेंद पर उनका कैच छोड़ दिया था. चिन्नास्वामी की हरी पिच पर सुबह ऐसे खेल की उम्मीद की जा सकती थी. सौराष्ट्र की परेशानी यह थी कि उसके कप्तान जयदेव उनादकट टीम इंडिया के साथ नागपुर में हैं.
ऐसा नहीं है कि अग्रवाल का कैच एकमात्र ऐसा मौका था जब वह संघर्ष करते हुए नजर आए थे. इससे पहले भी दो बाद गेंद उनके बल्ले का किनारा ले चुकी थी. मयंक पूरी तरह ओपन हो गए थे लेकिन दो बार गेंद स्लिप फील्डर से पहले गिर गई थी. अग्रवाल को पता था कि मुकाबला कड़ा होने वाला है.
दूसरे दिन वह बिलकुल ही अलग अंदाज में नजर आए. अग्रवाल ने खुलकर आक्रामक खेल दिखाया. दूसरे दिन गेंदबाजों को मदद भी मिल रही थी. इतना ही नहीं कर्नाटक ने पहले सेशन में जल्दी-जल्दी तीन विकेट खो दिए थे. और इस समय उसका स्कोर तीन विकटे पर 278 रन हो गया था.
दूसरी ओर मयंक अग्रवाल ने अपनी पारी को बहुत अच्छे तरीके से संवारा. सुबह के सेशन में उन्होंने 100 गेंदों का सामना किया और 75 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने तमाम तरह के शॉट खेले. स्पिनर हो या फिर तेज गेंदबाज उन्होंने सभी पर बराबर आक्रमण किया. जिस अंदाज में वह बल्लेबाजी कर रहे वह कमाल था. दूसरे छोर पर विकेट गिर रहे थे और वह आक्रमकता और जिम्मेदारी का शानदार मेल कर रहे थे.
मयंक की पारी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आखिरी दो विकेट के लिए कुल 129 रन जोड़े गए और इसमें से 113 अकेले उनके बल्ले से निकले. अग्रवाल दूसरा रन पूरा करने के लिए दौड़ रहे थे लेकिन वह 250 से एक रन पीछे रह गए. जवाब में सौराष्ट्र ने दो विकेट पर 76 रन बनाए थे. वह अभी भी कर्नाटक से 331 रन पीछे है जबकि तीन दिन का खेल बाकी है. विकेटकीपर हार्विक देसाई और शेल्डन जैकसन 27-27 रन बनाकर खेल रहे थे। स्नेल पटेल और विश्वराज जडेजा अपना विकेट कावेरप्पा को गंवा बैठे.
अग्रवाल अब 31 साल के हो चुके हैं. टीम इंडिया में बतौर ओपनर उनकी वापसी हो पाएगी या नहीं यह कह पाना मुश्किल है. रोहित शर्मा के साथी के तौर पर शुभमन गिल और केएल राहुल दावेदार हैं. लेकिन वह इसी तरह खेलते रहे तो वह दावेदार तो बन ही सकते हैं.
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