सौरव गांगुली की गिनती भारत के सफल कप्तानों में की जाती है. सौरव गांगुली को साल 2000 में टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी गई, जब भारतीय क्रिकेट टीम मैच फिक्सिंग के आरोपों से जूझ रही थी. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने कई सफलताएं हासिल कीं. गांगुली ने पीटीआई के साथ इंटरव्यू में अपनी कप्तानी, सिद्धू- अजहरुद्दीन विवाद को लेकर बड़ा खुलासा किया है. इसके अलावा उन्होंने रोहित- विराट के फ्यूचर और गौतम गंभीर के रोल पर भी अपनी राय दी है.
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‘अगर सिद्धू टीम में बने रहते, तो.. ‘
पीटीआई के सीईओ और प्रधान संपादक विजय जोशी के साथ इंटरव्यू में गांगुली ने कहा, अगर सिद्धू टीम में बने रहते, तो शायद मैं 1999-2000 में कप्तान नहीं बनता, यह मेरे लिए एक वरदान साबित हुआ. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने 1996 के इंग्लैंड दौरे के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू के विवादास्पद विदाई पर बात करते हुए कहा, कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ सिद्धू के कथित मतभेद के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा, सिद्धू टीम से ड्रॉप किए जाने के बाद काफी नाराज थे और उन्होंने अपना बैग पैक कर लिया और टीम छोड़ने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि हालांकि इसके बाद वह फिर टीम के लिए खेले और साउथ अफ्रीका का दौरा किया.
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‘दादा के लड़के’ पर भी खुलकर बोले गांगुली
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने हरभजन सिंह, युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान जैसे खिलाड़ियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले “दादा के लड़के” के लोकप्रिय कमेंट पर भी बोला. उन्होंने कहा, ये खिलाड़ी मेरे लड़के नहीं थे, वे भारत के लड़के थे – चयनकर्ताओं द्वारा चुने गए, जुनून से प्रेरित, मुझे बस उनका नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला. उन्होंने कहा कि ऐसे मैच विजेताओं का नेतृत्व करना एक सम्मान की बात थी, और उनमें से कई में खुद कप्तान बनने की क्षमता थी.
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विराट- रोहित के फ्यूचर पर क्या बोले गांगुली ?
सौरव गांगुली ने विराट और रोहित के वनडे खेलने के फैसले पर कहा, यह आसान नहीं होगा, साल में पंद्रह मैच, मेरे पास कोई सलाह नहीं है, मुझे लगता है कि वे खेल को उतना ही जानते हैं जितना मैं जानता हूं और वे (रोहित और विराट) अपने फैसले खुद लेंगे, लेकिन हम सभी को यह समझना चाहिए कि, बाकी सभी की तरह, खेल अंततः उनसे आगे निकल जाएगा और वे खेल से आगे निकल जाएंगे.
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गंभीर अच्छा काम कर रहे हैं: सौरव गांगुली
पूर्व भारतीय कप्तान ने टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर को लेकर कहा, वह अच्छा काम कर रहे हैं, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से हारकर थोड़ी धीमी शुरुआत की, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी के साथ उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया, इंग्लैंड सीरीज एक बड़ी सीरीज होने जा रही है, मैंने उन्हें इस भूमिका में बहुत करीब से नहीं देखा है, लेकिन मुझे पता है कि वह बहुत जुनूनी हैं.
उन्होंने कहा, मैंने उनके साथ खेला है, अब भी, मैं देख सकता हूं कि वह अपने काम के प्रति बेहद भावुक हैं, वह बहुत सीधे-सादे हैं, वह चीजों को स्पष्ट रूप से देखते हैं, और वह टीम, खिलाड़ियों, लोगों, हर चीज के बारे में जो महसूस करते हैं, उसके बारे में बहुत खुले हैं. उन्होंने कहा, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, वह नौकरी में सिर्फ एक साल ही हैं, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में थोड़ा संघर्ष किया, लेकिन बाकी सभी की तरह, वह सीखेंगे, वह आगे बढ़ेंगे, और वह बेहतर बनेंगे.
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भारत के सबसे सफल कप्तान हैं सौरव गांगुली
सौरव गांगुली भारत के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक हैं, उन्होंने 49 टेस्टों में भारत का नेतृत्व किया और 21 मैच जिताए. उन्होंने 113 टेस्ट मैचों में 7212 रन बनाएं जिसमे 16 शतक शामिल थे. वहीं 311 वनडे में उनके नाम 11,363 रन हैं, जिसमें 22 शतक शामिल है. 2003 के विश्व कप में भारतीय टीम को फाइनल तक ले जाने का सफर और 2002 में नेटवेस्ट सीरीज में जीत उनकी सफलता की कहानी बताती है
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