साउथम्पटन टेस्ट में भारत ने शुरुआत काफी शानदार की थी। पहली पारी में बढ़त हासिल करने के बाद भी टीम इंडिया को चौथे टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड की टीम पहली पारी में पिछड़ने के बाद भी भारत को हराने में कामयाब रही।
सीरीज के चौथे टेस्ट में भारतीय टीम ने पहले गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड को 246 रन पर समेटने में कामयाब रही। चेतेश्वर पुजारा की नाबाद शतकीय पारी की बदौलत 273 रन बनाकर 27 रन की बढ़त भी हासिल की। इसके बाद भी भारतीय टीम 60 रन से मैच हार गई।
भारत से पिछड़ने के बाद जीती इंग्लैंड
भारतीय टीम से पहली पारी में पिछड़ने के बाद भी इंग्लैंड ने जीत दर्ज की हो। साल 1936 में भारतीय टीम ने लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में 147 रन बनाए थे और इंग्लैंड को 134 पर समेट 13 रन की बढ़त बनाई थी। दूसरी पारी में इंग्लैंड ने भारत को 93 रन पर ढेर कर मुकाबला 9 विकेट से अपने नाम किया था।
ट्रेंट ब्रिज में साल 2011 में खेले गए टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की पूरी टीम 221 रन पर ढेर हो गई थी और भारत ने 288 रन बनाकर 67 रन की लीड बनाई थी। दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 544 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया जिसके आगे भारतीय टीम महज 158 रन पर ही ऑलआउट हो गई। भारत को 319 रन की करारी हार मिली।
टॉप ऑर्डर को सस्ते में समेटा
साउथम्पटन में जो हुआ भारतीय टीम को इससे पहले चार मौकों पर ऐसी ही परिस्थिति का सामना करना पड़ा है। चार बार आधी टीम को पवेलियन भेजने के बाद पुछल्ले बल्लेबाजों ने टीम पर हार का वार किया है।
साल 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम ने महज 26 रन पर छह विकेट गिरा दिए थे फिर भी भारत यह मैच हार गया।
2006 में पाकिस्तान के खिलाफ ही कराची में 39 रन पर भारत ने छह विकेट झटक लिए थे लेकिन फिर भी टीम जीत से महरूम रह गई।
1987 में पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए 68 रन पर भारतीय गेंदबाजों ने छह विकेट गिरा दिए थे लेकिन फिर भी नजीता टीम के हक में नहीं रहा।
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साल 1992 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने महज 81 रन पर मेजबान के छह विकेट गिरा दिए थे लेकिन पुछल्ले बल्लेबाजों ने भारतीय टीम के हार छीन ली।
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