'पर्थ की पिच को खराब रेटिंग देना गलत, इससे ये बल्लेबाजों का खेल बन जाएगा'
मैच रेफरी ने पर्थ की पिच को औसत दर्जे की रेटिंग दी थी, जिसे टेस्ट मैच कराने के लिए आईसीसी सबसे निम्न दर्जे का मानती है।
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क ने दूसरे टेस्ट में भारत पर ऑस्ट्रेलिया की 146 रन की जीत के बाद ऑप्टस स्टेडियम की पिच को आईसीसी की ‘औसत’ रेटिंग मिलने पर निराशा जताई। पर्थ में कुछ बल्लेबाजों को खेलते समय गेंद लगी थी। स्टार्क ने कहा कि यह अच्छा आक्रामक टेस्ट क्रिकेट था और इस तरह की रेटिंग इसे पूरी तरह से बल्लेबाजों का खेल बना देगी।
मिशेल स्टार्क ने बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले कहा, ‘‘क्रिकेट प्रशंसक के रूप में ये थोड़ा निराशाजनक है कि पर्थ की पिच को औसत रेटिंग दी गई। मुझे लगता है कि यह गेंद और बल्ले के बीच शानदार जंग थी जो टेस्ट क्रिकेट में आप देखना चाहते हैं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए पिछले साल एमसीजी में खेलना काफी नीरस था और पिच ने कुछ नहीं किया। आप गेंद और बल्ले के बीच मुकाबला चाहते हैं जो टेस्ट क्रिकेट को जीवित रखेगा और पर्थ की तरह लोगों को मैदान में खींचकर लाएगा। वहां शानदार संघर्ष था और मुझे लगता है कि वह बेहतरीन पिच थी।’’
स्टार्क ने कहा, ‘‘दरारों ने अपनी भूमिका निभाई लेकिन जब चौथे और पांचवें दिन विकेट टूटती है तो ऐसा होता है। अगर आप हमेशा सपाट पिच तैयार करोगे तो क्रिकेट बल्लेबाजों का खेल बन जाएगा। आप गेंद और बल्ले के बीच रोमांचक मुकाबला चाहते हैं।’’
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स्टार्क बोले, ‘‘जब गेंद मूव कर रही होती है और बल्लेबाजों को खेलना होता है, यही खेल है। मार्कस हैरिस ने गेंद लगने के बावजूद खेलना जारी रखा और दोनों टीमों के बल्लेबाजों के कंधों पर गेंद लगी लेकिन उन्होंने खेलना जारी रखा। यह अच्छा आक्रामक क्रिकेट था और यह लोगों को खेल तक खींचकर लाता है।’’
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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