Devbrat Bajpai
देवब्रत वाजपेयी क्रिकेटकंट्री हिंदी के साथ senior correspondent के पद पर कार्यरत हैं
Written by Devbrat Bajpai
Last Published on - August 29, 2016 6:33 PM IST
भारत और वेस्टइंडीज के बीच लॉडरहिल के मैदान पर खेला गया दूसरा टी20 मैच बारिश और तकनीकी खराबी के कारण रद्द हो गया लेकिन सेंट्रल ब्रोवार्ड रीजनल पार्क के मैदान की स्थिति को देखने के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और वेस्टइंडीज के कप्तान कार्लोस ब्रैथवेट की अलग अलग राय थी। मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज की पूरी टीम 19.4 ओवरों में 143 रनों पर ऑलआउट हो गई थी। वेस्टइंडीज की ओर से जॉनसन चार्ल्स ने सर्वाधिक 43 रन बनाए। जवाब में जब लक्ष्य का पीछा भारतीय टीम करने उतरी तो 2 ओवरों के बाद ही बारिश होने लगी। अंततः भारी बारिश के कारण मैच को रद्द कर दिया गया। इस बारिश से मैदान के कुछ हिस्से में काफी कीचड़ हो गया जिसमें मैदान के पवेलियन छोर की ओर का गेंदबाजों का रन-अप भी शामिल था, यही कारण रहा कि कारण अधिकारियों को मैच रद्द करना पड़ा।
ब्रैथवेट ने कहा, “इसमें दो-तीन चीजें चिंता का विषय थी। पवेलियन की ओर देखते हुए, उस छोर का रन-अप और प्रायोजकों (मैदान पर पेंट किए गए विज्ञापन) के समीप शायद मिड ऑन और फिर पश्चिमी छोर की ओर एक छोटा पैच (कीचड़ का) था। इसलिए मेरी राय में इस पर खेलना असुरक्षित था और अगर रन-अप अच्छा भी था तो अगर एक खिलाड़ी उस आउटफील्ड पर गेंद हिट करता और कोई उसके पीछे दौड़ता और वह गिर जाता तो यह उस खिलाड़ी के करियर का अंत हो सकता था।”
ब्रैथवेट ने कहा, “इसलिए हम ऐसे मैदान पर नहीं खेलना चाहेंगे, हम हर किसी के करियर के लिए जहां तक संभव हो, सुविधाएं और परिस्थितियां सुरक्षित चाहते थे।” हालांकि धोनी ने कहा कि वह अपने करियर के दौरान इससे भी खराब हालात में खेले हैं और उन्होंने इंग्लैंड के 2011 के दौरे का उदाहरण दिया। धोनी ने कहा, “अंपायर ने हमसे कहा, कि यहां उपयुक्त उपकरण मौजूद नहीं है और मैदान के हालात काफी खराब थे इसलिए हालात में कोई सुधार नहीं हो पाएगा तो हम मैच नहीं खेल सकते थे।” उन्होंने कहा, “मैच अधिकारियों को इस पर फैसला करना था। जहां तक मेरा संबंध है, मैं करीब 10 साल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुका हूं और सच कहूं तो मैं काफी खराब हालात में भी खेला हूं।”
धोनी ने कहा, “अगर मैं याद करूं तो हमने 2011 में इंग्लैंड में पूरी वनडे सीरीज लगभग बारिश में ही खेली थी। लेकिन हालात के बारे में फैसला अंतत: अंपायरों को ही करना होता है औैर वे फैसला करते हैं और आप खेलते हो, हम खेलते हैं। अगर वे कहते हैं कि यह मैदान खेलने के लिए सही नहीं है तो यह खेलने के लिए सही नहीं होता।” उन्होंने कहा, “मैं और ब्रावो जहां खड़े थे, उस छोर पर पैच था लेकिन यह गेंदबाजों के रन-अप से काफी दूर था। उनकी टीम में कोई शोएब अख्तर तो नहीं था इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह बड़ी चिंता की बात थी।”
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