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Duleep Trophy: शम्स मुलानी शतक के करीब, पहले दिन इंडिया ए का स्कोर- 288/8

शम्स मुलानी ने मुंबई के साथी तनुष कोटियान (53 रन, 80 गेंद) के साथ मिलकर 91 रन की भागीदारी निभाई जिससे पहले सत्र में 93 रन तक पांच विकेट गंवाने वाली इंडिया ए उबरने में सफल रही.

user-circle cricketcountry.com Written by Akhilesh Tripathi
Last Updated on - September 12, 2024 9:54 PM IST

अनंतपुर. गेंदबाजी ऑल राउंडर शम्स मुलानी (नाबाद 88 रन) अपने पहले प्रथम श्रेणी शतक के करीब पहुंच गये और उनकी पारी की बदौलत इंडिया ए ने गुरुवार को इंडिया डी के खिलाफ दलीप ट्राफी मैच के पहले दिन मुश्किल स्थिति से उबरते हुए स्टंप तक आठ विकेट पर 288 रन बना लिए.

मुलानी ने मुंबई के साथी तनुष कोटियान (53 रन, 80 गेंद) के साथ मिलकर 91 रन की भागीदारी निभाई जिससे पहले सत्र में 93 रन तक पांच विकेट गंवाने वाली इंडिया ए उबरने में सफल रही.

कुमार कुशाग्र (28 रन) ने भी मुलानी का अच्छा साथ निभाया जिन्होंने अभी तक अपनी नाबाद पारी में आठ चौके और तीन छक्के जड़ दिये हैं. वह शुक्रवार को अपने 97 रन के सर्वश्रेष्ठ निजी स्कोर को पीछे छोड़कर शतक जड़ना चाहेंगे. टीम में मुलानी की मुख्य भूमिका स्पिनर के तौर पर है लेकिन उन्होंने बल्लेबाजी करते हुए धीमी गति के गेंदबाजों के खिलाफ अपने पैर का इस्तेमाल प्रभावी ढंग से किया, विशेषकर बाएं हाथ के सौरभ कुमार के खिलाफ भी वह डटे रहे.

हर्षित राणा ने इंडिया डी को दिलाई शुरुआती सफलता

मुलानी ने सौरभ पर छक्का लगाकर अपना अर्धशतक पूरा किया. तेज गेंदबाज हर्षित राणा एक बार फिर भारत डी के लिए प्रभावी रहे जबकि टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेल रहे विद्वथ कावेरप्पा ने प्रतिद्वंद्वी टीम के कप्तान मयंक अग्रवाल (07) और प्रथम सिंह (07) को सुबह के सत्र में आउट किया.

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मयंक अग्रवाल फिर हुए फ्लॉप

भारत ए के कप्तान मयंक अग्रवाल का टूर्नामेंट में लचर प्रदर्शन जारी रहा और वह कावेरप्पा की खूबसूरत गेंद पर विकेटकीपर को कैच दे बैठे. रियान पराग (37 रन) ने अच्छे स्ट्रोक्स खेले लेकिन फिर क्रीज पर ज्यादा देर तक नहीं टिक सके और अर्शदीप की वाइड गेंद पर आउट हो गए. तिलक वर्मा (10 रन) प्रभावित नहीं कर सके. दिन के अंत में हर्षित ने प्रसिद्ध कृष्णा को आउट किया जबकि कोटियान 67वें ओवर में मिड ऑन पर सीधा कैच देकर पवेलियन पहुंचे जिससे पारी बचाने वाली साझेदारी समाप्त हुई. हर्षित राणा, विद्वथ कावेरप्पा और अर्शदीप सिंह को दो-दो सफलता मिली.