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IPL 2020: 'विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों का दर्शकों के बगैर खेलना चुनौतीपूर्ण होगा'
दक्षिण अफ्रीका के 51 साल के अप्टन 2011 में विश्व विजेता बनने वाली भारतीय टीम के मानसिक अनुकूलन कोच थे
Written by India.com Staff
Last Published on - September 1, 2020 3:41 PM IST

ipl 2020 news today: भारतीय टीम के पूर्व मेंटल कंडीशनिंग कोच पैडी अप्टन (Paddy Upton) का कहना है कि आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2020) के 13वें एडिशन में खाली स्टेडियम में कई खिलाड़ी संघर्ष कर सकते हैं खासकर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) जिन्हें खचाखच भरे स्टेडियम में खेलने की आदत है।
कोविड-19 महामारी के कारण आईपीएल के आगामी सीजन का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में जैव-सुरक्षित माहौल में 19 सितंबर से होगा। अप्टन ने ईएसपीएनक्रिकइंफो न्यूजरूम से कहा, ‘बड़े मैचों वाले खिलाड़ी उस समय दबाव को बेहतर तरीके से झेलते है जब वहां आस-पास बड़ी संख्या में लोग होते हैं। इस बार मैच खाली स्टेडियम में होंगे जिससे खिलाड़ियों पर उस स्तर का दबाव नहीं होगा।’
‘आपको ऐसे खिलाड़ियों को ढूंढना होगा जो दबाव में आमतौर पर प्रदर्शन नहीं कर पाते है’
उन्होंने कहा, ‘विराट कोहली जैसे बड़े मैचों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को यह देखना होगा कि दर्शकों के शोर-गुल और हैसलाअफजाई के बिना वह वैसा प्रदर्शन कर पाएंगे?’
उन्होंने कहा, ‘आपको ऐसे खिलाड़ियों को ढूंढना होगा जो दबाव में आमतौर पर प्रदर्शन नहीं कर पाते है। दर्शकों की गैरमौजूदगी में वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।’ दक्षिण अफ्रीका के 51 साल के अप्टन 2011 में विश्व विजेता बनने वाली भारतीय टीम के मानसिक अनुकूलन कोच थे। उन्होंने कहा कि खुद से प्रेरणा लेने वाले खिलाड़ी, हौसलाअफजाई के लिए बाहरी तत्वों पर निर्भर रहने वालों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
‘तीन महीने तक जैव रूप से सुरक्षित माहौल में रहना खिलाड़ियों के लिए मुश्किल’
उन्होंने कहा, ‘जो खिलाड़ी खुद से प्रेरणा लेते है वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे। बाहर से आत्मविश्वास, प्रेरणा लेने वाले खिलाड़ी संघर्ष करेंगे।’ आईपीएल, बिग बैश लीग और पाकिस्तान सुपर लीग जैसे टूर्नामेंटों में कई टीमों को कोचिंग दे चुके अप्टन ने कहा कि लगभग तीन महीने तक जैव रूप से सुरक्षित माहौल में रहना खिलाड़ियों के लिए मुश्किल होगा।
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उन्होंने कहा, ‘कई अन्य खिलाड़ी हैं जिनकी स्थिति सुरेश रैना की तरह हो सकती है। मुझे उम्मीद है कि टीमों को इसके बारे में पता है और इसके लिए वे तैयारी कर रहे हैं। ऐसे कोच और सहायक कर्मचारी हैं जो तीन महीने के ‘बायो-बबल’ में खिलाड़ियों के प्रबंध को लेकर संघर्ष करेंगे।’