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रणजी ट्रॉफी जीतकर घर लौटे गुजरात के खिलाड़ियों का नहीं किया गया स्वागत

पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतकर घर पहुंची टीम को जोरदार स्वागत की उम्मीद थी मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ

user-circle cricketcountry.com Written by Jay Jaiswal
Last Updated on - January 16, 2017 6:06 PM IST

पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतने वाली गुजरात टीम का कोई स्वागत नहीं किया गया Picture Courtesy: Chinmay Jawalekar
पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतने वाली गुजरात टीम का कोई स्वागत नहीं किया गया Picture Courtesy: Chinmay Jawalekar

पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतकर अपने घर लौटी गुजरात टीम को उस समय निराशा का सामना करना पड़ा, जब एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए कुछ ही समर्थक आए। 41 बार की रणजी चैंपियन मुंबई को फाइनल में हराकर खिताब पर कब्जा जमाने वाली गुजरात टीम को घर में भव्य स्वागत की उम्मीद थी मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। जीसीए के सचिव राजेश पटेल ने कहा कि मैं टीम के साथ नहीं आया मगर मैंने अधिकारियों को टीम के आने की सूचना दे दी थी। जीसीए अध्यक्ष अमित शाह ने टीम को 3 करोड़ रूपये के ईनाम की घोषणा भी की थी।

जब इस फीके स्वागत के संबंध में अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने साफ तौर पर यह कहकर इंकार कर दिया कि उन्हें टीम के कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं थी। किसी ने उम्र ज्यादा होने का बहाना बनाया तो किसी ने तबीयत खराब होने का बहाना बनाया। गुजरात टीम के कोच हितेश मजूमदार इस मुद्दे को ज्यादा तूल नहीं दिया और कहा हमारे उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव इंदौर में मौजूद थे। हमने वहां अपनी जीत का जश्न मनाया। मुझे पात चला है कि असोसिएशन ने सोमवार को कार्यक्रम रखा है। इसके साथ ही हमें अपने परिवार से मिलने और वासी उत्तरायण का जश्न मनाने की भी जल्दी थी। तो मुझे नहीं लगता कि यह कोई बड़ी बात थी।’

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इन तमाम बातों के बीच खेल से जुड़े लोग खिलाड़ियों के प्रति जीसीए के रवैये से खुश नहीं हैं। एक स्थानीय कोच दीपक रावत ने कहा, ‘मुझे यह जानकार काफी दुख हुआ कि जीसीए की ओर से कोई भी खिलाड़ियों के स्वागत के लिए मौजूद नहीं था। ये वे खिलाड़ी हैं जिन्होंने हमें इतना गर्व का अहसास कराया है। लथिगरा ने कहा, ‘मुझे याद है कि जब अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने के बाद समित पटेल और रश कलारिया लौटे थे तब उनका शानदार स्वागत किया गया था। मुझे हैरानी है कि रविवार को वहां कोई मौजूद नहीं था। मुझे लगता है कि इस जीत का जश्न बड़ा होना चाहिए था। असोसिएशन के रवैये से मैं हैरान हूं।’