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दिल्ली डेयरडेविल्स टीम 2016 आईपीएल: युवाओं के दमपर प्रतिष्ठा वापस पाने का दबाव

दिल्ली टीम में इस बार क्रिस गेल या किरोन पोलार्ड जैसा कोई बड़ा हिटर नहीं है। इसकी कमी उन्हें टूर्नामेंट के दौरान निश्चित तौर पर खलेगी।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - February 9, 2016 4:05 PM IST

दिल्ली डेयरडेविल्स © IANS
दिल्ली डेयरडेविल्स © IANS

हाल ही में हुई आईपीएल नीलामी ने दिल्ली डेयरडेविल्स टीम को अपने आपको संभालने का एक और मौका दिया है। पिछले तीन सालों में पानी की तरह पैसा बहाने के बावजूद टूर्नामेंट में दिल्ली टीम फिसड्डी साबित हुई। पिछले साल टीम मैनेजमेंट ने युवराज सिंह जैसे बड़े चेहरे को खरीदने के लिए 16 करोड़ रुपए की मोटी राशि चुकाई थी, लेकिन दुर्भाग्य ने फिर भी दिल्ली टीम का पीछा नहीं छोड़ा और वे आईपीएल 2015 में सातवें नंबर पर रहे। इस साल की नीलामी में दिल्ली टीम ने एक रणनीति के साथ खरीदारी की है। आखिर राजस्थान रॉयल्स टीम के पूर्व रणनीतिकार ज़ुबिन भरूचा जो टीम के साथ जुड़ गए हैं। ये भी पढ़ें: भारत बनाम श्रीलंका, पहला टी20: जीत की लय को बरकरार रखना चाहेगी भारतीय टीम

खैर, ऐसा कुछ तो होना ही था। इस साल दिल्ली टीम ने कई स्टार खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखाते हुए सबसे ज्यादा 37.5 करोड़ रुपए बचाए हैं। दिल्ली टीम ने इस साल नए खिलाड़ियों को खरीदने में खासी दिलचस्पी दिखाई है। दिल्ली की वर्तमान टीम पर अगर एक सरसरी नजर दौड़ाई जाए तो विकेटकीपरों की भरमार नजर आती है। जिनमें संजू सैमसन, रिषभ पंत, क्वींटन डी कॉक और सैम बिलिंग्स शामिल हैं। इन्हें खरीदने के लिए टीम ने काफी अच्छा पैसा खर्च किया है। वहीं दूसरी खरीदारी भी सस्ती नहीं हैं। पवन नेगी को दिल्ली टीम ने 8.5 करोड़ में तो क्रिस मॉरिस को 7 करोड़ में खरीदा है। ये भी पढ़े: ब्रैंडन मैकुलम ने शान से कहा वनडे क्रिकेट को अलविदा (वीडियो)

वहीं युवा क्रिकेटर करुण नायर को भी खरीदने में उन्होंने 4 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं। दिल्ली की पूरी टीम का अगर विश्लेषण किया जाए तो कई ऐसी चीजें निकलकर सामने आती हैं जो उन्हें टूर्नामेंट की दूसरी टीमों से कोसों पीछे छोड़ आती है। टीम में ऐसा कोई भी चेहरा नहीं है जो बड़े शॉट लगाने में माहिर हो। ऐसे में दिल्ली को यह कमी खल सकती है। टीम में कुछ नए चेहरे हैं जो अपनी आतिशी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से उनके पास उच्च स्तर के गेंदबाजों का सामना करने का ज्यादा अनुभव नहीं है। डुमिनी पर टीम मैनेजमेंट ने एक बार फिर से भरोसा जताया है, लेकिन डुमिनी पिछले कुछ दिनों से फॉर्म में नहीं है। हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में वह बुरी तरह से असफल हुए हैं। ऐसे में यह टूर्नामेंट डुमिनी की कप्तानी के लिए अग्नि परीक्षा साबित हो सकता है।

हालांकि नेगी, अमित मिश्रा और इमरान ताहिर की अगुआई में स्पिन विभाग संयमित नजर आता है। लेकिन तेज गेंदबाजी विभाग पर शंका के बादल छाए हुए हैं। टीम के तीनों मुख्य तेज गेंदबाजों जहीर खान, मोहम्मद शमी और नाथन कूल्टर नाइल को अपनी फिटनेस अभी साबित करनी है। ऐसे में अगर कोई एक भी गेंदबाज अनफिट हो जाता है तो टीम के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। बहरहाल टीम पिछले तीन सीजनों में बुरी तरह से नाकाम हुई है ऐसे में वह खुलकर खेलते हुए अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना चाहेंगे।

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दिल्ली टीम स्कवाड: अमित मिश्रा, जयंत यादव, मयंक अग्रवाल, मोहम्मद शमी, सौरभ तिवारी, शहबाज नदीम, श्रेयस अय्यर, जहीर खान, एल्बी मोर्कल, इमरान ताहिर, जेपी डुमिनी, क्विंटन डी कॉक, नाथन कूल्टर नाइल(ऑस्ट्रेलिया ), करुण नायर, ऋषभ पंत, पवन नेगी, संजू सैमसन, एसके अहमद, प्रत्यूष सिंह, पवन सुयल, चामा मिलिंद, अखिल हेरवाडकर, महिपाल लोमरर, क्रिस मॉरिस, सैम बिलिंग्स, जोएल पेरिस।