Bharat Malhotra
Bharat Malhotra अभी cricketcountry.com/hi की टीम की अगुआई कर रहे हैं. भारत के पास डिजिटल मीडिया का 16 साल का अनुभव है. करियर की विधिवत श ...Read More
Written by Bharat Malhotra
Last Updated on - February 13, 2023 7:11 PM IST
श्वेता सहरावत ने हाल ही में समाप्त हुए महिला अंडर-19 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाए थे. उनका बेस प्राइस 10 लाख रुपये था. लेकिन जैसे ही उनका नाम नीलामी में सामने आया उन्हें खरीदने के लिए टीमों में काफी दिलचस्पी देखी गई. दिल्ली कैपिटल्स ने उनकी बोली जल्द ही 25 साल रुपये तक पहुंचा दी. वॉरियर्स ने इसे 40 लाख तक पहुंचाया और आखिर में वह यूपी वॉरियर्स ने 40 लाख रुपये में उन्हें खरीद लिया.
भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जीता. इसमें सहरावत ने 7 पारियों में 297 रन बनाए. उनका स्ट्राइक रेट 139.43 का रहा. और औसत 99.00 का रहा. चार बार वह नॉट आउट रहीं. साउथ अफ्रीका के खिलाफ टूर्नमेंट के पहले ही मैच में उन्होंने नाबाद 92 रन बनाए. उनका खेल काफी आक्रामक है. और शेफाली वर्मा अगर भारतीय महिला क्रिकेट की वीरेंद्र सहवाग हैं तो सहरावत को दूसरा सहवाग कहा जा सकता है. वह काफी आक्रमक बल्लेबाज हैं और खुलकर खेलती हैं.
श्वेता सहरावत दिल्ली की रहने वाली हैं. संजय और सीमा गुप्ता की तीसरी संतान श्वेता की बड़ी बहन भी क्रिकेट खेला करती थी. भाई को स्पोर्ट्स में कोई दिलचस्पी नहीं थी. बाद में बड़ी बहन स्वाति की दिलचस्पी भी पढ़ाई में हो गई और उसने खेलना छोड़ दिया.
उनके पिता संजय सहरावत ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को पिछले महीने बताया था, ‘श्वेता की क्रिकेट में दिलचस्पी साल 2016 में भारत और पाकिस्तान के बीच महिला क्रिकेट टी20 का मुकाबला देखने के दौरान बढ़ी. यह मैच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर हुआ था. उसने मैच देखने की जिद की. एक साल बाद उसने हरमनप्रीत कौर को 171 रन की पारी खेलते हुए देखा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में हरमनप्रीत ने यह पारी खेली थी. इसके बाद वह क्रिकेट से जुड़ गई. और उसने हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना और विराट कोहली को फॉलो करना शुरू कर दिया.’
एक वक्त ऐसा भी आया था जब उनका करियर अटक गया था. 12वीं की परीक्षा के चलते वह अंडर-19 टीम के कैंप से नहीं जुड़ पाईं. उन्होंने एनसीए में वीवीएस लक्ष्मण को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी. लक्ष्मण ने उन्हें कुछ दिन के लिए कैंप में आने को कहा. कैंप 15 मई से 9 जून तक था. श्वेता वहां तीन जून को पहुंची. और उन्होंने कुछ मैच खेले. आखिरी मैच में सेंचुरी लगाने के बाद वह एनसीए की टीम में आ गईं. यहां उन्होंने छह मैचों में दो सेंचुरी लगाईं.
श्वेता की आक्रामक बल्लेबाजी का क्रेडिट संजय एक खास बात को देते हैं. वह बताते हैं कि चार साल तक वह लड़कों के साथ खेलीं. उनकी अकादमी में सिर्फ दो लड़कियां थीं. वह लगभग चार साल तक लड़कों के साथ खेलीं और इससे उनका खेल काफी खुल गया.
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