Devbrat Bajpai
देवब्रत वाजपेयी क्रिकेटकंट्री हिंदी के साथ senior correspondent के पद पर कार्यरत हैं
Written by Devbrat Bajpai
Last Published on - September 24, 2016 10:44 AM IST
क्रिकेट के अन्य फॉर्मेटों की तरह टी20 क्रिकेट में भी भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच कुछ दिलचस्प भिड़ंत देखने को मिली हैं। उनमें से एक है ‘भारत-पाकिस्तान और बॉल आउट’। जी हां हम बात कर रहे हैं साल 2007 टी20 विश्व कप की। इस विश्व कप को दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया गया था। लेकिन 14 सितंबर 2007 को भारत और पाकिस्तान के बीच जिसने सरगर्मी और उतार-चढ़ाव वाली क्रिकेट देखी वह इन दोनों देशों की क्रिकेट का कायल हो गया। इसी मैच के 10 दिनों के बाद भारतीय टीम ने फाइनल मैच में पाकिस्तान को हराकर टी20 विश्व कप जीत लिया। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि भारतीय टीम की जीत की आधारशिला 14 सितंबर को खेले गए इस मैच से ही रखी गई थी।
डरबन, किंग्समीड में खेले गए इस मैच में पाकिस्तान के कप्तान शोएब मलिक ने टॉस जीतकर भारतीय टीम को बल्लेबाजी के लिए बुलाया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने अपना पहला विकेट गौतम गंभीर के रूप में जल्दी ही गंवा दिया जब गंभीर को मोहम्मद आसिफ ने अपनी ही गेंद पर लपक लिया। गंभीर ने शून्य रन बनाए। इसके बाद पारी के तीसरे ओवर में ही आसिफ ने खतरनाक बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग को क्लीन बोल्ड कर दिया। सहवाग ने 5 रन बनाए। इस तरह भारतीय टीम 9 रनों पर दो विकेट गंवाने के साथ मुश्किल में नजर आ रही थी। इससे पहले कि भारतीय टीम संभल पाती आसिफ ने युवराज को 1 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर आउट करते हुए भारतीय टीम को 19 रनों के कुल योग पर तीसरा झटका दे डाला।
आसिफ का आतंक यहीं नहीं थमा और उन्होंने अगले बल्लेबाज दिनेश कार्तिक को 11 रनों के व्यक्तिगत स्कोर पर बोल्ड कर दिया। इस तरह भारतीय टीम ने 36 रनों के मामूली स्कोर पर अपने चार प्रमुख विकेट गंवा दिए थे। लेकिन इसी बीच रॉबिन उथप्पा ने धैर्य भरी पारी खेली और 4 चौकों और एक छक्के के सहारे 39 गेंदों में 50 रनों की पारी खेली। दूसरे छोर पर महेंद्र सिंह धोनी ने भी उनका अच्छा साथ निभाया। उथप्पा भारत के पांचवें विकेट के रूप में आउट हुए। उथप्पा के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए इरफान पठान ने शाहिद अफरीदी के एक ओवर में लगातार दो छक्के लगाए और एक समय डांवाडोल होती नजर आ रही भारतीय टीम को सम्मानजनक स्कोर की ओर अग्रसर किया। पठान ने 20 रनों की पारी खेली। वहीं धोनी भी 36 रन बनाकर आउट हुए। अंतिम ओवरों में आगरकर ने भी अच्छे हाथ दिखाए और 9 गेंदों में 14 रन बटोरे। इस तरह सभी खिलाड़ियों के योगदान की बदौलत भारतीय टीम ने निर्धारित 20 ओवरों में 9 विकेट पर 141 रनों का स्कोर खड़ा किया। पाकिस्तान के लिए मोहम्मद आसिफ सबसे सफल गेंदबाज रहे और उन्होंने 18 रन देकर चार विकेट लिए ।
जवाब में भारत के द्वारा दिए गए 142 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। भारतीय गेंदबाज आर पी सिंह ने पाकिस्तानी सलामी बल्लेबाज इमरान नज़ीर को तीसरे ओवर की पहली गेंद पर ही 7 रनों के व्यक्तिगत स्कोर पर क्लीन बोल्ड कर दिया। इसके पहले कि पाकिस्तानी बल्लेबाज अपने आपको संभाल पाते अजीत आगरकर ने सलमान बट को धोनी के हाथों झिलवाते हुए भारत को दूसरी सफलता दिलवाई। बट के आउट होने के कुछ ही देर बाद युवराज सिंह ने कामरान अकमल को रन आउट कर दिया और इस तरह पाकिस्तान टीम एक दम से दबाव में आ गई। अब बारी थी स्विंग मास्टर इरफान पठान की। पठान ने आते ही बिग मैन यूनिस खान को 2 रनों के व्यक्तिगत स्कोर पर क्लीन बोल्ड कर दिया और पाकिस्तान टीम 47 रनों पर चार विकेट गंवाने के साथ दबाव के तले लगभग दब गई।
लेकिन इसी बीच बल्लेबाजी करने आए शोएब मलिक और मिस्बाह उल हक विकेट पर जम गए और भारतीय गेंदबाजों की जमकर खबर ली। अब ऐसा लगने लगा कि जैसे मैच अब भारत के हाथों से निकल गया। लेकिन इसी बीच इरफान पठान फिर लौटे और शोएब मलिक(20) को हरभजन के हाथों झिलवाते हुए भारत की मैच में उम्मीदें फिर वापस लौटा दीं। लेकिन मिस्बाह ने बड़े शॉट्स खेलना जारी रखे। हरभजन ने नए बल्लेबाज शाहिद अफरीदी को कार्तिक के हाथों झिलवाया और भारत को 6ठी सफलता दिलवाई। मिस्बाह(53) ने अंत तक लड़ाई को जारी रखा और उन्होंने 20वें ओवर में रन आउट होने से पहले अपनी टीम के स्कोर को 141/7 तक पहुंचा दिया। इस तरह मैच टाई हो गया।
चूंकि टी20 क्रिकेट में टाई मैच का फैसला करने के लिए बॉल आउट का नियम है तो दोनों टीमों के खिलाड़ी मैदान पर बॉल आउट करने के लिए उतरे। इसके अंतर्गत नियम था कि दोनों टीमों के खिलाड़ियों को स्टंप्स पर तीन गेंदें फेंकनी होंगी और जो इन तीनों मौकों पर स्टंप्स की गिल्लियां ज्यादा बार बिखेरने में सफल रहता है उसे मैच विजेता करार दे दिया जाएगा। भारत की ओर से पहली गेंद सहवाग ने फेंकी और सहवाग ने पहली ही गेंद पर गिल्लियां बिखेर दीं। इस तरह भारतीय टीम ने एक प्वाइंट बना लिया। अब बारी थी पाकिस्तानी गेंदबाजों की। कप्तान मलिक ने इसकी जिम्मेदारी सबसे पहले यासिर अराफात को दी। लेकिन अराफात चूक गए। अब बारी थी भारतीय गेंदबाज की और धोनी ने हरभजन सिंह पर भरोसा जताया।
हरभजन ने यहां पर भी अपना जलवा दिखाया और लेग स्टंप्स की गिल्लियां बिखेर दीं। अब पाकिस्तान टीम के कप्तान ने उमर गुल को गेंद फेंकने के लिए बुलाया, लेकिन उमर गुल भी गेंद को स्टंप्स में मारने में नाकामयाब रहे। इस तरह पाकिस्तान 2-1 से बॉल आउट में पिछड़ चुका था। भारतीय कप्तान ने रॉबिन उथप्पा को गेंद फेंकने के लिए बुलाया और उथप्पा ने भी गिल्लियां बिखेर दीं। इस तरह भारत ने अपने तीनों के तीनों मौकों को भुनाया। अब सुपर ओवर में सिर्फ औपचारिकताएं शेष थी। पाकिस्तान की ओर से तीसरी गेंद शाहिद अफरीदी फेंकने के लिए आए और अफरीदी भी गिल्लियां बिखरने में नाकामयाब रहे। इस तरह भारत ने सुपर ओवर में पाकिस्तान को 3-0 से हरा दिया।
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