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कोच को खुश देखकर मैं भावुक हो गया था: रजनीश गुरबानी
कर्नाटक के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में विदर्भ के रजनीश गुरबानी ने 12 विकेट लेकर टीम को फाइनल में पहुंचाया।
Written by Indo-Asian News Service
Last Updated on - December 22, 2017 12:59 PM IST

विदर्भ को पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचाने वाले तेज गेंदबाज रजनीश गुरबानी ने बताया कि उन्होंने जब अपने कोच चंद्रकांत पंडित को खुश देखा तो वो खुद भावुक हो गए थे। गुरबानी ने दूसरे सेमीफाइनल में कर्नाटक के खिलाफ 12 विकेट लेकर अपनी टीम को फाइनल में जगह दिलाई। मैच के बाद उन्होंने कहा, “आखिरी विकेट लेने पर चंदू सर की खुशी देखने के बाद मैं काफी भावुक हो गया था।”
गुरबानी ने कहा, “मैं पूरी रात काफी घबराया हुआ था। पहले मैं 12:30 बजे उठा, मुझे लगा कि सुबह के छह बज गए हैं। इसके बाद में 4:30 बजे उठा और इसके बाद मैं सो नहीं सका। पांच बजे उठकर मैं तैयार होने लगा और छह बजे तक तैयार हो गया। दो बार क्वार्टर फाइनल में मात खाने के बाद इस साल हम फाइनल खेलने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध थे।” गुरबानी ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच बीई के आखिरी सेमेस्टर को 80 प्रतिशत के साथ पास करने के बाद खेला था।
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उन्होंने कहा, “जब मैं मैदान पर गया तो कोच ने मुझे प्रोत्साहन दिया और किसी तरह मुझे शांत किया। मैदान के अंदर जब विकेट नहीं मिल रहे थे तो मुझे काफी परेशानी हो रही थी। इसके बाद मेरे सीनियर खिलाड़ियों, कप्तान और चंदू सर ने मुझे शांत रहने को कहा।”
उमेश यादव ने मदद की
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इस युवा गेंदबाज ने कहा कि भारतीय टीम के लिए खेलने वाले उमेश यादव के टीम में रहने से उन्हें काफी मदद मिली। उन्होंने कहा, “उमेश यादव के रहने से मुझे काफी मदद मिली। उमेश भईया के साथ गेंदबाजी की शुरुआत करना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है। वह एक छोर से गेंदबाजी कर रहे थे और मैं उन्हें देख रहा था। वह मेरे प्रेरणास्त्रोत हैं और पसंदीदा गेंदबाज भी।”