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विराट कोहली को कप्तान पद से हटाने वाले चयनकर्ताओं ने उनसे आधा क्रिकेट भी नहीं खेला होगा: कीर्ति आजाद

बीसीसीआई ने टेस्ट कप्तान विराट कोहली को टी20 फॉर्मेट के बाद वनडे टीम के कप्तान पद से भी हटा दिया है।

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Published: Dec 18, 2021, 05:05 PM (IST)
Edited: Dec 18, 2021, 05:05 PM (IST)

भारत के विश्व कप विजेता ऑलराउंडर कीर्ति आजाद (Kirti Azad) को लगता है कि विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी के मामले को बीसीसीआई को जिम्मेदारी से संभालाना चाहिए था। पूर्व क्रिकेटर का मानना है कि कोहली को वनडे कप्तानी से हटाए जाने की सूचना मिलने पर काफी दुख हुआ होगा। कोहली को वनडे कप्तानी से हटाए जाने का मुद्दा भारतीय क्रिकेट के सबसे विवादास्पद और चर्चित विषयों में से एक बन चुका है।

भारत के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी का मानना है कि चयनकर्ताओं को इस मामले में गांगुली के पास जाना चाहिए था और उनकी मंजूरी के बाद ही फैसला करना चाहिए था। आजाद का मानना है कि सदियों से चली आ रही परंपरा को बोर्ड के अध्यक्ष से मंजूरी की मुहर मिलना जरूरी और फायदेमंद है।

आजाद ने News18 को बताया, “अगर ये चयनकर्ताओं द्वारा तय किया जाना था, तो उन्हें अध्यक्ष के पास जाना चाहिए था। आम तौर पर, क्या होता है कि जब एक टीम का चयन किया जाता है – जब मैं भी एक राष्ट्रीय चयनकर्ता था – हम टीम का चयन करेंगे और अध्यक्ष के पास जाएंगे, वो देखेंगे कि क्या ये ठीक है, इस पर हस्ताक्षर करते हैं और फिर इसकी घोषणा की जाएगी। लेकिन ये हमेशा रिवाज है कि एक टीम चुने जाने के बाद बोर्ड अध्यक्ष द्वारा देखी जाती है।”

दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोहली ने बताया कि उन्होंने भारत के वनडे कप्तान के पद से बर्खास्त होने की सूचना पर चयनकर्ताओं को ‘ठीक है, ठीक’ कहा था, लेकिन आजाद का मानना ​​है कि स्टार बल्लेबाज इस बात से निश्चित रूप से आहत हुए होंगे।

आजाद ने आगे कहा कि उनका मतलब चयनकर्ताओं का अपमान करना नहीं है, लेकिन कोहली का क्रिकेट खेलने का अनुभव कहीं अधिक है। उन्होंने कहा, “तो जाहिर है, अगर आप किसी भी फॉर्मेट के लिए कप्तान बदल रहे हैं, तो आप अध्यक्ष को लिखें और सूचित करें।”

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पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, “विराट परेशान नहीं हैं, लेकिन मुझे लगता है कि जिस तरह से उन्हें सूचित किया गया है, उससे वो आहत हैं। इसलिए एक बार ये मामला सौरव के पास जाता तो हो सकता था कि वो अनौपचारिक रूप से भी इसके बारे में बात करते। आप समझ सकते हैं, मैं ये नहीं कहना चाहता। सभी चयनकर्ता वास्तव में महान लोग हैं, लेकिन अगर आप उनके कुल मैचों की संख्या डाल दें, तो ये विराट ने जितना खेला है उसका आधा भी नहीं होगा।”