Devbrat Bajpai
देवब्रत वाजपेयी क्रिकेटकंट्री हिंदी के साथ senior correspondent के पद पर कार्यरत हैं
Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - October 30, 2016 12:36 PM IST
शनिवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ विशाखापत्तनम खेले गए पांचवें वनडे मैच में टीम इंडिया ने 190 रनों के विशाल अंतर से जीत दर्ज करते हुए वनडे सीरीज 3-2 से अपने नाम कर ली। इस तरह टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज 3-0 से जीतने के बाद वनडे सीरीज में भी न्यूजीलैंड टीम के मंसूबों पर पानी फेर दिया और न्यूजीलैंड टीम को बेरंग ही अपने घर लौटना पड़ा। गौर करने वाली बात है कि भले ही टीम इंडिया ने सीरीज 3-2 से अपने नाम कर ली हो लेकिन कुछ कमियां साफतौर पर सामने आ गई हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए जब टीम की घोषणा की गई तो स्क्वाड में ज्यादातर युवाओं को चुना गया। ये बात चौंकाने वाली थी क्योंकि इतनी ज्यादा संख्या में युवा खिलाड़ियो को शामिल किए जाने की उम्मीद किसी ने नहीं की थी। लेकिन फिर बात समझ में आई कि ये सिलेक्शन आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2017 को ध्यान में रखकर किया गया है। लेकिन उम्मीदों के विपरीत न्यूजीलैंड सीरीज में युवा खिलाड़ी कुछ खास करने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। गौरतलब है कि टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी के पहले कुल मिलाकर 3 वनडे मैच खेलने हैं। ऐसे में अगली वनडे सीरीज में टीम इंडिया अपने नियमित खिलाड़ियों के साथ खेलते नजर आए तो इसमें कोई दो राय नहीं है। वर्तमान सीरीज में टीम इंडिया के प्रदर्शन को देखते हुए कई खिलाड़ियों की छंटनी तो होना लगभग तय है। आइए आपको बताते हैं कौन हैं ये खिलाड़ी। भारत बनाम न्यूजीलैंड पांचवें वनडे का फुल स्कोरबोर्ड पढ़ें यहां पढ़ें
1. मनीष पांडे: इस सीरीज में मनीष पांडे को टीम इंडिया में मध्यक्रम विशेषज्ञ के तौर पर शामिल किया गया था। लेकिन इस सीरीज में खेले गए पांच मैचों में उन्होंने अपने प्रदर्शन से खासा निराश किया है। उन्होंने 5 मैचों में 19 की मामूली औसत के साथ महज 76 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 82 का रहा है। साथ ही उनका सर्वोच्च स्कोर 28* रहा है जो उन्होंने मोहाली वनडे में बनाया था। पांचवें वनडे में वह शून्य पर आउट हो गए थे। मनीष पांडे ने सीरीज के अमूमन हर मैच में शुरुआत तो बेहतर की थी लेकिन वह हर मौके पर स्कोर को बड़े स्कोर में मुकम्मल नहीं कर सके। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मनीष एक अच्छे बल्लेबाज हैं। लेकिन उनकी अनिरंतरता चयनकर्ताओं के गले में उतरे ये संभव प्रतीत नहीं होता।
चूंकि, लाइन में युवराज सिंह, गौतम गंभीर जैस दिग्गज लगे हुए हैं। ऐसे में मनीष का टीम में स्थान बरकरार रख पाना मुमकिन नजर नहीं आता। चौथा मैच हारने के बाद धोनी ने पांडे समेत सभी युवा खिलाड़ियों के शॉट सिलेक्शन पर भी सवाल उठाए थे और कहा था कि उन्हें सीखना होगा कि हर समय स्ट्रोक नहीं लगाए जाते। जाहिर है कि इसका इशारा मनीष पांडे की ओर भी था। ऐसे में पांडे पर तलवार तो पहले से ही लटक चुकी थी। रही सही कसर उन्होंने पांचवें वनडे में शून्य पर आउट होकर पूरी कर दी।
2. केदार जाधव: न्यूजीलैंड सीरीज के पहले केदार जाधव ज्यादातर जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलते नजर आए थे और इस दौरान उन्होंने शतक भी जड़ा था। लेकिन न्यूजीलैंड सीरीज में केदार का जादू जाने कहां गुम हो गया और वह हर मैच में रनों के लिए तरसते नजर आए। जाधव ने इस सीरीज में खेले 5 मैचों की 4 पारियों में 45 की औसत से 90 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 103 का रहा है। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 41 रन रहा है। गौर करने वाली बात है कि इन तीनों मौकों पर वह लापरवाही से शॉट खेलते हुए आउट हुए हैं। हालांकि, गेंदबाजी में उन्होंने जरूर हाथ दिखाए और 6 विकेट ले डाले। लेकिन उनकी गेंदबाजी की पोल चौथे मैच में खुल गई जब वह कोई भी विकेट लेने में कामयाब नहीं हो पाए। पांचवें वनडे में जरूर वह बड़ा स्कोर बनाने के लिए आतुर नजर आए लेकिन क्या उनकी एक पारी पारी उन्हें टीम इंडिया में बरकरार रख पाएगी। गौर करने वाली बात है वह इस सीरीज में अर्धशतक भी नहीं लगा पाए हैं।
3. अक्षर पटेल: अक्षर पटेल को टीम में रविंद्र जडेजा की जगह शामिल किया गया था ताकि वह एक गेंदबाजी ऑलराउंडर की भूमिका निभाते। लेकिन पूरी सीरीज में अब तक न ही वह गेंदबाजी में कोई कमाल दिखा पाए और न ही बल्लेबाजी में। अब तक खेले गए 5 मैचों में उन्होंने 3 मैचों में बल्लेबाजी की 26.3 के औसत से 79 रन बनाए। वहीं विकटों के लिए वह पूरी सीरीज में ही तरसते नजर आए हैं और 5 मैचों में कुल 4 विकेट लेने में ही कामयाब हुए हैं। ऐसा कतई नहीं है कि उन्हें धोनी ने गेंदबाजी नहीं दी बल्कि अमूमन हर मैच में 10 ओवर फेंकने को दिए गए हैं। लेकिन इसके बावजूद वह फीके साबित हुए। जाहिर है कि अगली सीरीज में रविंद्र जडेजा की वापसी होते ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
4. हार्दिक पांड्या: धर्मशाला में खेले गए पहले वनडे मैच में जब हार्दिक पांड्या ने 31 रन देकर 3 विकेट लिए तो ऐसा लगा कि वह इस सीरीज में कमाल करने वाले हैं। लेकिन सीरीज के अगले तीन मैचों में वह गेंदबाजी में बुरी तरह से फ्लॉप नजर आए और कुल 1 विकेट ही ले सके। पूरी सीरीज में अब तक वह 4 विकेट लेने में ही कामयाब हुए हैं। मोहम्मद शमी की अनुपस्थिति में उनके पास यह एक सुनहरा मौका था कि वह टीम में अपना स्थान बैटिंग ऑलराउंडर के रूप में दर्ज करा पाते लेकिन गेंदबाजी के साथ ही वह बल्लेबाजी में भी फेल रहे। पांड्या ने चार मैचों की दो पारियों में 45 रन बनाए हैं और इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 36 रन रहा है। पांड्या प्रेशर की स्थिति में भी बड़े शॉट खेलने से बाज नहीं आते। यही कारण रहा कि टीम इंडिया को वनडे मैच हारने पड़े। यही कारण रहा कि पांड्या को अंतिम वनडे में अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया गया। जाहिर है कि शमी के टीम में वापस आते ही पांड्या की छुट्टी तो पक्की है।
5. जयंत यादव: जयंत यादव को बतौर स्पिनर टीम में शामिल किया गया था और उन्हें अंतिम वनडे में जाकर मौका दिया गया। अंतिम वनडे में उसे सिर्फ 4 ओवर ही फिकवाए गए जिनमें उन्होंने 8 रन देकर एक विकेट लिया। जाहिर है कि इस प्रदर्शन के साथ वह अगली सीरीज के लिए टीम में जगह बना पाएं ये संभव प्रतीत नहीं होता।
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