Saurav Kumar
पत्रकारिता की शुरुआत साल 2019 से हुई. शुरुआत से ही खेल की खबरें पढ़ना पसंद थी. खासतौर पर क्रिकेट खेलना, देखना और ...Read More
Written by Saurav Kumar
Last Updated on - August 22, 2024 4:58 PM IST
महान क्रिकेटर राहुल द्रविड़ मानते हैं कि कभी कभी थोड़ी सी किस्मत भी बड़े मैच के नतीजों को प्रभावित कर सकती है जिसके लिए उन्होंने वनडे विश्व कप फाइनल में भारत को आस्ट्रेलिया से मिली दिल तोड़ने वाली हार और अपनी टीम की टी20 विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार जीत का उदाहरण दिया.
भारत पिछले साल लगातार 10 मैच में जीत के बाद वनडे विश्व कप फाइनल में पहुंचा था लेकिन टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ टीम जब खिताबी मुकाबले में आस्ट्रेलिया से भिड़ी तो उसके लिए कुछ भी कारगर नहीं रहा.
छह महीने बाद कप्तान रोहित शर्मा और द्रविड़ ने मिलकर अधूरी कसर पूरी की. टी20 विश्व कप फाइनल में मजबूत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किस्मत ने भारतीय टीम का साथ दिया.द्रविड़ ने बुधवार को याद किया कि टीम के लिए 29 जून को बारबाडोस में हुए फाइनल में एक निश्चित प्रक्रिया पर डटे रहना और भाग्य का साथ देने की उम्मीद रखना कितना महत्वपूर्ण था.
द्रविड़ को ‘सीएट क्रिकेट रेटिंग अवार्ड्स’ के दौरान ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
उन्होंने कहा, ‘मुझे इस पर विचार करने का समय मिला. मुझे उन बहुत सी चीजों को सोचने का समय मिला जो हमने की. आपको कभी कभी अहसास होता है कि आपको इनमें से बहुत सी चीजें करनी होती हैं, आपको प्रक्रिया का पालन करना होता है, आपको सब कुछ सही करना होता है. ’
द्रविड़ ने कहा, ‘कभी कभी आपको थोड़े भाग्य की जरूरत होती है. टी20 विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 30 गेंद फेंकी जानी थी और 30 रन बनाने थे. तब रोहित के बेहतरीन तरीके से रणनीति के कार्यान्वयन और संयम रखने की बात थी. ’
उन्होंने डेविड मिलर को आउट करने के लिए सूर्यकुमार यादव के सीमा रेखा पर लपके हुए कैच का जिक्र किये बिना कहा, ‘हमने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि हमें क्या करना है, लेकिन हमें एक ऐसे खिलाड़ी की जरूरत थी जो एक निश्चित सीमा के अंदर ऐसा कर सके. कभी यह कौशल होता है. ’ इस कैच ने मैच का पक्ष भारत की ओर कर दिया था.
द्रविड़ ने फिर याद किया कि भारत वनडे विश्व कप फाइनल में ट्रेविस हेड को आउट करने के करीब था लेकिन यह सलामी बल्लेबाज भाग्यशाली रहा और उसने मैच विजेता शतकीय पारी खेली तथा भारत की उम्मीदों को तोड़ दिया. उन्होंने कहा, ‘कभी चीजें आपके अनुकूल हो सकती हैं, लेकिन आपको प्रक्रिया पर टिके रहना चाहिए.’
भारत की टी20 विश्व कप जीत के बाद द्रविड़ ने भारत के कोच के रूप में संन्यास ले लिया. भारत की ‘बेंच स्ट्रेंथ’ और लगातार शानदार खिलाड़ी तैयार करने की काबिलियत की प्रशंसा करते हुए द्रविड़ ने कहा कि खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी ने ‘फैब फाइव’ की विरासत को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है.
द्रविड़ खुद सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण के साथ ‘फैब फाइव’ का हिस्सा थे जिसने दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों को अपना मुरीद बनाया हुआ था. उन्होंने कहा, ‘मैंने 2011-2012 में क्रिकेट छोड़ा था. ये खिलाड़ी इस विरासत को आगे बढ़ाने में सक्षम रहे हैं. अगर आप पिछले 12 वर्षों में खेल के तीनों प्रारूपों में मिली सफलता को देखें तो हमारे जाने के बाद का समय अभूतपूर्व रहा है. ’
उन्होंने कहा, ‘बहुत आसानी से और स्पष्ट रूप से हम बहुत सारी रैंकिंग में हमेशा पहले या दूसरे नंबर पर रहते हैं. जिस तरह का क्रिकेट हम खेलते हैं और खिलाड़ियों के कौशल को देखते हुए विदेशों में जाकर जीत दर्ज करना शानदार है. ’
द्रविड़ ने उम्मीद जताई कि टीम इंडिया आने वाले वर्षों में सफलता हासिल करती रहेगी. उन्होंने कहा, ‘मुझे इसमें कोई शक नहीं है कि रोहित और सूर्यकुमार जैसे खिलाड़ियों की अगुआई में और खेल के सभी प्रारूपों में आने वाले खिलाड़ियों की यह पीढ़ी भविष्य में भी ऐसा ही करती रहेगी. ’ द्रविड़ ने कहा कि भारतीय क्रिकेटर अब निडर और आत्मविश्वासी हैं, उनके पास अपने कौशल को आगे बढ़ाने के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा भी है.
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