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संयोग: 'बचपन में जब महेंद्र सिंह धोनी बनना चाहते थे गोलकीपर तब मेरा प्लान कुछ और था'

खाली स्टेडियम में भी मैच खेलने को तैयार भारतीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - May 14, 2020 11:08 AM IST

भारतीय फुटबॉल टीम गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू का कहना है कि जब टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी गोलकीपर बनना चाहते थे तब मैं क्रिकेट की बारिकियां सीख रहा था. संधू ने सोशल मीडिया के अपने ऑफिशियर टिवटर हैंडल पर एक बचपन की फोटो अपलोड की है जिसमें वह सफेद ड्रेस में क्रिकेट के किट बैग के साथ दिख रहे हैं.

गुरप्रीत ने बताया कि उन्होंने मोहाली में क्रिकेट अकादमी में भी एडमिशन लिया था लेकिन तीन दिन के बाद वह फुटबॉल की तरफ आ गए थे. इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में अपनी टीम बेंगलुरू को सेमीफाइनल में पहुंचाने वाले इस गोलकीपर ने कहा, ‘मैं जब छोटा था तब तीन-चार दिन क्रिकेट अकादमी गया था. मुझे क्रिकेट से प्यार नहीं था क्योंकि उसमें आक्रामकता नहीं थी, लेकिन मेरे पिता को क्रिकेट पसंद था इसिलए मैंने जोखिम लिया.’

बकौल गुरप्रीत, ‘धोनी बचपन में गोलकीपर बनना चाहते थे जबकि मेरे प्लान अलग थे.’ अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने इस साल अर्जुन अवॉर्ड के लिए पुरुष खिलाड़ी संदेश झिंगान और महिला खिलाड़ी बाला देवी का नाम भेजा है.

गुरप्रीत ने दोनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, ‘संदेश और बाला के लिए यह शानदार खबर है. मैं दोनों के लिए खुश हूं. वह दोनों इसके हकदार हैं. मैं दोनों को शुभकामनाएं देता हूं.’

खाली स्टेडियम में भी मैच खेलने को तैयार गुरप्रीत

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गुरप्रीत  का मानना है कि जब खेल टीवी पर वापसी करेंगे चाहे वो खाली स्टेडियम में ही बिना दर्शकों के खेले जाएं, तभी लोग थोड़ा अच्छा महसूस करेंगे. गुरप्रीत ने कहा कि अगर बिना दर्शकों के खाली स्टेडियम में खेलना नया चलन है तो फिर खिलाड़ियों को इसका सम्मान करना चाहिए.