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आखिरी ओवर में 18 रन ठोकने के बावजूद नहीं जीत सकी SRH, बुमराह ने जबड़े से निकाली जीत
जसप्रीत बुमराह ने सुपर ओवर में हैदराबाद को सस्ते में सिमटाया। हार्दिक पांड्या ने छक्का लगाकर दिलाई मुंबई को जीत।
Written by Sandeep Gupta
Last Updated on - May 3, 2019 10:47 AM IST

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में मेजबान टीम ने हैदराबाद पर सुपर ओवर में रोमांचक जीत दर्ज कर प्लेऑफ में अपनी जगह पक्की कर ली, लेकिन ये जीत मुंबई के लिए इतनी भी आसान नहीं रही। डेविड वार्नर और जॉनी बेयरस्टो जैसे धुरंधर बल्लेबाजों की गैर मौजूदगी में भी हैदराबाद ने मेजबान टीम को अपने घर में नाको चने चबवा दिए। आइये जानते हैं मैच के कुछ महत्वपूर्ण पलों के बारे में।
क्रुणाल पांड्या-राहुल चाहर के ओवर बने गेम चेंजर
163 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान हैदराबाद को रिद्धिमान साहा 25(15)और मार्टिन गुप्टिल 15(11) ने अच्छी शुरुआत दिलाई। दोनों ने पहले विकेट के लिए 40 रन जोड़े। दोनों सलामी बल्लेबाजों को जसप्रीत बुमराह ने टीम के 67 रन के स्कोर पर निपटाया। जिसके बाद गेंदबाजी अटैक पर लगाए गए क्रुणाल पांडया ने हैदराबाद के गेंदबाजों को बांध कर रखा। क्रुणाल ने आंठवें ओवर में हैदराबाद के कप्तान केएन विलियमसन 3(7) को एलबीडब्ल्यू आउट किया। जिसके बाद 14वें ओवर में उन्होंने विजय शंकर 12(17) को डगआउट का रास्ता दिखाया।
राहुल इस मैच में कोई विकेट तो नहीं निकाल पाए लेकिन उन्होंने अपने चार ओवर में महज 5.25 की इकनॉमी से रन दिए। क्रुणाल ने भी 5.50 की इकनॉमी से रन दिए। हैदराबाद के मध्यक्रम को बांध कर रखने के कारण अंत में रनों और गेंद के बीच फासला इस कदर बढ़ गया कि मेहमान टीम को आखिरी ओवर में जीत के लिए 18 रन की दरकार पड़ गई। मैच के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने भी क्रुणाल और दीपक की गेंदबाजी की सराहना की।
मनीष पांडे ने उठाई जिम्मेदारी
जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ रहा है मनीष पांडे की परिपक्वता भी देखने को मिल रही है। टीम के स्टार बल्लेबाज डेविड वार्नर और जॉनी बेयरस्टो के जाने के बाद पांडे ने रन बनाने की जिम्मेदारी अच्छे से उठा ली है। मौजूदा मैच में 40 रन पर पहला विकेट गिरने के बाद पांडे तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे, लेकिन दूसरे छोर पर विकेट लगातार गिरते रहे। 105 रन के स्कोर पर आधी टीम डगआउट लौट चुकी थी। ऐसे में मनीष पांडे ने एक छोर पर मोर्चा संभाले रखा। उन्होंने 47 गेंद पर 71 रन की नाबाद पारी खेली। इस दौरान उन्होंने आठ चौके और दो छक्के लगाए।
आखिरी ओवर में टीम को जीत के लिए 18 रन की दरकार थी, लेकिन पहली पांच गेंदों पर बल्लेबाज 11 रन ही बना पाए। अब हैदराबाद को जीत के लिए आखिरी गेंद पर सात रन चाहिए थे। एक गेंद पर सात रन बनाना तो संभव नहीं है, लेकिन मनीष पांडे ने मिडविकेट की दिशा में छक्का लगाकर मैच को सुपर ओवर में पहुंचाया। हालांकि वो सुपर ओवर में टीम को जीत नहीं दिला सके।
क्विंटन डी कॉक ने खेली बेहद धीमी पारी
मुंबई की बल्लेबाजी की बात की जाए तो ओपनर क्विंटन डी कॉक इस मैच में लय में दिखे। उन्होंने 58 गेंद पर 69 रन की नाबाद पारी खेली। इस दौरान डी कॉक के बल्ले से छह चौके और दो छक्के निकले। डी कॉक ने 118.97 की स्ट्राइकरेट से रन बनाए, जिसे टी20 क्रिकेट में एक सलामी बल्लेबाज के लिए काफी कम माना जाता है। बेहद धीमी पारी के लिए उन्हें कमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज की आलोचना का सामना भी करना पड़ा। खलील अहमद ने मुंबई के तीन बल्लेबाजों को आउट किया। बीच के ओवरों में व अंतिम क्षणों पर मुंबई के रन बनाने की रफ्तार बेहद धीमी रही। क्विंटन डी कॉक के अलावा अगर कोई अन्य बल्लेबाज जिम्मेदारी उठाता तो मुंबई मैच में 180 से 190 रन का लक्ष्य भी आसानी से रख सकती थी।
सुपर ओवर में बुमराह ने बचाई मुंबई की लाज
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मैच के दौरान हैदराबाद के दोनों सलामी बल्लेबाजों को डगआउट का रास्ता दिखाने वाले जसप्रीत बुमराह को कप्तान रोहित शर्मा ने सुपर ओवर में गेंदबाजी की जिम्मेदारी दी। बुमराह ने रोहित को निराश नहीं किया और हैदराबाद को महज आठ रन पर ही समेट दिया। ओवर की पहली ही गेंद पर मनीष पांडे तालमेल की कमी के कारण रन आउट हो गए। तीसरी गेंद पर मोहम्मद नबी ने छक्का जरूर लगाया, लेकिन चौथी गेंद पर वो भी बोल्ड हो गए। सुपर ओवर में नौ रन के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान हार्दिक पांड्या के छक्के की मदद से तीसरी गेंद पर ही मुंबई ने ये मैच जीत लिया।