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बिहार क्रिकेट: 2 महीने पहले थे चयनकर्ता, अब विजय हजारे ट्रॉफी खेलने को तैयार

दो महीने पहले अंडर-23 टीम के चयनकर्ता रहे आशीष सिन्हा को विजय हजारे टीम में जगह दी गई है।

user-circle cricketcountry.com Written by Cricket Country Staff
Last Published on - September 14, 2018 4:06 PM IST

18 साल के बाद वापसी कर रहा बिहार क्रिकेट एक नए विवाद में फंस गया है। बिहार क्रिकेट बोर्ड ने अंडर-23 टीम के चयनकर्ता आशीष सिन्हा को विजय हजारे ट्रॉफी के लिए स्क्वाड में जगह दी है, जिसके बाद बोर्ड सवालों के घेरे में आ गया है।

28 साल के आशीष एमएलए अरुण कुमार सिन्हा के बेटे हैं। आशीष ने साल 2010 में झारखंड के लिए एक रणजी ट्रॉफी मैच खेला था, जहां उन्होंने 28 रन बनाए थे। पीटीआई की खबर के मुताबिक बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने आशीष को जून में अंडर-23 टीम के ट्रायल के लिए चयनकर्ता बनाया गया था। इसी साल 8 जून को आशीष ने कटिहार, अररिया, भागलपुर, किशनगंज, पूर्णिया, बंका और जमुई जोन्स के लिए बतौर अंडर-23 टीम चयनकर्ता काम किया था।

इस मामले में पीटीआई से बातचीत में आशीष ने कहा, “हां, मुझे चयनकर्ता बनाया गया था लेकिन मैने अब वो पद छोड़ दिया है। साथ ही मैं केवल थोड़ समय के लिए चयनकर्ता था और इसका कोई आधिकारिक नियुक्ति पत्र नहीं है। मैं बीसीए के निवेदन पर चयनकर्ता बना था। जब मैं झारखंड के लिए रणजी ट्रॉफी खेल रहा था, तब भी मेरे पिता एमएलए थे। तो इससे क्या फर्क पड़ता है। मैं अब भी क्लब क्रिकेट खेल रहा हूं। जाहिर है कि बिहार की घरेलू क्रिकेट में वापसी के बाद मैं सीनियर टीम के लिए खेलना चाहता हूं। हमे गर्व होना चाहिए कि बिहार फिर से रणजी ट्रॉफी खेल रहा है।”

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बीसीए के प्रेसीडेंट गोपाल बोहरा ने भी आशीष के चयन का समर्थन किया और भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा, “ये एक अस्थाई चयनसमिति थी और आशीष इसका हिस्सा था। वो अच्छा क्रिकेटर है। साथ ही जब हम 18 साल बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी कर रहे हैं। ऐसे कप्तान हमें प्रज्ञान ओझा के अलावा और अनुभव की जरूरत है। आशीष को रणजी ट्रॉफी खेलने का अनुभव है और वो सीनियर खिलाड़ी है।”