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हैदराबाद टेस्ट में टीम इंडिया की जीत के 5 कारण

विराट कोहली प्लेयर ऑफ द मैच रहे।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - February 13, 2017 3:37 PM IST

रविचंद्रन अश्विन  © AFP
रविचंद्रन अश्विन © AFP

भारत और बांग्लादेश के बीच हैदराबाद में खेले गए एकमात्र टेस्ट को भारतीय टीम ने 208 रनों से जीत लिया है। चौथी पारी में टीम इंडिया के द्वारा दिए गए 459 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश टीम दूसरे सेशन में 250 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। बांग्लादेश ने चौथी पारी में कुल 100.3 ओवरों की बल्लेबाजी की। चौथी पारी में बांग्लादेश की ओर से महमुदुल्लाह ने ही अर्धशतकीय पारी(64) खेली और अन्य कोई बल्लेबाज कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सका। इससे पहले टीम इंडिया ने पहली पारी में 687/6 का स्कोर खड़ा किया था और बांग्लादेश ने पहली पारी में 388 रन बनाए थे। इस तरह टीम इंडिया को पहली पारी के आधार पर 299 रनों की बढ़त मिल गई थी। इसके बाद टीम इंडिया फिर से बल्लेबाजी के लिए उतरी और अपनी दूसरी पारी को 159/6 के स्कोर के साथ घोषित कर दिया। टीम इंडिया ने बांग्लादेश को चौथी पारी में 459 रनों का लक्ष्य दिया था और उन्हें चौथे दिन के अंतिम सेशन में बल्लेबाजी करने के लिए बुलाया था। अंततः बांग्लादेश टीम पांचवें दिन दूसरे सेशन में ऑलआउट हो गई और टीम इंडिया ने मैच अपने नाम कर लिया। लेकिन इस बीच यह भी जान लेते हैं कि टीम इंडिया की जीत के प्रमुख कारण क्या रहे।

1. विराट कोहली का जबरदस्त प्रदर्शन: विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में खासे असफल हुए थे। इसलिए उनकी फॉर्म को लेकर सवाल उठ रहे थे। हैदराबाद टेस्ट में जब वह बल्लेबाजी के लिए आए तब टीम इंडिया ने 180 रनों पर अपने दो विकेट गंवा दिए थे। कोहली ने आते ही मैदान के चारों तरफ स्ट्रोक जड़ने शुरू किए और द्रुत गति से स्कोर को आगे बढ़ाने लगे। कोहली ने पहले मुरली विजय(108) के साथ तीसरे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी निभाई और फिर अजिंक्य रहाणे(82) के साथ चौथे विकेट के लिए दोहरी शतकीय साझेदारी निभाई। इस तरह टीम इंडिया बड़े स्कोर की ओर अग्रसित हो गई। विराट कोहली ने अपने करियर का चौथा दोहरा शतक तो जमाया ही साथ ही कई रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिए। ये कोहली के दोहरे शतक का ही असर था कि टीम इंडिया ने पहली पारी में 687/6 का स्कोर बनाया और यहीं से बांग्लादेश टीम दबाव में आ गई। भारत बनाम बांग्लादेश, टेस्ट, लाइव स्कोरकार्ड जानने के लिए क्लिक करें…

इसके अलावा कोहली ने कप्तानी में भी जबरदस्त की। कोहली को जब भी उनके गेंदबाज ने रिव्यू लेने के लिए बोला उन्होंने तुरंत ले लिया। वैसे इस मामले में कोहली को सफलता सिर्फ 50 प्रतिशत मिली। लेकिन कोहली के अंदाज को देखकर ऐसा लगा कि उन्हें अपने गेंदबाज की बातों पर ज्यादा भरोसा है और वह फौरन रिव्यू लेकर इस बात को अमल में लाए। कोहली ने पुछल्ले बल्लेबाजों के लिए टाइट फील्डिंग लगाई थी जिससे कई बल्लेबाजों ने दबाव में आकर अपने विकेट दे दिए।

2. उमेश यादव और ईशांत की धारदार गेंदबाजी: टीम इंडिया टेस्ट मैच अब तक स्पिनरों की बदौलत जीतती आई थी लेकिन इस मैच में तेज गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी की और टीम इंडिया को जरूरी ब्रेकथ्रू दिलवाए। उमेश यादव ने पहली पारी में 14वें ओवर से ही गेंदों को रिवर्स स्विंग करवाना शुरू कर दिया था। अमूमन जब गेंद नई होती है तब गेंदबाज के लिए गेंद को रिवर्स स्विंग कराना आसान नहीं होता। लेकिन उमेश का इस तरह से गेंदबाजी करना उनकी अच्छी फॉर्म को दर्शा रहा था। उमेश ने अंततः पहली पारी में तीन विकेट निकाले और बांग्लादेशी पारी को 388 रनों पर ऑलआउट करने में अहम भूमिका निभाई। वहीं दूसरी पारी में तेज गेंदबाजी की बागडोर ईशांत शर्मा ने थामी। आनन- फानन में दो विकेट लेते हुए उन्होंने विपक्षी टीम को ढहाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन दोनों की जोड़ी से कुछ ऐसी ही गेंदबाजी की अपेक्षा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में भी होगी।   ये भी पढ़ें: भारत बनाम बांग्लादेश टेस्ट, पांचवां दिन (लाइव ब्लॉग)

3. रिद्धिमान साहा का शानदार प्रदर्शन: रिद्धिमान साहा जिन्होंने इस टेस्ट मैच के साथ वापसी की थी। उन्होंने मैच के दूसरे दिन शानदार शतक जमाया और जता दिया कि वह अच्छी विकेटकीपिंग के साथ अच्छी बल्लेबाजी भी कर सकते हैं। इसके अलावा साहा ने चार कैच भी पकड़े और मैदान में अच्छी चपलता दिखाई। जिस तरह का साहा ने मैच में प्रदर्शन किया है। उसे देखते हुए पार्थिव पटेल की बतौर विकेटकीपर टीम में वापसी की संभावनाएं अब लगभग खत्म हो गई हैं। साहा ने जिस तरह से बल्लेबाजी की उसने भारतीय निचले मध्यक्रम को और भी सशक्त बना दिया है। ये चीजें टीम इंडिया के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 23 फरवरी से शुरू हो रही सीरीज में मददगार साबित हो सकती हैं।

4. फिर दिखा भारतीय स्पिन जोड़ी का कमाल: भारतीय टीम की स्पिन जोड़ी अश्विन और जडेजा पहली पारी में नकारा साबित हुए थे। पहली पारी में दोनों सिर्फ तीन विकेट ले पाए थे। चूंकि, इसमें उनका दोष नहीं था क्योंकि पिच से उनको बिल्कुल भी मदद नहीं मिल रही थी। लेकिन खेल के चौथे और पांचवें दिन कहानी बदल गई। अश्विन और जडेजा ने दूसरी पारी में 4-4 विकेट लिए और विपक्षी टीम की पारी को ढहाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिस तरह से अश्विन प्रदर्शन कर रहे हैं। उसे देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भी सोच में पड़े होंगे कि कैसे उन्हें अगली सीरीज में भारत की इस खतरनाक स्पिन जोड़ी का तोड़ ढूंढना है। गौर करने वाली बात है कि पिछली बार जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया था तब भी वे स्पिन से खासे परेशान हुए थे।

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5. मुरली विजय, पुजारा का शानदार प्रदर्शन: ये अमूमन बहुत कम देखने को मिलता है जब टीम इंडिया के शीर्ष क्रम के हर बल्लेबाज के बल्ले से रन बरसें। पिछली कुछ पारियों में मुरली कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे और जैसे ही वह हैदराबाद टेस्ट में उतरे वह विश्वास से भरे हुए थे। उन्होंने आते ही चौकों- छक्कों की बरसात की कर दी और दूसरे विकेट के लिए पुजारा के साथ 176 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई। इसके कुछ देर बाद उन्होंने शतक भी पूरा किया और भारतीय पारी को मजबूती प्रदान की। इसके अलावा पुजारा ने भी उनका अच्छा साथ निभाया। पुजारा इस मैच में गजब की टाइमिंग के साथ स्ट्रोक लगा रहे थे। पहली पारी में जहां उन्होंने 83 रनों की पारी खेली वहीं दूसरी पारी में 58 गेंदो पर तेजतर्रार 54 रन बनाए और जता दिया कि वह वनडे क्रिकेट में छाप छोड़ने के लिए तैयार है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बेहतरीन बल्लेबाजी की दावेदारी को चयनकर्ता कितनी गंभीरता से लेते हैं।