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महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न का 48वां जन्मदिन आज, जानिए उन्होंने कैसे किया वर्ल्ड क्रिकेट पर राज

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शेन वॉर्न ने 1001 विकेट झटके

user-circle cricketcountry.com Written by Anoop Dev Singh
Last Published on - September 13, 2017 10:41 AM IST

© Getty Images
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ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी और दुनिया के सबसे बड़े दिग्गज लेग स्पिनर शेन वॉर्न का आज जन्मदिन है। 13 सितंबर को 1969 में विक्टोरिया में जन्मे शेन वॉर्न आज 48 साल के हो गए हैं। 1992 में टेस्ट क्रिकेट में कदम रखने वाले शेन वॉर्न ने 15 साल तक इस खेल पर राज किया और वो दुनिया के सबसे महान क्रिकेटर्स में से एक बने। शेन वॉर्न ने अपने करियर में कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए, जिनके लिए आज भी क्रिकेट का हर खिलाड़ी, हर फैन उन्हें सलाम ठोकता है। शेन वॉर्न ने अपने करियर में एक ऐसी गेंद भी फेंकी जो क्रिकेट इतिहास की सबसे शानदार गेंद रही है। उन्हें सदी की सबसे अच्छी गेंद फेंकने का खिताब भी मिला। आइए एक नजर डालते हैं शेन वॉर्न के बेमिसाल करियर और उनके गजब के आंकड़ों पर।

1001 विकेट: ऑस्ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 1001 विकेट झटके। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ये कारनामा करने वाले वो दूसरे खिलाड़ी हैं। उनके अलावा श्रीलंका के महान ऑफ स्पिनर ने भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 1000 से ज्यादा विकेट लिए। वॉर्न ने अपने टेस्ट करियर में 708 और वनडे में 293 विकेट लिए। शेन वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में 700 विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी थे। हालांकि बाद में मुरलीधरन ने उनके इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया।


बॉल ऑफ द सेंचुरी : शेन वॉर्न ने अपने 15 साल के क्रिकेट करियर में कई बेहतरीन गेंदें फेंकी लेकिन साल 1993 में एशेज सीरीज के दौरान उन्होंने एक ऐसी गेंद फेंकी जिसे बॉल ऑफ द सेंचुरी कहा गया। वॉर्न ने अपनी लेग स्पिन पर माइक गेटिंग को बोल्ड किया, ये गेंद लगभग 90 डिग्री तक घूमी।

3 देशों के खिलाफ विकेटों का शतक : शेन वॉर्नर दुनिया के एकलौते गेंदबाज हैं, जिसने 3 देशों के खिलाफ 100 से ज्यादा टेस्ट विकेट लिए हैं। शेन वॉर्न ने इंग्लैंड के खिलाफ 195, न्यूजीलैंड के खिलाफ 103 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 130 विकेट चटकाए थे।

रवि शास्त्री पहले शिकार : कलाई के जादूगार कहे जाने वाले शेन वॉर्न ने करियर की शुरुआत 1992 में सिडनी टेस्ट मैच में भारत के खिलाफ की थी, जबकि वनडे क्रिकेट में डेब्यू 1993 में न्यूजीलैंड के खिलाफ किया था। शेन वॉर्न ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के रवि शास्त्री को अपना अपना पहला शिकार बनाया था।

विजडन ने दिया सम्मान : 1997 में शेन वॉर्न को विजडन ने क्रिकेटर ऑफ द ईयर घोषित किया था। इसके अलावा वॉर्न साल 2000 में विजडन क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी में भी शामिल किए गए थे।

नहीं बन पाए कप्तान : शेन वॉर्न ने अपना आखिरी टेस्ट जनवरी 2007 में खेला। 1999 में वो ऑस्ट्रेलियाई उप कप्तान भी बने लेकिन उन्हें कभी कप्तान बनने का मौका नहीं मिला। वॉर्न को इस बात का हमेशा मलाल रहा कि वो कंगारू टीम की कप्तानी नहीं कर सके। वैसे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद वॉर्न ने आईपीएल में पहली बार कप्तानी की और पहले ही सीजन में राजस्थान रॉयल्स को खिताब जिता दिया।

1 साल का लगा बैन- शेन वॉर्न जहां अपनी गेंदबाजी से सुर्खियां बटोरते थे, वहीं उनका नाम कई विवादों में भी रहा। फरवरी 2003 में शेन वॉर्न ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए और उन पर एक साल का बैन लग गया। इसके चलते वो 2003 का वर्ल्ड कप भी नहीं खेल सके।

सेक्स स्कैंडल में भी फंसे- शेन वॉर्न की छवि सबसे पहले दागदार हुई 2000 में जब एक ब्रिटिश नर्स डोना राइट ने वॉर्न पर गंदी बातें करने का आरोप लगाया। डोना ने वॉर्न पर आरोप लगाया कि वॉर्न उस पर संबंध बनाने के लिए दबाव डालते हैं इसके अलावा वॉर्न ने फोन पर गंदी बातें की और अश्लील मैसेज भी किये। 2003 में ऐंजेला नाम की एक स्ट्रिपर ने एक बार फिर से वॉर्न पर अश्लील मैसेज करने का आरोप लगाया, लेकिन वार्न सुधरे नहीं 2006 में एक मैगजीन ने वॉर्न की एक फोटो प्रकाशित की जिसमें वॉर्न दो मॉडल्स के साथ थे। मॉडल्स ने दावा कि वॉर्न ने उनके साथ संबंध बनाए। जनवरी 2015 में एक 43 वर्षीय महिला ने शेन वार्न से अपने सेक्स संबंध का खुलासा किया।

वॉर्न के सपने में आते थे सचिन : शेन वॉर्न ने भले ही अपनी गेंदों से दुनिया के लगभग हर बल्लेबाज को खासा परेशान किया था, लेकिन भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 1998 में शारजाह में उनकी गेंदों की ऐसी पिटाई की थी, कि वॉर्न को सपने में भी सचिन नजर आने लगे थे। इस बात का शेन वॉर्न ने खुद खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि वह (सचिन) उनके सपने में भी छक्के लगा रहे हैं।

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फुटबॉल खेलते थे वॉर्न- दुनिया का ये महान लेग स्पिनर क्रिकेट ही नहीं फुटबॉल का भी मंझा हुआ खिलाड़ी था। 1987 में क्रिकेट के ऑफ सीजन के दौरान वॉर्न ने ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल खेला था। उन्होंने सेंट किल्डा फुटबॉल क्लब की अंडर 19 टीम से 5 मैच खेले थे। हालांकि वॉर्न ने 1988 में क्रिकेट पर ध्यान देने का मन बनाया और 1990 में वो ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट एकेडमी में प्रैक्टिस करने लग गए।