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एशिया कप 2016: भारतीय टीम की बांग्लादेश पर जीत के पांच कारण

एशिया कप के पहले मैच में भारत ने बांग्लादेश को 45 रनों से हरा दिया।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - February 25, 2016 8:48 AM IST

हार्दिक पांड्या और रोहित शर्मा © AFP
हार्दिक पांड्या और रोहित शर्मा © AFP

एशिया कप का आगाज भारतीय टीम ने अपने चिर परिचित अंदाज में करते हुए मेहमान बांग्लादेश को चारों खाने चित कर दिया। भारत ने बांग्लादेश को मीरपुर में खेले गए टूर्नामेंटे के पहले मैच में 45 रनों से हराते हुए एक बार फिर से साबित कर दिया कि वह सीमित ओवरों की क्रिकेट में विपक्षी को मुंह तोड़ जवाब देना खूब जानते हैं। भारतीय टीम की जीत में किसी एक खिलाड़ी का योगदान नहीं रहा बल्कि पूरी टीम ने एक ईकाई में बंधकर जोरदार प्रदर्शन किया। वहीं विपक्षियों की कुछ गलतियों को भी भारतीय रणबांकुरों ने खूब भुनाया। तो आइए जानते हैं उन पांच कारणों के बारे में जिन्होंने भारतीय टीम को बांग्लादेश पर जीत दिलाई। मैच का फुल स्कोरकार्ड पढ़ने के लिए क्लिक करें…

1. रोहित शर्मा की बेहतरीन बल्लेबाजी: रोहित शर्मा ने एक बार फिर से बेहतरीन बल्लेबाजी का मुजाहिरा पेश किया और बांग्लादेशी गेंदबाजी को नेस्तनाबूद कर दिया। एक समय भारतीय टीम ने अपने 46 रनों पर ही तीन विकेट गंवा दिए थे। इसी परिस्थिति में रोहित ने संभलकर बल्लेबाजी की। उन्होंने शुरुआत में रन प्रति बॉल के हिसाब से रन बनाए। लेकिन 10वें ओवर के बाद उन्होंने रफ्तार पकड़ी और आनन फानन में रन बनाए। रोहित ने 55 गेंदों में 83 रन बनाए और भारत को एक बड़े स्कोर की ओर अग्रसर किया। ये भी पढ़ें: एशिया कप टी20 2016: भारत ने बांग्लादेश को 45 रनों से हराया

2. युवराज सिंह और रोहित शर्मा की साझेदारी: पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही जब उसने दूसरे ओवर में शिखर धवन का विकेट गंवा दिया। इसके कुछ देर बार कोहली और रैना भी चलते बने। ऐसे में आवश्यकता था कि कोई बल्लेबाज थोड़ी देर तक पिच पर ठहरे और दूसरे छोर पर खड़े रोहित शर्मा का साथ निभाए। युवराज ने ठीक यही किया और लगातार रोहित को स्ट्राइक पर लाए। इस दौरान दोनों ने चौथे विकेट के लिए महत्वपूर्ण अर्धशतकीय साझेदारी निभाई और भारतीय टीम को संकट से उबारा। भले ही युवराज ने मात्र 15 रन का योगदान दिया हो, लेकिन मैच के लिहाज से यह साझेदारी महत्वपूर्ण रही।

3. पांड्या की धुआंधार बल्लेबाजी: पांड्या ने एक बार फिर से धुआंधार बल्लेबाजी की और चौकों- छक्कों की झड़ी लगा दी। पांड्या ने इसके पहले सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी कुछ इसी तरह की बल्लेबाजी की थी। पांड्या ने महज 18 गेंदों पर 31 रन ठोंके। उनकी इस आतिशी पारी की ही बदौलत भारतीय टीम 150 के पार पहुंच सकी। निश्चित तौर पर पांड्या भारतीय टीम के भविष्य हैं। पांड्या ने इसके पहले श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज के एक मैच में 12 गेंदों पर 27 रन ठोंके थे। पांड्या के तूफान का ही असर था कि एक समय रनों के सूखे से जूझ रही भारतीय टीम ने आनन 25 गेंदों में 61 रन बटोरे। इस दौरान पांड्या और शर्मा ने पांचवें विकेट के लिए 17 गेंदों पर अर्धशतकीय साझेदारी पूरी की।

4. नेहरा-बुमराह की धारदार गेंदबाजी: एक बार फिर से आशीष नेहरा और जसप्रीत बुमराह अपने रंग में नजर आए। दोनों ने बेहद कसी हुई गेंदबाजी करते हुए शुरू से ही बांग्लादेशी बल्लेबाजों को रनों के लिए तरसाए रखा। दबाव में आकर पारी के तीसरे ओवर में सलामी बल्लेबाज मोहम्मद मिथुन कुछ अतिरिक्त प्रयास करने को गए और वह नेहरा की गेंद पर बोल्ड हो गए। यही नहीं टच में नजर आ रहे सौम्या सरकार को बुमराह ने अपने अगले ओवर में धोनी के हाथों झिलवाया और बांग्लादेश टीम को यहां से दबाव में ला दिया। इसके बाद भी धोनी ने दोनों को गेंदबाजी आक्रमण पर लगाए रखा। दोनों गेंदबाजों ने फिर से रन रेट पर ब्रेक लगा दिया और विपक्षी बल्लेबाजों को खुलकर शॉट खेलने का मौका नहीं दिया। नेहरा ने अपने चार ओवरों के स्पैल में 23 रन देकर सर्वाधिक 3 विकेट चटकाए वहीं बुमराह ने 4 ओवरों में 23 रन देकर एक विकेट लिया।

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5. बांग्लादेशी बल्लेबाजों की नाकामी: भारत के द्वारा दिए गए लक्ष्य का पीछा करने उतरे बांग्लादेशी बल्लेबाज शुरू से ही दबाव में नजर आए और भारतीय गेंदबाजों पर प्रहार नहीं कर सके। जब बांग्लादेश के दो विकेट गिर गए तब ऐसा लग रहा था कि जैसे बांग्लादेश टीम ने अपनी हार ही स्वीकार कर ली हो। नए बल्लेबाज सब्बीर रहमान और इमरुल काएस ने शुरुआत में बड़े स्ट्रोक लगाने की कोशिश नहीं की और यही कारण रहा कि रिक्वायर रेट बढ़ता चला गया। इस दौरान इमरुल काएस कुछ ज्यादा ही धीमा खेले। काएस ने 24 गेंदों पर एक चौके के सहारे मात्र 14 रन बनाए। वहीं रहमान ने 32 गेंदों में 44 रन बनाए और वह बांग्लादेश की ओर से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। अगर ये बल्लेबाज थोड़ी तेजी से रन बनाते तो शायद परिस्थिति कुछ और भी हो सकती थी।