Jay Jaiswal
जय जायसवाल क्रिकेटकंट्री हिंदी में बतौर सीनियर राइटर कार्यरत हैं
Written by Jay Jaiswal
Last Published on - February 29, 2016 11:33 AM IST
क्रिकेट में बल्लेबाजों का प्रभुत्व पिछले दशक में काफी बढ़ गया है। एक बल्लेबाज अगर शतक जमाता है तो उसको 5 विकेट लेने वाले एक गेंदबाज से ज्यादा वाहवाही मिलती है। लेकिन इन सबके बीच भी कुछ गेंदबाज ऐसे हैं जो बल्लेबाजी के प्रभुत्व वाले इस खेल में अपनी चमक बिखेर रहे हैं। अगर साल 2016 की ही बात करें तो रोहित शर्मा, विराट कोहली, केन विलियमसन, मार्टिन गप्टिल जैसे बल्लेबाजों की तारीफ हर कोई कर रहा है, लेकिन जसप्रीत बुमराह, आशीष नेहरा, एडम मिलेन जैसे गेंदबाजों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है उसको वो सराहना नहीं मिली जिसके वो हकदार हैं।
साल 2016 के T20I रिकॉर्ड पर गौर करें तो सबसे ज्यादा रन जिंबाब्वे के हैमिल्टन मसाकाद्जा ने बनाए हैं, उनके बाद भारत के रोहित शर्मा का नंबर आता है। इसके बाद शब्बीर रहमान, केन विलियमसन, विराट कोहली और मार्टिन गप्टिल जैसे बल्लेबाज हैं। इनकी टीम और क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने इनके शानदार प्रदर्शन के लिए खूब सराहा। खासकर विराट कोहली, रोहित शर्मा और केन विलियमसन जैसे बल्लेबाजों मे तो चारों ओर से तारीफ बटोरी है। ALSO READ: स्पेशलिस्ट ऑलराउंडर के रूप में उम्मीद जगाते हार्दिक पांड्या
बात करें सबसे सफल गेंदबाजों की तो यूएई के दो गेंदबाज मोहम्मद नावेद और अमजद जावेद ने इस साल T20I में सबसे ज्यादा विकेट लिये है। इसके बाद रविचन्द्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह और आशीष नेहरा और एडम मिलेन जैसे गेंदबाज हैं। अब आप ही गौर करके देखिये की क्या इन गेंदबाजों को वो सरहना मिली जिसके वो हकदार थे। बहुत से फैंस तो यूएई के दोनों गेंदबाजों का तो नाम तक नहीं जानते होंगे। ALSO READ: रोहित शर्मा और विराट कोहली के बिना कितनी मजबूत भारतीय बल्लेबाजी
पाकिस्तान के खिलाफ मैच में नेहरा, बुमराह और पांड्या ने शानदार गेंदबाजी की लेकिन मैच जिताने का सारा क्रेडिट विराट कोहली के हिस्से में आया। इसी तरह का वाकया न्यूजीलैंड-पाकिस्तान के तीसरे T20I में भी देखने को मिला था। मिलेन ने मैच में शानदार गेंदबाजी करते हुए 3.1 ओवर में सिर्फ 8 रन देकर 3 विकेट चटकाए लेकिन कोरी एंडरसन मैच जीताने का सारा क्रेडिट ले गए। ALSO READ: क्या एक दशक पहले विराट कर पाते आमिर की तारीफ?
T20I क्रिकेट को बल्लेबाजों का खेल शुरू से ही माना जाता रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय में गेंदबाजों ने अपने शानदार प्रदर्शन से इस धारणा को गलत तो साबित कर दिया है लेकिन अभी भी इस खेल में उनको बल्लेबाजों के बाद ही रखा जाता है। आज भी इस खेल में बल्लेबाजों को ही ज्यादा अहमियत दी जाती है।
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