This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
क्रिकेट की दुनिया के पांच ऐसे अंपायर जो रहे विवादों में
अंपायर के एक गलत फैसले से टीम की हार व जीत निर्भर करती है
Written by Vivek Kumar
Last Updated on - March 10, 2016 6:51 PM IST


क्रिकेट में अगर अंपायर की बात करें तो हमारे दिमाग में सफेद शर्ट पहने व गोल टोपी लगाए हुए अंपायर की छवि बन कर सामने आ जाती है। क्रिकेट के खेल में मैदानी अंपायर का निर्णय सर्वमान्य होता हैं। उसके फैसले पर पूरा खेल निर्भर होता है। क्रिकेट के मैदान में इनका बेहद सम्मानजनक रुतबा होता है। क्रिकेट में वैसे तो तीन अंपायर होते है लेकिन मैदान में दो अंपायर फैसले देने के लिए होते है जो समय-समय पर तीसरे अंपायर और आपस में सही फैसले के लिए आपस में विचार विमर्श किया करते हैं। लेकिन कभी-कभी इनके एक फैसले से विवाद खड़ा हो जाता है और इनके द्वारा दिए गए एक गलत फैसले से टीम की हार व जीत निर्भर करती है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ अंपायरों के बारे में जो विवाद में रहे और जिनके एक फैसले से बड़ा विवाद खड़ा हो गया- ये भी पढ़ें: टी20 विश्व कप 2016: भारत बनाम वेस्टइंडीज अभ्यास मैच प्रिव्यु
डेरेल ब्रूस हेयर – ये ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट मैच क्रिकेट अंपायर थे। इन्हें आईसीसी के एलीट अंपायर पैनल द्वारा सन् 2002 में चुना गया था लेकिन अपने विवादित बयान व फैसलों के कारण ये अपने पद पर ज्यादा दिन तक नही टिक सकें। डेरेल ने मुथैया मुरलीधरन गेंदबाजी के एक्शन को गलत ठहराया था उन्होंने मुरलीधरन के गेंदबाजी एक्शन को संदिग्ध करार दिया। डेरेल ने सन् 1995 में मेलबोर्न में खेले गए ऑस्ट्रेलिया व श्रीलंका के सीरीज में मुरलीधरन के तीन ओवेर्स में सात नोबाल दिए। जो कि उन्होंने मुरलीधरन को विकेट पर सीधा बॉल फैकने (थोर्वोइंग दी बॉल) के वजह से सात नोबॉल दिए थे। इस घटना के बाद मुरलीधरन को बायोमैकेनिकल जाँच से गुजरना पड़ा। सन् 1999 में उन्होंने मुरलीधरन के साथ दोबारा यही चींजे की और अपने बयान में मुरलीधरन के बोलिंग एक्शन को शैतान (डाईबोलिकल) बोला था। डेरेल ने हमेशा से मुरलीधरन के बोलिंग एक्शन को संदेहास्पद बताया।
शकूर राना – जब भी अंपायर का नाम आता है तो हमारे दिमाग में बहुत ही साफ-सुथरी छवि बन कर के आ जाती है जो बेहद शांत स्वाभाव को होता है और अपने सही फैसलों के लिए जाना जाता है। लेकिन आपने कभी ऐसे अंपायर को नही देखा होगा जो खिलाडियों के साथ झगड़ा करें उन पर चिल्लाये। लेकिन आपको बता दें सन् 1887 में फैसलाबाद टेस्ट मैच के बारें में जो क्रिकेट के इतिहास में सबसे विवादित मैच था। इस मैच में राना का रवैया शुरू से ही विवादित रहा उन्होंने पाकिस्तान की स्वेटर व टोपी पहनी हुई थी। लेकिन असली विवाद मैच के दूसरे दिन शुरु हुआ। जब इंग्लैंड कप्तान माइक गैटिंग ने बॉलर द्वारा गेंद फेंकने के दौरान ही फील्डिंग पोजीशन में बदलाव कर दिया जिसे राना ने गलत करार दिया। इसके बाद दोनों ने ही मैदान में एक दुसरे पर अपशब्दों की बौछार कर दी। इसके बाद राना को टेस्ट मैच से बाहर कर दिया गया और जब तक कि वो लिखित माफीनामा नही देते उन्हें मैच खेलने नहीं दिया जायेगा और वहीं दूसरी और माइक गैटिंग को उनके इस व्यवहार के लिए कप्तान पद से हटाने की धमकी दे कर छोड़ दिया गया। ये भी पढ़ें: जानें विश्व में कौन क्रिकेट बोर्ड कितना अमीर है
असद राउफ- क्रिकेट के दुनिया में जाना पहचाना नाम है असद राउफ। वो आईसीसी द्वारा सन् 2012 में सबसे अच्छे अंपायर भी चुने गए थे। क्रिकेट मैदान के बहार भी वो कथित तौर पर एक विवाद में फसे थे जिसमे फैशन मॉडल लीना कपुर ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। लीना ने कहा कि राउफ ने उन्हें शादी का झांषा देकर उनका यौन शोषण किया लीना के पास राउफ और उनकी फोटो भी मौजूद थी। लेकिन लीना के इस आरोप को असद राउफ ने अस्वीकार कर दिया और उनके और अपने संबंध मानने से इनकार कर दिया।
अगर खेल के मैदान के बारे में बात करें तो सन् 2013 में आईपील के अधिकारियों ने उन पर धोकेबाजी और जालसाजी के बेहद गंभीर आरोप लगाए और मुंबई पुलिस ने उन्हें सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ्तार भी किया था। पवन नाम के सट्टेबाज ने इन्हें इनके जन्मदिन के अवसर पर 6 लाख रूपये के सोने के चैन व घड़ी दी थी।
इदरिस बेग – मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) और पाकिस्तान के बीच पेशावर में खेले गए एक क्रिकेट मैच के दौरान इन पर गलत फैसला लेना का आरोप था इन्होंने जानबूझकर चार पगबाधा आउट दिया था जो कि पाकिस्तान के कप्तान के हित में था।
TRENDING NOW
संजय हजारे – आईपीएल के सातवें संस्करण में एक गलत फैसले के वजह से इन पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। 3 मई 2014 को खेले गए दिल्ली डेयरडेविल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच एक मुकाबले के दौरान पीटरसन् साफ़ साफ़ आउट थे लेकिन संजय हजारे ने तीसरे अंपायर की मदद नही ली और गलत फैसला दे डाला। इसके बाद आईपीएल कमेटी और बीसीसीआई ने इनके खिलाफ सख्त फैसला लेते हुए इन पर प्रतिबन्ध लगा दिया।