Sourav Ganguly Biopic: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली की गिनती भारत के दबंग कप्तान में की जाती है. सौरव गांगुली की कप्तानी में युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों को बड़ी पहचान मिली. साल 2021 में फिल्म निर्माता लव रंजन ने सोशल मीडिया पर सौरव गांगुली की बायोपिक की घोषणा की थी, इस फिल्म के लिए लीड रोल में राजकुमार राव की चर्चा हो रही है. गांगुली की कप्तानी में कई ऐसी कंट्रोवर्सी रही, जिसने काफी सुर्खियां बटोरी, जिसमें ग्रेग चैपल के साथ विवाद काफी चर्चा में रहा. दादा की बायोपिक से क्रिकेट जगत के कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.
मैच रेफरी माइक डेनिस के साथ हुई थी जोरदार बहस
भारत और साउथ अफ्रीका की टीम साल 2001 में पोर्ट एलिजाबेथ में टेस्ट मैच खेल रही थी. मैच रेफरी माइक डेनिस और सौरव गांगुली के बीच बहस देखने को मिली थी. इस घटना के बाद खिलाड़ियों को एक-एक टेस्ट मैच के लिए निलंबित भी कर दिया गया था. इसके बाद गांगुली पूरी टीम को पवेलियन ले जाने लगे, लेकिन फिर किसी तरह समझाने पर माने थे. हालांकि इसके बाद बीसीसीआई ने सेंचुरियन टेस्ट में डेनिस को मैच रेफरी के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
आईसीसी ने सहवाग को छोड़कर बाकी सभी की सजा खत्म कर दी, लेकिन डेनिस को हटाने से मना कर दिया. आईसीसी की तरफ से कहा गया कि अगर साउथ अफ्रीका और भारत आपसी सहमति से बिना डेनिस के यह टेस्ट खेलेंगे तो इसे आधिकारिक नहीं माना जाएगा, इसके बाद दोनों टीमों ने डेनिस के बिना ही खेला और आज तक आईसीसी इस टेस्ट को आधिकारिक नहीं मानता है. (Image credit-@sportstarweb X)
ग्रेग चैपल और गांगुली के बीच विवाद
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल को भारतीय टीम का हेड कोच बनाने में सौरव गांगुली ने बड़ी भूमिका निभाई थी. हालांकि 2005 में कोच बनने के बाद ग्रेग चैपल ने टीम में खिलाड़ियों के बीच फूट डालना शुरू कर दिया, जिसका असर सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और बाकी टीम के खिलाड़ियों पर भी पड़ा.
चैपल ने बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर गांगुली के मनमाने व्यवहार का मुद्दा उठाया और उन्हें कप्तानी से हटाने के साथ ही टीम से भी बाहर करवा दिया, उनकी जगह राहुल द्रविड़ को कप्तानी सौंपी गई. हालांकि इसके बाद सौरव गांगुली ने टीम में वापसी की, मगर यह उनके करियर का सबसे बड़ा विवाद कहा जा सकता है. (Image credit- X)
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टॉस को लेकर देरी करने का लगा था आरोप
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने गांगुली पर टॉस के लिए मैदान पर जानबूझकर देरी से पहुंचने का आरोप लगाया. स्टीव वॉ ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि 2001 के भारत दौरे पर उन्हें कम से कम 7 बार टॉस के लिए सौरव का इंतजार करना पड़ा. आईपीएल 2008 में भी ऐसा देखने को मिला था, जब केकआर के कप्तान गांगुली ने राजस्थान रॉयल्स के कप्तान शेन वॉर्न को इंतजार कराया था, जिसके बाद वॉर्न गुस्से में झल्लाते नजर आए थे. (Image credit- @RandomCricketP1 X)
रवि शास्त्री के साथ नहीं रहे अच्छे संबंध
सौरव गांगुली और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री के बीच भी विवाद रहा है. साल 2016 में यह विवाद खुलकर सामने आ गया, बीसीसीआई की तरफ से टीम इंडिया के कोच के चयन के लिए सचिन तेंदुलकर सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की समिति बनाई गई. इस समिति ने अनिल कुंबले को चीफ कोच के तौर पर चुन लिया, इस दौरान रवि शास्त्री ने भी इस पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्होंने बैंकॉक से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर इंटरव्यू दिया था, उस इंटरव्यू में सौरव गांगुली नहीं मौजूद थे.
शास्त्री ने कहा कि गांगुली जानबूझकर नहीं आए और उन्होंने मेरा अपमान किया है, हालांकि गांगुली ने भी पलटवार करते हुए कहा था कि शास्त्री को भी इंटरव्यू के लिए बैंकॉक के बजाय भारत में ही रहना चाहिए था.
विराट और गांगुली के बीच आई थी दरार
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और विराट कोहली के बीच भी 2021 में बड़ा विवाद सामने आया. विराट ने टी20 की कप्तानी छोड़ी, मगर वह वनडे और टेस्ट की कप्तानी नहीं छोड़ना चाहते थे. तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और उस समय के चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा के साथ कप्तानी को लेकर विवाद हो गया था, इस घटना ने विराट और गांगुली के बीच एक दरार पैदा कर दी थी, इसी दौरान बीसीसीआई ने विराट की जगह रोहित शर्मा को वनडे और टी20 की कप्तानी सौंप दी, इसके बाद कोहली ने खुद ही टेस्ट की कप्तानी छोड़ दी थी. आईपीएल में दोनों के दौरान तल्खी देखने को मिली थी.
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