Devbrat Bajpai
देवब्रत वाजपेयी क्रिकेटकंट्री हिंदी के साथ senior correspondent के पद पर कार्यरत हैं
Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - October 8, 2017 2:37 PM IST
हिमालच प्रदेश के ओपनर प्रशांत चोपड़ा ने रणजी ट्रॉफी मैच के पहले दिन पंजाब के खिलाफ 271 रन बनाने के साथ ही रिकॉर्ड बुक में अना नाम दर्ज करवा दिया। दूसरे दिन, प्रशांत ने अपने 25वें जन्मदिन पर रणजी ट्रॉफी 2017-81 का पहला तिहरा शतक ठोंक दिया। वह अपने बर्थ डे पर तिहरा शतक जमाने वाले दुनिया के तीसरे क्रिकेटर पर बने। उनके पहले यह कारनामा कॉलिन काउड्रे ने 1962 में और रमन लांबा ने साल 1995 में किया था। चोपड़ा की बैटिंग की तुलना वीरेंद्र सहवाग से भी की जा रही है क्योंकि उन्होंने अपने करियर के सर्वोच्च स्कोर 338 के दौरान वही निर्भीकता दिखाई जिसके लिए सहवाग जाने जाते हैं।
चोपड़ा ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने इस तरह की बल्लेबाजी इसके पहले कभी नहीं की। चोपड़ा ने बीसीसीआई डॉट टीवी को बताया, “मुझे बहुत ज्यादा धैर्य की जरूरत थी क्योंकि जब आप 150-160 पर बैटिंग करते हो तो आपके इरादे होते हैं कि बड़े स्ट्रोक खेले जाएं। लेकिन इस पूरी 363 गेंदों की पारी में मैंने सिर्फ 2 लॉफ्टेड स्ट्रोक खेले।और यही दो छक्के थे जो मैंने मारे। मैं इस तरह से अपने करियर में पहले कभी नहीं खेला, जब मैंने लॉफ्टेड शॉट न खेले हों। पहली बार मैंने गेंद को लॉफ्ट किया जब मैं 46 पर बल्लेबाजी कर रहा था और मैंने छक्के के साथ अपने 50 रन पूरे किए और दूसरी बार मैंने गेंद को तब लॉफ्ट किया जब मैं 300 के पार जा चुका था।”
चोपड़ा ने इसका श्रेय एचपीसीए के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट विक्रम राठौर को दिया जिन्होंने उन्हें ध्यान केंद्रित करने का भरोसा दिलाया। चोपड़ा ने कहा, “विक्रम राठौर सर इस साल हमारे कोच हैं। वह मेरे से बात कर रहे थे। उनका मेरे लिए संदेश था कि बैटिंग करना जारी रखो। पहले दिन लंच में मैं 84 रन बनाकर नाबाद लौटा। उन्होंने मुझसे कहा, ‘मैं चाहता हूं कि तुम आज दोहरा शतक मारो।’ उन्होंने मुझसे कहा कि आराम से खेलो और मैंने उनके निर्देश माने। जब मैं टी के लिए पहले दिन ड्रेसिंग रूम में लौटा तब मैं 180 रनों पर नाबाद था। तब उन्होंने मुझसे कहा कि वह चाहते हैं कि मैं तिहरा शतक जमाऊं।” ये भी पढ़ें: पाकिस्तान का सबसे बड़ा तेज गेंदबाज चोटिल, टीम को लगा बड़ा झटका
राठौर अपने शिष्य (स्टूडेंट) की खासी तारीफ करते नजर आए उन्होंने कहा, “प्रशांत ने एक लय में बैटिंग की और जब उन्होंने शॉट खेलने शुरू किए तो एक समय ज्यादा स्ट्रोक खेलते नजर आए। वह एक बहुत प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं जो एक समय बड़े आराम से स्ट्रोक खेलते हैं। इसलिए मैं उन्हें अलग तरह की चुनौतियां दे रहा था। मैंने उन्हें एक सेशन में सिर्फ सिंगल्स से रन बनाने की चुनौती दी थी। मैंने उनसे कहा कि क्या वह कर पाएंगे? एक सेशन में मैंने कहा कि वह पुल शॉट नहीं खेलेंगे क्योंकि वे उसे शॉर्ट बॉल के झांसे में फांसना चाहते थे। इसलिए मैंने उनसे कहा कि मैं चाहता हूं कि वह उस जाल में न फंसे और वो चीज हमारे लिए काम कर गई।”
हिमाचल ने अपनी पहली पारी 729/8 के स्कोर के साथ घोषित कर दी। खेल के तीसरे दिन पंजाब लंच तक 3 विकेट पर 207 रन बना चुकी है। राठौर ने चोपड़ा को प्रेरित किया और कहा कि उनके स्ट्रोक लगाने का अंदाज वीरेंद्र सहवाग जैसा है। क्रिकेट के महान ओपनर से तुलना एक बहुत अच्छी बात है।”
राठौर ने कहा, “मैंने सहवाग की कुछ बेहतरीन पारियों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देखा है और इस पारी ने मुझे उन्हीं पारियों की याद दिला दी। मैं यहां पिछले 25 सालों से हूं लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ जब रणजी मैच के पहले ही दिन 460 (459/2) का स्कोर बन गया हो। यह एक बेहतरीन पारी है जो उन्होंने खेली और अच्छे आक्रमण के खिलाफ खेली। सभी तीनों खिलाड़ी मनप्रीत गोनी, संदीप शर्मा और बरिंदर स्रान टीम इंडिया के लिए खेल चुके हैं। कुछ शॉट जो उन्होंने खेले उन्होंने मुझे वीरू की याद दिला दी।
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