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टीम इंडिया में जगह पाने के लिए रिषभ पंत को प्रतिद्वंद्वी की तरह नही देखता : संजू सैमसन
2015 में टी20 अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाले सैमसन टीम इंडिया के लिए अब तक चार मैच ही खेल पाए हैं।
Written by India.com Staff
Last Published on - June 8, 2020 2:19 PM IST

महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के सीमित ओवर फॉर्मेट टीम से बाहर जाने के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज की जगह को लेकर प्रतिद्वंदिता काफी बढ़ गई है। रिषभ पंत (Rishabh Pant), जिन्हें कि एक समय पर धोनी का उत्तारिधकारी माना जा रहा था, निरंतरता की कमी की वजह से अब संजू सैमसन (Sanju Samson) और केएल राहुल (KL Rahul) जैसे खिलाड़ियों के साथ प्रतिद्वंद्विता का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सैमसन पंत को टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए प्रतिद्वंद्वी की तरह नहीं देखते हैं।
25 साल के सैमसन ने कहा, “मुझे लगता कि सबकुछ टीम कॉम्बिनेशन पर निर्भर करता है। मैं इसके (पंत के साथ प्रतिद्वंद्विता) बारे में नहीं सोचता। बतौर क्रिकेटर जब आप प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे होते हैं या फिर किसी खेल में जगह बनाने की कोशिश कर रहे होते हैं, अगर आप उन दूसरे खिलाड़ियों पर नजर रखते तो मुझे नहीं लगता कि ये क्रिकेट खेलने का सही तरीका है।”
गौरतलब है कि सैमसन ने पंत से पहले भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था लेकिन 2015 में टी20 डेब्यू करने के बाद सैमसन को 2020 में भारतीय टीम में वापसी करने का मौका मिला। हालांकि वो इन पांच सालों को अपने करियर और जिंदगी का अहम समय मानते हैं क्योंकि इस दौरान उन्हें अपने खेल पर काम करने और अपने आपको समझने का मौका मिला।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में सैमसन ने कहा, “मैंने जिम्बाब्वे के खिलाफ 2015 में डेब्यू किया था। फिर मुझे लंबा समय मिला, जिसमें मैंने चार-पांच साल आईपीएल और घरेलू क्रिकेट खेला। मुझे लगता है कि वो मेरे करियर और जिंदगी का अहम समय था।”
उन्होंने कहा, “वो पांच साल मेरे लिए बेहद अहम रहे। मैंने उसके हिसाब से अपना खेल बदला और फिर मैंने बेहतर करने की कोशिश की। उन पांच सालों में मैंने बेस तैयार किया। मुझे लगता है कि मैं मानसिक तौर पर हमेशा से मजबूत था और मैंने एहसास हुआ कि मैं किस तरह का इंसान हूं और किस तरह का इंसान हूं।”
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केरल के इस क्रिकेटर ने कहा, “मैंने पांच सालों में अपने ताकत और कमजोरी को समझा। इसलिए मैं खुद को उस अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार करने की आदी हूं, जहां मैं खेल सकता हूं और भारतीय टीम के लिए मैच जीत सकता हूं। इसलिए मैं इन सालों को इसी तरह देखता हूं।”