×

'फोन उठाओ और एक दूसरे से बात करो': कपिल देव ने विराट कोहली-सौरव गांगुली को देश के बारे में सोचने की सलाह दी

BCCI ने कोहली को भारत के ODI कप्तान के रूप में बर्खास्त कर दिया, जिसके बाद भारतीय क्रिकेट में उथल-पुथल का दौर आया।

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - January 25, 2022 5:46 PM IST

भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) ने बीसीसीआई (BCCI) अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और विराट कोहली (Virat Kohli) से एक साथ बैठकर लंबी बातचीत करने और भारतीय क्रिकेट की बेहतरी के लिए बीते दिनों के विवादों को भूल जाने का आग्रह किया है।

दिसंबर में, BCCI ने कोहली को भारत के ODI कप्तान के रूप में बर्खास्त कर दिया, जिसके बाद भारतीय क्रिकेट में उथल-पुथल का दौर आया। कोहली के फैसले पर बीसीसीआई की प्रतिक्रिया के बारे में गांगुली और कोहली के विरोधाभासी बयानों ने फैंस को विभाजित कर दिया। और जब ऐसा लगा कि सब खत्म हो गया है तब कोहली ने टेस्ट कप्तानी छोड़कर एक और धमाका किया।

कपिल को लगता है कि कोहली के भारतीय कप्तान के पद से इस्तीफा देने की परिस्थितियों के बावजूद, भारतीय क्रिकेट के लिए उन्होंने जो कुछ भी हासिल किया है, उसे देखते हुए उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए। जब कोहली ने पदभार संभाला, तब भारत आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में सातवें स्थान पर था। वहां से टीम कोहली की अगुवाई में लगातार पांच साल तक नंबर 1 रैंक पर रही। इसके अलावा कोहली की अगुवाई में ही टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, श्रीलंका और लगभग इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीतकर टेस्ट क्रिकेट के लिए नए मानक तैयार किए हैं।

उन्होंने कहा, “आजकल आप ज्यादा चीजों से हैरान नहीं होते। जब उन्होंने टी20 कप्तानी छोड़ी तो किसी ने सोचा कि शायद उनके दिमाग में बहुत कुछ है। हमने जो पढ़ा और सुना है, उससे कोई नहीं चाहता था कि वो कप्तानी छोड़े (तब या अब)। वो एक शानदार खिलाड़ी हैं, हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए।”

हालांकि कपिल कोहली के फैसले के पीछे के कारणों से अवगत नहीं हैं लेकिन देश के पहले विश्व कप विजेता कप्तान का मानना ​​है कि विराट को बीसीसीआई के साथ थोड़ा और धैर्य रखना चाहिए था। ये कहने के बाद, हर किसी की तरह, कपिल ने भी माना कि कप्तानी छोड़ने के बाद कोहली को बल्लेबाज के तौर पर पनपते हुए देखते हैं।

TRENDING NOW

कपिल ने आगे कहा, “उन्हें अपने बीच के मुद्दों को सुलझाना चाहिए था। फोन उठाओ, एक-दूसरे से बात करो, देश और टीम को अपने सामने रखो। शुरुआत में, मुझे भी वो सब कुछ मिला जो मैं चाहता था। लेकिन कभी-कभी, आपको ये नहीं मिल सकता है। इसका मतलब ये नहीं होना चाहिए कि आप कप्तानी छोड़ दें। अगर उसने उस वजह से इसे छोड़ दिया है, तो मुझे नहीं पता कि क्या कहना चाहिए। वो एक शानदार खिलाड़ी है मैं उसे और खेलते हुए और रन बनाते देखना चाहता हूं, खासकर में टेस्ट क्रिकेट।”