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हनुमा विहारी ने कहा- अपनी ही गलतियों से आउट हुए भारतीय बल्लेबाज

भारतीय टीम क्राइस्टचर्च टेस्ट की पहली पारी में 242 रन पर ऑलआउट हो गई।

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - February 29, 2020 5:11 PM IST

वेलिंगटन टेस्ट में मिली हार के बाद भी क्राइस्टचर्च में हो रहे दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन में खास सुधार आया है। पहले मैच के बाद कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने कहा था कि बल्लेबाजों को अपनी डिफेंसिव शैली में बदलाव लाना होगा और कई बल्लेबाजों ने ऐसा किया भी और बड़े शॉट खेलने की कोशिश की। लेकिन खराब शॉट चयन के चलते विकेट गंवाए। टीम इंडिया (Team India) के ऑलराउंडर हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) का भी यही कहना है।

पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद मीडिया के सामने आए विहारी ने कहा कि खराब शॉट चयन के कारण भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ 242 रन के स्कोर पर सिमट गई जबकि पिच इतनी खराब नहीं थी और इससे दो टेस्ट मैचों की सीरीज में वापसी की उनकी उम्मीद को झटका लगा है। दूसरे और अंतिम टेस्ट के शुरूआती दिन न्यूजीलैंड ने स्टंप तक बिना विकेट गंवाए 63 रन बना लिए थे।

विहारी ने 70 गेंद में 55 रन की पारी खेलकर प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि वो आक्रमण करना चाहते थे ताकि चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) अपना नैसर्गिक खेल खेल सकें। विहारी ने कहा, ‘‘हां, निश्चित रूप से, क्योंकि पिच उतनी खराब नहीं थी जैसी हमने उम्मीद की थी।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने सही लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी की और वे जानते थे कि यह पिच कैसा प्रदर्शन करेगी। पृथ्वी ने लय तय की, पुजारा ने समय लिया। लेकिन सभी खिलाड़ी गलत समय पर आउट हुए। कोई भी खिलाड़ी पिच के कारण आउट नहीं हुआ। ज्यादातर खिलाड़ी अपनी गलतियों से पवेलियन पहुंचे। पिच ठीक ठाक थी।’’

इस पिच पर पहली पारी के हिसाब से 300 से ज्यादा का स्कोर आदर्श होता। विहारी शार्ट पिच का सामना अच्छी तरह कर रहे थे और उन्होंने कहा कि उनके आउट से पुजारा के नैसर्गिक खेल में भी बाधा पहुंची। दोनों ने वेलिंगटन में पहले टेस्ट में रक्षात्मक खेल दिखाया था जिससे भारत को खामियाजा भुगतना पड़ा था।

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विहारी ने कहा, ‘‘पुजारा एक छोर पर खेल रहा था और मैं सकारात्मक खेलकर पारी को आगे बढ़ाना चाहता था क्योंकि वह ऐसा खिलाड़ी है जो लंबी पारी खेलता है। इसलिये मैं भी समय नहीं लेना चाहता था जिससे पुजारा पर या हमारी पारी पर दबाव बढ़ता क्योंकि अगर आप स्कोरबोर्ड को बढ़ाओगे नहीं तो आप पिछले मैच की तरह एक ही जगह अटक जाते। इसलिये मैंने थोड़ा सकारात्मक खेलकर पारी आगे ले जाने का फैसला किया।’’