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जब टीम इंडिया ने 124 रनों पर गंवा दिए थे 8 विकेट, फिर भी 1 विकेट से जीता मैच

वीवीएस लक्ष्मण ने चौथी पारी में नाबाद 73 रनों की पारी खेली थी।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Published on - February 18, 2017 12:32 PM IST

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, साल 2010, मोहाली टेस्ट
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, साल 2010, मोहाली टेस्ट

भारतीय सरजमीं पर जब- जब ऑस्ट्रेलिया टीम ने दौरा किया है। तब- तब एक न एक रोमांचक मैच जरूर देखने को मिला है। साल 1986 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चेन्नई में खेला गया एक मैच टाई हो गया था और इस मैच को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हुई थी। क्योंकि ये टेस्ट क्रिकेट इतिहास में टाई होने वाला दूसरा मैच था। साल 2010 में भी एक ऐसा ही मैच हुआ जिसने पूरी दुनिया को टेस्ट क्रिकेट के एक और रोमांच से रूबरू करवाया। दरअसल चौथी पारी में टीम इंडिया को मैच जीतने के लिए 216 रन बनाने थे और उनके 124 रनों पर 8 विकेट गिर गए थे। लेकिन इसके बावजूद टीम इंडिया ने मैच 1 विकेट से अपने नाम कर लिया था। लेकिन ये सब कैसे हुआ। आइए जानते हैं।

साल 2010 में बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया टीम ने भारत का दौरा किया। सीरीज का पहला मैच मोहाली में खेला गया। मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने शेन वॉटसन के 126, रिकी पोंटिंग के 71 और टिम पेन के 92 रनों की बदौलत 428 का स्कोर बनाया। जवाब में बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने सचिन तेंदुलकर के 98, राहुल द्रविड़ के 77, सुरेश रैना के 86 और वीरेंद्र सहवाग के 59 रनों की बदौलत 405 रन बनाए और इस तरह ऑस्ट्रेलिया टीम को पहली पारी के आधार पर 23 रनों की बढ़त मिल गई। [ये भी पढ़ें: भारत ए बनाम ऑस्ट्रेलिया, अभ्यास मैच, दूसरा दिन (लाइव ब्लॉग)] 

जवाब में तीसरी पारी में बल्लेबाजी करने के लिए ऑस्ट्रेलिया टीम फिर से उतरी। इस मौके पर भारतीय गेंदबाजों ने तो कमाल कर दिया और ऑस्ट्रेलिया को महज 192 रन ऑलआउट कर दिया। चूंकि, ये टेस्ट मैच का चौथा दिन था इसलिए तेज गेंदबाजों और स्पिनरों दोनों को मदद मिल रही थी। यही कारण था कि ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 192 रनों पर धराशाई हो गई। ऑस्ट्रेलिया की ओर से शेन वॉटशन 56 और साइमन कैटिच 37 ही कुछ देर तक संभल पाए अन्यथा कोई अन्य बल्लेबाज अपने पैर क्रीज पर नहीं जमा सका।

इस तरह चौथी पारी में टीम इंडिया को 216 रन बनाने का लक्ष्य मिला। गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग भारत की ओर से ओपनिंग करने आए। लेकिन गंभीर 0 पर ही बेन हिल्फेनहास का शिकार बन गए। उसके बाद राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग ने पारी को आगे बढ़ाना शुरू ही किया था कि कुछ ओवरों के बाद द्रविड़ भी 13 रन बनाकर डग बोलिंगर का शिकार बन गए और इस तरह टीम इंडिया के 31 रनों पर दो विकेट गिए गए थे। उम्मीद की जा रही थी कि सहवाग शायद कुछ देर तक टिकेंगे। लेकिन ऐसा हो नहीं सका और सहवाग 17 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। सहवाग के आउट होते वक्त स्कोर 48/3 हो चला था। साथ ही अब विकटों का पतझड़ भी शुरू हो गया।

इसके बाद सुरेश रैना(0), जहीर खान(10) ने अपने- अपने विकेट विकेट गंवाने जारी रखे। अब टीम इंडिया के 5 विकेट 76 रनों पर गिर चुके थे। लेकिन यहां से लक्ष्य अभी भी बहुत दूर था। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज खतरनाक मालूम पड़ रहे थे। चूंकि क्रीज पर सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण मौजूद थे। इसलिए सबको इस बात का ढांढस जरूर था कि टीम इंडिया यहां से मैच बचा ले जाएगी। लेकिन लक्ष्मण इस मैच में चोटिल चल रहे थे और वह चोटिल होने के बावजूद बल्लेबाजी करने को आए थे। सचिन अच्छे स्ट्रोक खेल रहे थे और दूसरे छोर से लक्ष्मण भी अनका अच्छा साथ निभा रहे थे लेकिन 43 रनों की साझेदारी निभाने के साथ सचिन बोलिंगर का शिकार बन गए। सचिन ने 37 रन बनाए। सचिन के आउट होने के बाद टीम इंडिया ने कप्तान धोनी(2) का विकेट भी जल्दी ही गंवा दिया।

वहीं उनके आउट होने के थोड़ी देर बाद हरभजन सिंह टीम इंडिया ने आठवें विकेट के रूप में आउट हो गए। इस तरह टीम इंडिया का स्कोर 124/8 हो चला था। अब ऐसा लगा कि टीम इंडिया ये मैच हार जाएगी क्योंकि उनके पास 2 विकेट शेष थे और 92 रन अभी भी बनाने थे। लेकिन वीवीएस लक्ष्मण ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने हिल्फेन्हास, जॉनसन और बोलिंगर जैसे खतरनाक गेंदबाजों का जमकर मुकाबला किया। वहीं दूसरे छोर पर ईशांत शर्मा को भी खूब प्रोत्साहित किया। दोनों बल्लेबाजों ने पहले तो नजर गड़ाईं और फिर सिंगल- डबल लेना शुरू किए और आनन- फानन में नौंवे विकेट के लिए 81 रन जोड़ डाले।

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इस दौरान लक्ष्मण ने अपना अर्धशतक भी पूरा किया। लेकिन इसके पहले की टीम इंडिया को जीत मिलती उसके थोड़ी पहले ही बोलिंगर ने ईशांत शर्मा(31) को रिकी पोटिंग के हाथों झिलवाते हुए टीम इंडिया का नौंवा विकेट गिरा दिया। अब टीम इंडिया को जीतने के लिए 11 रनों की दरकार थी और उसके पास एक विकेट ही सुरक्षित था। जॉनसन और बोलिंगर गेंदबाजी कर रहे थे। नए बल्लेबाज प्रज्ञान ओझा आए और उन्होंने वीवीएस को लगातार स्ट्राइक दी। अंततः भारत ने 216/9 के स्कोर के साथ मैच 1 विकेट से अपने नाम किया। लक्ष्मण 73 रनों के साथ अंत तक नाबाद रहे। ये मैच अपने आपके जबरदस्त था क्योंकि एक समय हार की कगार पर खड़ी टीम इंडिया ने मैच में जीत दर्ज कर ली थी।