VIDEO: सपना हुआ पूरा तो घुटने के बल सीढ़िया चढ़ तिरुमाला मंदिर पहुंचे नीतिश रेड्डी
VIDEO: सपना हुआ पूरा तो घुटने के बल सीढ़िया चढ़ तिरुमाला मंदिर पहुंचे नीतिश रेड्डी
नितीश कुमार रेड्डी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें वह घुटने के बल तिरुपति मंदिर की सीढ़ियां चढ़ते हुए नजर आ रहे हैं.
Written by Saurav Kumar Last Updated on - January 14, 2025 3:25 PM IST
Nitish Kumar Reddy
Nitish Kumar Reddy Climbs Stairs on Knees भारतीय क्रिकेटर नीतिश कुमार रेड्डी ने अपने पहले मैच में शानदार प्रदर्शन के लिए आभार जताने के लिए प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए घुटनों के बल तिरुमाला पहाड़ी की चोटी पर सीढ़ियां चढ़ीं.
विशाखापत्तनम के मूल निवासी ऑलराउंडर को श्रीवारी मेट्टू या पहाड़ी मंदिर तक जाने वाले पैदल मार्ग से घुटनों के बल सीढ़ियां चढ़ते देखा गया. नीतिश कुमार के घुटनों के बल चलने के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किए गए.
नीतिश ने घुटने के बल चढ़ी सीढ़ियां
21 वर्षीय इस खिलाड़ी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो भी शेयर किया. भक्त आमतौर पर मन्नत पूरी करने के लिए तिरुमाला की पहाड़ियों पर चढ़ते हैं. पहाड़ियों तक जाने के लिए दो पैदल रास्ते हैं. नितीश ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में शानदार शुरुआत की.
युवा ऑलराउंडर ने अपने पहले दौरे में शतक लगाकर वाहवाही बटोरी. आठवें स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए, ऑलराउंडर ने मेलबर्न में चौथे टेस्ट में शानदार शतक लगाया. उन्होंने बॉक्सिंग डे टेस्ट में 114 रन बनाए. यह उनके लिए एक खास पल था क्योंकि उनके पिता मुत्यालु रेड्डी, मां मानसा, बहन तेजस्वी और चाचा सुरेंद्र इस प्रतिष्ठित स्थल पर मौजूद थे.
Nitish Kumar Reddy taking blessings at Tirupati after Border Gavaskar Trophy 🤍 pic.twitter.com/PYaQFlXrZP
हालांकि भारत ने सीरीज 1-3 से गंवा दी, लेकिन नीतीश ने 37.25 की औसत से 298 रन बनाकर सभी को प्रभावित किया. वह सीरीज में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे. उन्होंने 44 ओवर में पांच विकेट भी चटकाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2-32 रहा. ऑस्ट्रेलिया से लौटने पर, नितीश रेड्डी का विशाखापत्तनम एयरपोर्ट पर हीरो की तरह स्वागत किया गया.
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एयरपोर्ट से बाहर आने के बाद, नितीश को उत्साहित प्रशंसकों ने एक बड़ी पीली माला पहनाई और उन पर पीले रंग की पंखुड़ियाँ बरसाई गईं. नितीश एक खुली जीप की अगली सीट पर बैठे थे, उनके पिता मुत्यालु पीछे वाहन में बैठे थे और प्रशंसक ऑलराउंडर की एक झलक पाने के लिए आस-पास खड़े थे. युवा क्रिकेटर का मानना है कि पिछले दो महीने उनके लिए एक खिलाड़ी और एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने का एक अवसर से कम नहीं रहे हैं.
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