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'ODI सबसे खराब फॉर्मेट..', इंग्लैंड के दिग्गज ऑलराउंडर ने क्यों कह दिया ऐसा

इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर मोइन अली ने वनडे फॉर्मेट को लेकर हैरान करने वाला बयान दिया.

user-circle cricketcountry.com Written by Saurav Kumar
Last Updated on - March 7, 2025 10:32 PM IST

Moeen Ali on ODI Format: इंग्लैंड के पूर्व ऑलराउंडर मोईन अली ने बल्लेबाजों के पक्ष में नियमों की कड़ी आलोचना की जिससे 50 ओवर का प्रारूप खत्म होने की कगार पर पहुंचा जिससे टी20 लीग में ‘फ्रीलांस’ (स्वतंत्र) खेलने वाले खिलाड़ियों की संख्या बढ़ रही है.

मोईन ने इंग्लैंड के लिए 138 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 2,355 रन बनाने के अलावा 111 विकेट भी लिए हैं जबकि 68 टेस्ट मैच में उन्होंने 3000 से अधिक रन बनाए हैं और 200 से अधिक विकेट लिए हैं.

उन्होंने पिछले साल सितंबर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था और वह आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलेंगे.

वनडे फॉर्मेट लगभग खत्म हो गया है

मोईन ने टॉकस्पोर्ट क्रिकेट से कहा, ‘‘विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी को छोड़कर यह वनडे प्रारूप लगभग पूरी तरह खत्म हो गया है. यह खेलने के लिए सबसे खराब प्रारूप है और मुझे लगता है कि इसके कई कारण हैं. ’’

पहले के समय में पहले पावरप्ले के बाद सर्कल के बाहर पांच क्षेत्ररक्षक हुआ करते थे लेकिन पिछले कुछ साल में यह संख्या चार हो गई है जिससे बीच के ओवरों में बल्लेबाजी करना आसान हो गया है. इतना ही नहीं दो नई गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है जो पहले नहीं होता था जिससे रन बनाना भी बहुत आसान हो जाता है.

मुझे लगता है वनडे के नियम बहुत खराब हैं

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि नियम बहुत खराब हैं. पहले पावरप्ले के बाद अतिरिक्त क्षेत्ररक्षक रखना, मुझे लगता है कि विकेट लेने और किसी भी तरह का दबाव बनाने के लिए यह एक खराब नियम है. इसी वजह से अब खिलाड़ी वनडे क्रिकेट में 60 और 70 का औसत बना रहे हैं. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब आप किसी को गेंदबाजी कर रहे होते हैं और आप थोड़ा दबाव डालते हैं तो बल्लेबाज बस रिवर्स-स्वीप करता है और यह एक रन नहीं बल्कि यह चौका होता है. हमेशा बल्लेबाजों के लिए रन बनाने का विकल्प उपलब्ध रहता है. ’’

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मोईन ने चेताया कि ऐसे भी क्रिकेटर हैं जो टी20 लीग में मिलने वाली राशि से समय से पहले संन्यास ले लेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट इसमें मिलने वाली राशि से लुभा रहा है और यह इतना लुभावना है कि खिलाड़ी इससे इनकार नहीं कर सके. यह बहुत मुश्किल है. ’’